24 सितम्बर 2022 बुधवार (क्रिप्टो न्यूज़ हिंदी)
एक आम इंसान को उद्योग जगत, सरकार और उद्योग जगत के आंकड़े बनाने वाले कैसे भ्रमित करते हैं, वह आज हम समझते हैं। कुछ समय पहले आप ने खबरों में पढ़ा होगा कि गौतम अडानी दुनिया के शीर्ष अमीरों में अपना नाम बना चुके हैं। आपको इस बात पर गर्व भी हो रहा होगा कि हमारे देश का व्यापारी दुनिया के सबसे अमीर लोगों में है। लेकिन आपको शायद इसके पीछे की हकीकत नहीं पता। जिस तरह से अदाणी ग्रुप विस्तार कर रहा है, इसे देखते हुए क्रेडिटसाइट्स का दवा है कि अदाणी ग्रुप पर कर्ज का इतना दबाव है कि इस ग्रुप की एक से अधिक इकाइयां डिफ़ॉल्ट कर सकती हैं। बंदरगाह, सीमेंट, इस्पात और खाने पीने के व्यवसाय से जुड़े इस ग्रुप ने बहुत ज्यादा कर्ज लिया हुआ है। जिस ग्रुप को और उसके मुखिया को सबसे अमीर बताया जा रहा है उनकी सात कम्पनियां शेयर बाजार में लिस्टेड हैं। इनमें से छः कंपनियों के ऊपर 2021-2022 में दो दशमलव तीन लाख करोड़ का कर्ज था। अगर इसमें से नकदी को निकल दे तब भी शुद्ध कर्ज एक दशमलव सात तीन करोड़ है। भारतीय ही नहीं बल्कि इस ग्रुप के ऊपर अमरीकी डॉलर बांड को ले कर भी कर्ज है।
अदाणी ग्रुप ने पिछले कुछ वर्षो में अपने क्षेत्र का विस्तार करते हुए कई ऐसी योजनाएं शुरू की हैं जिनका उनको अनुभव भी नहीं हैं। बिना अनुभव वाली कम्पनियां पहले कुछ वर्ष अपना खर्च नहीं चुका पाती। अगर यह व्यापार फेल हुआ तो कर्ज भी डूब जाता है। जो बैंक इन इकाइयों को कर्ज देते हैं वह मुख्य इकाइयों को देख कर देते हैं। ऐसा नहीं है कि बैंक अपने कर्ज की सुरक्षा नहीं देखता लेकिन फिर भी कर्ज का जोखिम रहता ही है। पहले के अनुभव यह दिखाते हैं कि जो चमकदार कम्पनियां हम देखते हैं और उनके शेयर में इस चमक से प्रभावित हो कर निवेश करते हैं, वह कुछ वर्ष बाद कंगाली के दौर में पहुंच जाती है। इन कंपनियों को कर्ज देने वाले या इनके शेयर में निवेश करने वालों को नुकसान होता है और इनके मालिक आराम की जिंदगी जीते हैं।
आज अदाणी ग्रुप पर इतना ज्यादा कर्ज है और इन्हें पने काम के विस्तार के लिए और निवेश चाहिए लेकिन कुछ समय पहले ही इस ग्रुप ने बड़ी संख्या में NDTV में बड़ा निवेश करके काफी बड़े हिस्से का अधिग्रहण किया है। अभी अदाणी ग्रुप के पास NDTV का उन्तीस दशमलव एक आठ प्रतिशत शेयर है। अब बाजार में, हर अख़बार में और सोशल मीडिया में इस खबर को प्रकाशित किया जाएगा और इस कारण निवेशक अदाणी ग्रुप के शेयर में निवेश करेंगे और गौतम अडानी को आंकड़ों में और अमीर दिखया जाएगा। क्या आपको कभी बताया जाता है कि सबसे अमीर भारतीय के ऊपर कितना कर्ज है ? और अगर किसी के ऊपर कर्ज इतना ज्यादा है तो वह अमीर कैसा ? यह है आंकड़ों का खेल जिसे निवेश और आम जनता के साथ खेला जाता है।
