16 जुलाई 2022 (क्रिप्टो न्यूज़ हिंदी) शनिवार

अगर आप काफी समय से क्रिप्टो क्षेत्र में काम कर रहे हैं तो अपने बिटकॉइन की कीमत में कई बड़े उतार-चढ़ाव देखे होंगे। बिटकॉइन निवेश का एक ऐसा माध्यम बन कर उभरा है जहां पर निवेशक ने सही समय पर निवेश करके हज़ारों गुणा पैसा कमाया है। बिटकॉइन नेटवर्क को सफलतापूर्वक चलाने के लिए बिटकॉइन माइनर्स का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहता है। 2009 से आज तक इस प्रक्रिया में बहुत से बदलाव आए हैं। जैसे-जैसे बिटकॉइन नेटवर्क पर अधिक ट्रांजक्शन होनी शुरू हुई हैं, वैसे वैसे बिटकॉइन माइनर्स के लिए माइनिंग कठिनाई बढ़ी है। बिटकॉइन नेटवर्क पर होने वाली ट्रांजक्शन को सही तरीके के पूरा करने के लिए बिटकॉइन माइनिंग मशीनों में भी बहुत बदलाव आए हैं। अगर बिटकॉइन माइनिंग करने वाली मशीन बनाने वाली कंपनियों की बात करें तो इस मामले में चीन सबसे आगे है। चीन की कई बड़ी कम्पनियां बिटकॉइन माइनिंग मशीन बनाने का काम करती हैं। बिटकॉइन माइनिंग के मामले में भी कुछ समय तक चीन को चीनी माइनिंग रिग्स ही नंबर एक थी।

2020 के बाद बिटकॉइन की कीमत में धीरे-धीरे उछाल आने लगा था और यही कारण था कि बिटकॉइन को माइन करने वालों को बहुत बड़ा मुनाफा हो रहा था। बिटकॉइन माइनिंग में जो दो बातें सबसे मुख्य हैं, वह है बिजली की खपत और माइनिंग मशीनों का खर्च। चीन में बिजली बहुत ज्यादा सस्ती होने के कारण वहां पर बिटकॉइन की माइनिंग सबसे ज्यादा होती थी। दुनिया की कई बिटकॉइन माइनिंग करने वाली कम्पनियां चीन में अपनी रिग्स चला रही थी। पिछले दिनों चीन ने जब बिटकॉइन माइनिंग पर अपने देश में रोक रोक लगा दी तो बहुत से प्रोजेक्ट चीन से पडोसी देशों में चले गए। सम्भवता अभी भी चीन में बिटकॉइन माइनिंग हो रही हो इसमें कोई बड़ी बात नहीं है, क्योंकि चीन के कहने और करने में काफी फर्क होता है।

2021 और 2022 में बिटकॉइन की कीमत में जो उछाल आया था, इस ने बिटकॉइन माइनिंग करने वालो को बड़ा मुनाफा पहुंचाया था। इसी दौरान बहुत सारी रिग्स ने अपनी हैश पावर को भी बढ़ाया था और साथ ही साथ पुरानी मशीनों को नई मशीनों से बदला था ताकि माइनिंग को और किफायती बनाया जा सके। नार्थ अमेरिका की Foundry USA Pool इस समय बिटकॉइन माइनिंग में नंबर एक पर है जिसके पास कुल माइनिंग का 21 प्रतिशत से अधिक शेयर है। F2Pool 17%, AntPoll 13%, और Binance Pool 10% के करीब माइनिंग शेयर के साथ इस पायदान पर सबसे ऊपर हैं।

 

बिटकॉइन की कीमत में लगातार गिरावट के कारण माइनिंग करने वालो को भी लगातार नुक्सान हो रहा है। बिटकॉइन माइनिंग करने वालों ने पिछले दो वर्षो में काफी मुनाफा कमाया है लेकिन इस समय ज्यादातर माइनिंग करने वालों को अपने खर्च पर माइनिंग करनी पड़ रही है। ज्यादा समय तक माइनिंग को अपने खर्चे पर चला पाना संभव नहीं होगा। बिटकॉइन माइनिंग करने से जो बिटकॉइन मिलता है, उस से माइनर अपने खर्चे चलाते हैं। अगर बिटकॉइन की कीमत में सुधर नहीं आया तो बिटकॉइन माईनर्स को अपने बिटकॉइन को बेचना पड़ेगा और इस कारण आने वाले समय में बिटकॉइन की कीमत में और गिरावट आ सकती है। कल Poolin माइनर्स ने 14000 बिटकॉइन को एक्सचेंज पर भेजा था। संभव है कि वह जल्द ही इस बेच सकते हैं।

