11 नवम्बर 2022 मंगलवार (क्रिप्टो न्यूज़ हिंदी)

चीन इस बात से निश्चिन्त है कि दुनिया उसे कोरोना का जनक मानती है? चीन हर दिन आगे बढ़ता जा रहा है। पिछले दिनों चीन ने क्रिप्टो पर प्रतिबंद लगा दिया था। मीडिया में इस बात को बहुत जगह दी गयी थी और माना जा रहा था कि चीन का यह कदम सही नहीं है। चीन अपने लक्ष्य पर कायम रहा और क्रिप्टो को बंद करने के पीछे की उसकी योजना अपने CBDC को सारे चीन के साथ-साथ दुनिया के बाकि लोगों को इस्तेमाल करवाने की भी थी। चीन इस काम में बहुत योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ता रहा और सबसे पहले अपने देश के कुछ राज्यों में CBDC से लेनदेन शुरू करवाया 2020 में, यह प्रयोग सफल भी रहा। चीन की योजना थी कि 2022 में शीतकलीन ओलिंपिक गेम्स में CBDC द्वारा ही सभी लेनदेन करवाएं जाए ताकि विश्व भर में चीन की इस सफलता की बात पहुंचें।

चीन इस काम में सफल भी हुआ है। एक रिपोर्ट के अनुसार चीन के ऑफिसियल डिजिटल यूआन को इस्तेमाल करने के लिए प्रयोग किए जाने वाले वॉलेट ने टॉप मोबाइल एप्लीकेशन में अपनी जगह बना ली है। जानकरी के अनुसार इस वॉलेट का इस्तेमाल अभी सीमित है और कुछ शहरों और कुछ लोग ही इसका इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन वॉलेट को कोई भी डाउनलोड कर सकता है। यह वॉलेट चीन के लिए खासतौर पर बनाए गए एंड्रॉयड और एप्पल स्टोर पर उपलब्ध है। चीन के एक अख़बार साउथ चाइना मॉर्निंग ने यह रिपोर्ट प्रकाशित की है कि लॉन्च होने के मात्र एक दिन के बाद ही यह एप्लीकेशन एप्पल स्टोर पर सबसे ज्यादा डाउनलोड होने वाली एप्लीकेशन बन गयी है। इसके साथ ही यह एप्लीकेशन चीनी एंड्रॉयड प्लेटफार्म Xiaomi पर भी इसी तरह कि सफलता देख रही है।

चीन ने यह सारा काम बड़े नियोजित तरीके से किया। पहले CBDC को सही तरह से बनाने और इसके ट्रायल पर पूरा समय लगाया और इसके बाद इस CBDC का इस्तेमाल कुछ शहरों में शुरू किया। सफलता मिलने पर वॉलेट पर काम किया और सही समय पर अपने देश में क्रिप्टो माइनिंग पर प्रतिबन्ध लगाया ताकि दुनिया की सारी मीडिया और क्रिप्टो समुदाय का ध्यान उनकी तरफ आए। इसके बाद अपने CBDC वॉलेट को लॉन्च किया। चीन यह जनता है कि ओलंपिक्स के दौरान सारी दुनिया से उनके देश में खिलाडी और खेल प्रेमी आने वाले हैं और सारे विश्व की मीडिया भी वहां होगी। ऐसे में चीन सभी तरह के लेनदेन के लिए अपने CBDC का इस्तेमाल बढ़ाएगा। इस कदम से चीन के डिजिटल यूआन की दुनिया भर में मांग बढ़ेगी और CBDC की मशहूरी फ्री में हो जाएगी। चीन इसके बाद क्रिप्टो का इस्तेमाल अपने देश में फिर शुरू करेगा और क्रिप्टो लेनदेन के लिए स्टेबल कॉइन के तौर पर अपने डिजिटल यूआन के इस्तेमाल पर जोर देगा।

चीन इस काम में काफी हद तक सफल तो हो ही गया है। CBDC से लेनदेन और वॉलेट का टेस्ट सफल हो गया है। वॉलेट लोगों के हाथों में आ गया है। 2022 ओलंपिक्स आने वाले हैं और चीन इस समय का पूरा फायदा उठाने के लिए तैयार है। चीन अभी भी क्रिप्टो माइनिंग में सारे विश्व में सबसे आगे है, चीन की कंपनियां क्रिप्टो माइनिंग मशीने बनाने और ग्राफिक कार्ड बनाने में सबसे आगे हैं। ऐसे में चीन का वर्चस्व क्रिप्टो में और ज्यादा बढ़ जाएगा।

अगर हम भारत की बात करें तो यहाँ पर भी सरकार ने रिज़र्व बैंक की डिजिटल मुद्रा लाने की बात कही थी। मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात भी कही गयी थी कि रिज़र्व बैंक की डिजिटल मुद्रा दिसंबर 2021 तक टैस्ट होनी शुरू हो जाएगी लेकिन अभी तक इस बारे में कोई खबर नहीं है।
सरकार के सभी आश्वासनों और वित्तीय मंत्री के कहने के बाद भी पिछले साल क्रिप्टो बिल सदन में नहीं लाया गया। CBDC भारत में कब आएगा और आएगा भी कि नहीं यह अभी सपने के जैसा है। चीन को टक्कर देने के लिए उसकी तरह काम भी करना पड़ेगा। देश के नेताओँ और राजनैतिक पार्टियों को अपने स्वार्थ से ऊपर उठ कर सोचना पड़ेगा तब इस देश में कुछ बदलाव आ पाएगा। अभी क्रिप्टो समुदाय की उम्मीद 2022 पर है कि शायद इस साल क्रिप्टो बिल बन जाए।
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