05/05/2021 बुधवार

मार्च 2020 में भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने क्रिप्टो और रिज़र्व बैंक के बीच चल रहे एक कोर्ट केस के बारे में फ़ैसला क्रिप्टो के पक्ष में दिया।इस फ़ैसले में कहा गया था की “रिज़र्व बैंक ने क्रिप्टो खरीदने और बेचने के लिए बैंक के सेवा न देने की जो रोक लगा रखी है वह रिज़र्व बैंक के अधिकार क्षेत्र से बहार है और रिज़र्व बैंक यह रोक नहीं लगा सकता।कोर्ट ने आगे कहा कि “इस विषय पर कानून बनाने का अधिकार सरकार के पास है”।रिज़र्व बैंक ने जब यह रोक लगाई थी उस समय सभी बैंक को एक आदेश के द्वारा यह सूचित किया गया था कि किसी भी तरह के क्रिप्टो लेनदेन के लिए बैंक एकाउंट के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए।लेकिन जब रिज़र्व बैंक की इस रोक को न्यायालय ने हटा दिया तो इसके बाद रिज़र्व बैंक ने सभी बैंको को यह आदेश दिया या नहीं यह पता नहीं ?इस बारे में काफी बार पूछने पर भी रिज़र्व बैंक ने जवाब नहीं दिया।

बैंक पिछले काफी समय से क्रिप्टो का इस्तेमाल करने वालो के एकाउंट बंद कर रहा है।सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी अगर बैंक ऐसा कर रहा है तो यह न्याय पालिका का अपमान है।यह भी हो सकता है कि बैंक को पता ही न हो की अब रिज़र्व बैंक की वह रोक हट गई है,हालांकि इस बात की सम्भावनाएं न के बराबर है।पिछले कुछ समय से बैंक की इसी सेवा की कमी के कारण क्रिप्टो एक्सचेंज और क्रिप्टो समुदाय को बहुत ज्यादा समस्या हो रही है।सही समय पर बैंक से एक्सचेंज एकाउंट में पैसा नहीं जा रहा और एक्सचेंज से एकाउंट में पैसा जाने में भी समस्या आ रही है।इस कारण सबसे बड़ा नुक्सान हो रहा है भारत की सबसे बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज वज़ीरएक्स  का।इसका सबसे बड़ा कारण है की वज़ीरएक्स एक्सचेंज पर सबसे ज्यादा भारतीय रुपए से क्रिप्टो की ट्रेडिंग होती है।पिछले कुछ समय से क्रिप्टो में निवेश करने वाले नए लोगों की संख्या भी बढ़ी है।ऐसे में पहले ही एक्सचेंज के ऊपर ज्यादा भार था लेकिन बैंक की अनियमित सेवाओं के कारण एक्सचेंज   की समस्या और बढ़ गई है।

बैंक की इन्हीं समस्याओं को देखते हुए क्रिप्टो एक्सचेंज वज़ीरएक्स के सह-संस्थापक निश्चल शेट्टी ने एक ट्वीट किया –

इस ट्वीट में लिखा है कि – भारतीय बैंको के विरोधाभास के कारण 1.5 करोड़ मूल्य के क्रिप्टो क्षेत्र का नुक्सान हो रहा है।माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 2018 की रिज़र्व बैंक की रोक को खारिज कर दिया था।भारतीय बैंक अभी भी रिज़र्व बैंक के उसी आदेश को मानते हुए सेवा देने से इंकार कर रहे हैं”।निश्चल #IndiaWantsCrypto का एक अभियान चला रहे हैं और इसी अभियान के 915 दिन पर यह ट्वीट किया गया है।निश्चल ने कुछ समय पहले क्रिप्टो कानून यूट्यूब चैनल पर एक लाइव प्रोग्राम में सभी क्रिप्टो समुदाय से यह कहा था की आप बैंक से सवाल करें कि “बैंक क्रिप्टो को सेवाएं देने से मना क्यों कर रहे हैं”?

क्रिप्टो न्यूज़ हिंदी ने इस लाइव के अगले दिन से ही यह अभियान शुरू कर दिया था और अब यह अभियान हर दिन बैंक से यह पूछेगा कि बैंक ऐसा क्यों और किस अधिकार से कर रहे हैं ?

बैंक का इस तरह का व्यवहार कानून के खिलाफ तो है ही,साथ ही बैंक के इस कदम से करोड़ों डॉलर की क्रिप्टो इंडस्ट्री का नुक्सान हो रहा है।इस समय क्रिप्टो क्षेत्र में बहुत तेज़ी है और कोरोना के कारण जो लोग नौकरियों से वंचित हो चुके हैं या जिनके पास काम नहीं रहा वह घर में रह कर इस समय क्रिप्टो से आजीविका चला रहे हैं लेकिन बैंक के इस कदम से लोगों का बड़ा नुक्सान हो रहा है। इस बारे में रिज़र्व बैंक को तुरंत एक आदेश पारित करना चाहिए जिस के अंतर्गत बैंको को यह आदेश दिए जाए कि “क्रिप्टो के लेनदेन के लिए बैंक सभी तरह कि सुविधाएं प्रदान करें”।

सरकार इस विषय पर काम कर रही है और वित्य मंत्री इस विषय पर कह भी चुकी है कि “क्रिप्टो के विषय में सरकार विचार कर रही है और क्रिप्टो पर पूर्ण प्रतिबन्ध का कोई विचार सरकार नहीं कर रही है।” बैंको को यह सोचना चाहिए कि वह भी अपनी सेवाएं क्रिप्टो एक्सचेंज और क्रिप्टो समुदाय के लिए सुचारु रूप से शुरू करें क्योंकि उनके ऐसा न करने से क्रिप्टो क्षेत्र का बहुत बड़ा नुक्सान हो रहा है।
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