26 नवम्बर 2020 गुरुवार

भारत की सबसे बड़ी और सुरक्षित माने जाने वाली क्रिप्टो एक्सचेंज CoinDCX ने कुछ समय पहले भारत में क्रिप्टो समुदाय का मूड जानने के लिए एक सर्वे किया था जिसके आंकड़े कल प्रकाशित किए गए और इस से कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी मिली हैं।

“मूड ऑफ़ नेशन” के नाम से किया गया यह सर्वे अपनी तरह का पहला सर्वे है और इसमें करीब 11 हज़ार लोगों ने क्रिप्टो के विषय में अपनी अपनी राय दी है।इन 11 हज़ार लोगों में 53% लोग क्रिप्टो निवेशक थे और 47% ऐसे लोग जिन्होंने क्रिप्टो में निवेश नहीं किया है।CoinDCX का यह सर्वे करवाने का उद्देश्य भारत में एक करोड़ क्रिप्टो निवेशकों का मूड जानने का था और इस सर्वे में कई तरह के प्रश्न पूछे गए थे जिस से जो आंकड़े मिले हैं उन पर एक नज़र डालते हैं।

सर्वे में पता चला है की लगभग 78% जो क्रिप्टो में निवेशक हैं उन्होंने इस से पहले म्युचुअल फण्ड में भी निवेश किया है यानि निवेशक के तौर पर उनका इतिहास रहा है।इस सर्वे से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात पता चली की 60% क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों की वार्षिक कमाई पांच लाख से निचे है यानि ही यह लोग मध्यवर्गीय परिवारों से सम्बन्ध रखते हैं।यह बात मत्वपूर्ण इस लिए है क्योंकि जब हम यह कहते हैं की क्रिप्टो ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे तो इसमें सबसे बड़ी संख्या मध्यवर्गीय कमाई वाले लोग ही आते हैं।इस सर्वे में लोगों से उनकी उम्र भी पूछी गयी थी और इसके आंकड़े भी काफी उत्साहित करने वाले हैं जहा पर ज्यादातर क्रिप्टो में निवेश करने वालों की उम्र 25 से 35 वर्ष के बीच में हैं यानि यह युवा लोग हैं जो क्रिप्टो में निवेश कर रहे हैं।68% लोगों ने क्रिप्टो के कानूनी दर्जा देने को महत्वपूर्ण बताया यानि की इनका कहना है की क्रिप्टो पर कानून की पारदर्शिता होनी जरुरी है।
इस सर्वे में 60% लोगों ने यह कहा की उन्हें क्रिप्टो खरीदने के लिए आसान विकल्प की जरुरत है यानि की उन्हें ऐसे विकल्प चाहिए जिस से वह क्रिप्टो में आसानी से निवेश कर सकें।63% लोग जो आईटी,वित्य और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हैं उनका मानना है की क्रिप्टो निवेश का एक अच्छा विकल्प है।12% लोग जो बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े हैं वह सरकार द्वारा क्रिप्टो पर कोई कानून न होने के कर उनके निवेश न करने के पीछे एक मुख्य बाधा मानते हैं।

CoinDCX के सीईओ और सह-संस्थापक सुमित गुप्ता इस सर्वे को भारतीय क्रिप्टो क्षेत्र में बातचीत के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव मानते हैं जिस से कई महत्वपूर्ण आंकड़े मिले हैं ।यह एक तरफ जहां क्रिप्टो में निवेश के लिए विकल्प और जरूरतों की जानकारी देता है वहीं भारत में क्रिप्टो पर सही तरह के कानून की जरूरतों के बारे में भी बताता है।इस रिपोर्ट से यह साफ हो गया है की भारत क्रिप्टो क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय खिलाडी बनने जा रहा है और इसमें सरकार द्वारा एक बेहतर और समझदारी वाला कानून मुख्य भूमिका निभाएगा।

72% पूरी तरह से नौकरी पेशा और 62% अपने व्यापार चलाने वालों ने यह माना है की क्रिप्टो निवेश के लिए एक बेहतर विकल्प है जबकि 5% लोगों का मानना है की क्रिप्टो का कोई इस्तेमाल नहीं है।अगर हम शिक्षा की बात करें तो 72% लोग जो सनातक तक शिक्षित हैं उनका कहना है की क्रिप्टो के बारे में कम शिक्षा और कम जागरूगता सबसे बड़ा मुद्दा है क्रिप्टो में निवेश न करने का।इस आंकड़े से हमे यह भी पता चलता है की क्रिप्टो की जागरूगता और शिक्षा के विषय पर काम करने की जरुरत है।
इस सर्वे का सबसे बड़ा आकर्षण रहा उन लोगों की उम्र जिन्होंने अपने विचार इस सर्वे में दिए।सबसे ज्यादा हैरान करने वाला आंकड़ा है क्रिप्टो निवेशक जिनकी उम्र 35 साल से निचे है और इनका प्रतिशत है 71% और इन्होने कम से कम एक बार क्रिप्टो में निवेश जरूर किया है जबकि 21% वह लोग जिनकी उम्र 40 वर्ष से ज्यादा है उन्होंने एक बार भी क्रिप्टो में निवेश नहीं किया है।इस आंकड़े से यह पता चलता है की युवा लोग क्रिप्टो को ले कर ज्यादा उत्साहित हैं।69% जिनकी उम्र 35 वर्ष से कम है उनका कहना है की क्रिप्टो में निवेश एक अच्छा विकल्प है।

अगर इस सारे सर्वे का एक विश्लेषण करें तो हम देखते हैं की 35 वर्ष से कम आयु के लोग क्रिप्टो में ज्यादा विश्वास करते हैं निवेश करते हैं और क्रिप्टो को निवेश के लिए सही मानते हैं।क्रिप्टो ज्यादा से ज्यादा लोगों तक न पहुंच पाने का कारण है इस विषय पर शिक्षा और जागरूगता की कमी।सबसे बड़ी बात जो इस सर्वे से सामने निकल कर आ रही है वह है क्रिप्टो पर एक सही और समझदारी वाला कानून जिसकी बहुत ज्यादा जरुरत है अगर सभी लोगों तक क्रिप्टो को पहुँचाना है और भारत को क्रिप्टो का विश्व खिलाडी बनाना है।
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