21 जुलाई 2023 शुक्रवार (क्रिप्टो न्यूज़ हिंदी)
एक तरह अमेरिका क्रिप्टो पर सख्त रूख अपना रहा है तो दूसरी तरफ गल्फ देश जैसे दुबई “क्रिप्टो के लिए आरामदायक व सहयोगात्मक दृष्टीकोण अपनाते हुए अपने देश में क्रिप्टो के लिए सुविधाएं दे रहा है। इसी बीच कुवैत ने क्रिप्टो और बिटकॉइन पर प्रतिबंध लगा कर सारे क्रिप्टो समुदाय को चौंका दिया है।
कुवैत सरकार ने क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाने के पीछे निम्नलिखित कारण दिए हैं:-
●कुवैत सरकार ने बिटकॉइन और क्रिप्टो को बैन करने का फैसला इस वजह से किया है क्योंकि उसे लगता है कि ये मुद्रा अस्थिर और असुरक्षित हैं।
●कुवैत सरकार को यह भी चिंता है कि बिटकॉइन और क्रिप्टो का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया जा सकता है।
●कुवैत सरकार का कहना है कि बिटकॉइन और क्रिप्टो को बैन करने से देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान नहीं होगा क्योंकि देश के पास पर्याप्त मात्रा में तेल और गैस है।
अगर हम कुवैत की इन बातों पर गौर करें तो हम देखतें हैं कि कुवैत में 2017 के बाद कोई आतंकी हमला नहीं हुआ है। कोई बडा आतंकी संगठन भी कुवैत से संचालित नहीं होता। इराक के इलावा कुवैत पर किसी देश ने हमला भी नहीं किया। इस लिए कुवैत का यह तर्क सही नहीं है की वह आतंकी फंडिंग को रोकने के लिए क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगा रहे हैं।
कुवैत की मुद्रा दुनिया की सबसे मजबूत मुद्राओं में से एक है। इस लिए कुवैत को अपनी मुद्रा की कीमत गिरने का डर भी नहीं है। मनी लॉन्ड्रिंग की बात करें तो मुद्रा की मजबूती के कारण विश्व के कई देशों से लोग कुवैत काम करने जाते हैं। यह अपने देश में पैसा भेजने के लिए बैंक वायर या स्विफ्ट की सुविधा लेते हैं लेकिन यह थोडी महंगी होती है। संभव है कि यह लोग क्रिप्टो के साथ यह लेन-देन कर रहें हो। कुवैत में क्रिप्टो को किसी तरह की मान्यताप्राप्त नहीं है। न ही यहां के सरकारी विभाग ने क्रिप्टो एक्सचेंजस को कोई लाइसेंस ही दिया है।
कुवैत बिटकॉइन माइनिंग करने वालों की सबसे पसंदीदा जगह है। यहां पर बिजली पर सब्सिडी बहुत मिलती है और उद्योगीकरण पर टैक्स बहुत कम है। प्रति बिटकॉइन माइन करना आज भी सबसे अधिक मुनाफे में कुवैत में ही रहता है। अब जब कुवैत सरकार ने क्रिप्टो और बिटकॉइन माइनिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है तो माइनिंग वालों की समस्या सबसे ज्यादा है क्योंकि इनकी हार्डवेयर मशीने किसी काम की नहीं रहेंगी। आमतौर पर बिटकॉइन माइनिंग करने वाले लॉन ले कर माइनिंग के सेटअप लगाते हैं इस लिए इन्हें बडा नुकसान होगा।कुवैत से दुबई की दूरी अधिक नहीं है और संभावनाए यह हैं कि यहां के क्रिप्टो निवेशक और माइनिंग वाले दुबई जा सकते हैं। कुवैत से दुबई सडक मार्ग 1320 किलोमीटर है जो दूरी मात्रा 14 घंटे की है, ऐसे में मशीनों को यहां लाना मुश्किल नहीं होगा।
कुवैत के पडोसी देश जॉर्डन ने बिनांस को अपने देश में काम करने का लाइसेंस दिया हुआ है। यहां की दूरी भी 1348 किलोमीटर 15 घंटे के करीब ही है तो इस देश को भी विकल्प के तौर पर देखा जा सकता है। चीन ने क्रिप्टो को बंद किया तो हॉन्गकॉन्ग क्रिप्टो हब बन गया और इस देश को अब क्रिप्टो से बहुत मुनाफा हो रहा है। ऐसा ही कुवैत के साथ होगा, कुवैत अपनी कमाई अपने मित्र देशों को सौंप रहा है। कुवैत चाहता तो क्रिप्टो पर अच्छे नियम व कानून बना कर इसे सही तरह से नियंत्रित कर सकता था। इससे से मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक लगती व आतंकवाद की फंडिंग पर भी लेकिन कुवैत ने बैन करना सही समझा जिसका नुकसान क्रिप्टो निवेशकों व माइनिंग करने वालों को होगा।
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