काले रंग के खंड मुख्य ब्लॉकचेन को दिखा रहे है,  जामुनी रंग के ब्लॉक मुख्य ब्लॉकचेन से अलग हो चुके है और हरे रंग के ब्लॉक अभी चल रहे ब्लॉक को दिखाते है ।

अगर हम 21वी सदी की कुछ सबसे बड़ी व कामयाव खोजो की बात करे तो निश्चित तौर पर ब्लॉकचेन तकनीक उसमे से एक मुख्य खोज होगी |
माना जाता है कि सन 2009 में जापान में रहने वाले एक व्यक्ति “सतोषी नाकामोटो” ने सबसे पहली बार क्रिप्टोग्राफी तकनीक का इस्तेमाल करके आभासी मुद्रा क्रिप्टोमुद्रा को बनाने के लिए ब्लॉकचेन का प्रयोग किया |
एक ब्लॉकचेन मुख्य रूप से ब्लॉक यानि खंड चेन यानि श्रृंखला की बढ़ती हुई सूचि है | सरल भाषा में यह एक तरह का बही खाता या किताब है जिसमे लेन देन का हिसाब किताब रखा जाता है, इस तरह कंप्यूटर तकनीक से बनाई गई एक बही को ब्लॉक जिसे हम हिंदी में खंड कह सकते है का नाम दिया गया है | जब एक के बाद दूसरा और फिर तीसरा ब्लॉक बनता जाता है तो इस श्रृंखला को ब्लॉकचेन या खंड श्रृंखला कहते है (चित्र को देखे) | यह सभी ब्लॉक  क्रिप्टोग्राफी के इस्तेमाल से आपस में जुड़े होते है और हर नए ब्लॉक में पुराने ब्लॉक का एक क्रिप्टोग्राफिक  कोड होता है जिसे हैश कहते है(हैश को हम एक अलग लेख में समझने की कोशिश करेंगे) | कितनी देर में कितना ब्लॉक बनेगा और लेन देन का डाटा एक मार्कल ट्री रूट हैश के रूप में दिखाया जाता है (चित्र में देखे) |
ब्लॉकचेन की संरचना को इस तरह बनाया जाता है कि इसमें दर्ज खातों से छेड़ छाड़ न की जा सके | यह एक ओपन सोर्स यानिकि खुला वितरण बही खता है जो दो व्यतियो के बीच लेनदेन को कुशलता पूर्वक स्थाई तौर पर रिकॉर्ड करता है |
एक वितरित बही (लेजर ) के रूप में इस्तेमाल के लिए एक ब्लॉकचेन को एक सहकर्मी से दूसरे सहकर्मी नेटवर्क द्वारा सामूहिक रूप से अंतर नोड संचार के लिए एक निर्देश का पालन करने और नए ब्लॉक को स्वकृति करने के लिए बाध्य किया जाता है |
यदि एक ब्लॉक में कोई बदलाव करना हो तो इसके लिए पहले से अंत तक सभी ब्लॉक में बदलाव करना पड़ता है जिसके लिए नेटवर्क बहुमत की जरुरत पड़ती है |
अगले लेख में आप को कुछ और आगे समझने की कोशिश करेंगे |