अमेरिका के ज्यादातर राज्यों में बिटकॉइन माइनर्स को नुक्सान हो रहा है। कैलिफ़ोर्निया, अलास्का और हवाई में एक बिटकॉइन माइनिंग पर करीब 35000 डॉलर से 54000 डॉलर का खर्च आ रहा है। ऐसे में बिटकॉइन माइनर्स का बड़ा ग्रुप कुछ समय के लिए माइनिंग को छोड़ सकता है, जब तक कीमत ऊपर न आ जाए। कुछ समय तक तो माइनर्स इस खर्चे को उठा सकते हैं लेकिन ज्यादा समय तक नहीं।

समस्या और भी है। अमेरिका में बिटकॉइन माइनिंग पर बहुत ज्यादा टैक्स ने भी माइनर्स के लिए बड़ी समस्या पैदा कर दी है। अगर सरकार चाहे तो बिटकॉइन माइनिंग के लिए सही वातावरण पैदा कर के ज्यादा बेहतर पैसा कमा सकती है। प्रकिर्तिक ऊर्जा को बिटकॉइन माइनिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जिस से माइनिंग की कीमत में गिरावट आ सकती है। बिटकॉइन माइनिंग मशीनों को भी लगातार बेहतर बना कर माइनिंग कॉस्ट को नीचे लाया जा सकता है।

बिटकॉइन की कीमत को नुक्सान पहुंचने वाले कई और कारण ?
चार पांच साल पहले क्रिप्टो बाजार में बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धा नहीं होती थी। बिटकॉइन के साथ कुछ और क्रिप्टो के विकल्प निवेशकों के पास मौजूद थे। एथेरियम ब्लॉकचेन के कारण क्रिप्टो बाजार में रचनात्मक बदलाव आया और क्रिप्टो टोकन को बनाना ज्यादा आसान हो गया। स्माट कॉन्ट्रैक्ट और Defi ने भी निवेशकों को निवेश के कई विकल्प दे दिए। NFT और मेटावर्स ने पिछले दो वषों में बहुत बड़ी संख्या में निवेशको को अपनी और खींचा है। बिटकॉइन में निवेश अब निवेशकों को महंगा लगता है। ऑल्ट कॉइन या नए प्रोजेक्ट में निवेशक कई गुणा पैसा बना लेते हैं, इस कारण बिटकॉइन की तरफ निवेशकों का रुझान कम हुआ है। केन्द्रीकृत एक्सचेंज की जगह विकेन्द्रियकरित एक्सचेंज का ज्यादा प्रयोग हो रहा है जहां बिटकाॅइन उपलब्ध ही नहीं होता।

बड़े निवेशकों को भी बिटकॉइन निवेश से सही समय पर मुनाफा बुक न करने के कारण नुक्सान हुआ है। बड़े निवेशकों ने अपने बिटकॉइन के बदले जो लोन लिए थे उन पर अब लिक्विडेट होने का खतरा मंडरा रहा है। अगर बिटकॉइन की कीमत में और गिरावट आई और कीमत 12000 डॉलर तक नीचे आ गई तो कई निवेशकों को बहुत ज्यादा नुक्सान हो जाएगा और इसका असर बड़े लम्बे समय तक बाजार में देखा जाएगा। इस समय विश्व अर्थव्यवस्था में भी बड़ी गिरावट आ रही है जो इतिहास में सबसे बड़ी गिरावट के संकेत दे रही है। डॉलर और यूरो की कीमत एक बराबर आ गई है और भारतीय मुद्रा भी बहुत कमजोर हो रही है डॉलर के आगे। ऐसी में क्रिप्टो बज़ार में भी इसका असर देखने को मिलेगा। हो सकता है आने वाले समय में क्रिप्टो बाजार और नीचे आए। ऐसी में बिटकॉइन माइनिंग करने वालो को और नुक्सान होगा और निवेशकों को भी। फायदा यह है कि नए निवेशकों को बाजार में निवेश का मौका मिलेगा।
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