आपको रिलायंस कम्पनी के अनिल अम्बानी का नाम तो याद होगा ही। आपने रिलायंस का एक फ़ोन भी इस्तेमाल किया होगा “कर लो दुनिया मुठी में” स्लोगन वाला। इस कम्पनी को रिलायंस के पहले संस्थापक सवर्गीय धीरू भाई अम्बानी ने शुरू किया था। इसके बाद इसकी बागडोर अनिल अम्बानी के पास आ गई थी। उस समय अनिल अम्बानी का नाम भी दुनिया के अमीरों में शामिल था। अनिल अम्बानी ने भी ऐसी ही कुछ गलतियां की थी जहां उन्होंने ऐसे काम शुरू किए जिनका उन्हें तजुर्बा नहीं था। इन कंपनियों में बड़ा निवेश और बड़ा कर्ज लगाया गया। चीन की कई कंपनियों का इनकी कंपनियों में निवेश था। आज आपको अनिल अम्बानी के बारे में पता ही होगा कि उनके स्वामित्व वाली ज्यादातर कम्पनियां दिवालिया हो चुकी हैं। ज्यादतर लोगों का यही मानना है कि अनिल अम्बानी अब खत्म हो चुके हैं और उनके पास कुछ नहीं रहा। ऐसा है नहीं। अनिल अम्बानी ने बहुत पहले ही अपनी कंपनियों से करीब 814 करोड़ रुपये अपनी स्विस बैंक के अलग अलग खातों में डाल दिए थे। इस रकम का भारत सरकार को जब पता चला तो अनिल अम्बानी को इसके लिए नोटिस दिया गया क्योंकि इसमें 420 करोड़ का आयकर चोरी है। भारतीय एजेंसी का यह कहना है कि अनिल अम्बानी ने जानबूझ कर इस रकम की जानकारी भारत सरकार को नहीं दी। यह तो वह रकम है जिसका सरकार को पता चल गया लेकिन ऐसी न जाने कितनी ही पूंजी को अभी छुपा कर रखा गया होगा। क्या आपको लगता है अनिल अम्बानी कंगाल हो गए ?
हमारे सामने जो आर्थिक आंकड़े दिखाए जा रहे हैं या दिखाए जाते हैं वह आम जनता को भ्रमित करने के लिए ही होते हैं। इस काम में सभी शामिल है। राजनेता, व्यापारी और मीडिया भी। इस सभी में आम जनता को छोड़ कर सभी पैसा बनाते है और नुकसान होता है सिर्फ जनता का। यहाँ पर इस मुद्दे को इस लिए समझा जा रहा है क्योंकि सरकार और रिज़र्व बैंक जिस तरह से क्रिप्टो क्षेत्र को अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक बता रही है उस से ज्यादा हानिकारक तो यह व्यापारी खतरा है देश की जनता के लिए। क्रिप्टो क्षेत्र कभी सरकार या बैंक से लोन नहीं लेता और शायद कभी जरूरत भी नहीं होगी। क्रिप्टो क्षेत्र सरकार से खुद यह कह रहा है कि इस क्षेत्र के लिए दिशा निर्देश बनाए जाएं। क्रिप्टो क्षेत्र एक व्यक्ति के स्वामित्व वाला क्षेत्र नहीं है। ऐसा नहीं है कि क्रिप्टो क्षेत्र में जनता का पैसा नहीं डूबता या आज तक नहीं डूबा। यहाँ पर सरकारी दिशा निर्देश आ जाएं तो निवेशक काफी हद तक सुरक्षित हो जाएंगे।
जनता को जागरूक होना जरुरी है। मीडिया की खबरों से प्रभावित हुए बिना, गहन जानकारी ले कर ही निवेश के बारे में कोई निर्णय लेना चाहिए। निवेश शेयर में हो या क्रिप्टो में, सफलता तभी मिल पायेगी जब आम निवेशक पूरी तरह ज्ञान ले कर निवेश करे और खबरों और सोशल मीडिया को ही आधार न बनाए। निवेश को कई हिस्सों में बाँट कर रखे और मुनाफा निकालते रहे। ज्यादा लालच में न रहे क्योंकि आप अगर एक निवेशक हैं तो 100% आप इस बात पर निर्भर रह कर अपनी जीविका नहीं चला सकते। थोड़ी सतर्कता और थोड़ा ध्यान रखना जरुरी है तभी हम आपने निवेश को बचा पाएंगे और सुरक्षित भी रहेंगे।
#bitcoin #cryptonewshindi #cryptonews