
CoinDCX Hack Arrest: $44M क्रिप्टो चोरी में कर्मचारी गिरफ्तार
CoinDCX Hack Arrest: मामला क्या है?
भारत की जानी-मानी क्रिप्टो एक्सचेंज CoinDCX जुलाई 2025 में बड़े साइबर अटैक का शिकार हुई। इस CoinDCX Hack Arrest मामले में लगभग $44 मिलियन (लगभग ₹367 करोड़) की क्रिप्टोकरेंसी चोरी हुई।
बेंगलुरु पुलिस ने CoinDCX के सॉफ्टवेयर इंजीनियर राहुल अग्रवाल को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि हैकर्स ने उनके लॉगिन क्रेडेंशियल्स को सोशल इंजीनियरिंग अटैक के जरिए हैक किया और फंड्स चुरा लिए।
कैसे हुआ CoinDCX Hack?
CoinDCX के CEO सुमित गुप्ता ने बताया कि यह एक सॉफिस्टिकेटेड सोशल इंजीनियरिंग अटैक था।
- हैकर्स ने पहले राहुल अग्रवाल के ऑफिस लैपटॉप में मैलवेयर इंस्टॉल कराया।
- 19 जुलाई 2025 की रात को, हैकर्स ने पहले 1 USDT ट्रांसफर कर टेस्ट किया।
- उसके बाद $44 मिलियन की क्रिप्टोकरेंसी को 6 वॉलेट्स में ट्रांसफर कर दिया।
- ये फंड्स CoinDCX के इंटरनल लिक्विडिटी अकाउंट से निकाले गए थे।
CoinDCX Hack Arrest के बाद कंपनी ने साफ किया कि यूजर्स के फंड्स सुरक्षित हैं और यह अटैक केवल उनके इंटरनल अकाउंट पर हुआ था।
कर्मचारी की भूमिका और जांच
- राहुल अग्रवाल, 30 वर्ष, पिछले दो साल से CoinDCX में DevOps डोमेन में काम कर रहे थे।
- उन्होंने स्वीकार किया कि वे चार प्राइवेट क्लाइंट्स के लिए फ्रीलांस वर्क भी कर रहे थे।
- पुलिस ने उनका लैपटॉप जब्त कर लिया है और जांच जारी है।
CoinDCX ने मीडिया को चेतावनी दी कि अफवाहें और अनुमान इस जांच को प्रभावित कर सकते हैं।

CoinDCX Hack Arrest से सीख
यह घटना दिखाती है कि क्रिप्टो इंडस्ट्री में सोशल इंजीनियरिंग अटैक कितना खतरनाक हो सकता है।
इस तरह के साइबर अटैक से बचने के लिए:
नियमित सिक्योरिटी ऑडिट और इंटरनल नेटवर्क मॉनिटरिंग अनिवार्य है।
कर्मचारियों को सिक्योरिटी ट्रेनिंग देना जरूरी है।
मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) हमेशा सक्षम होना चाहिए।