05 अगस्त 2022 शुक्रवार (क्रिप्टो न्यूज़ हिंदी)
आज 5 अगस्त 2022 दोपहर 3 बजकर 52 मिनट पर ED ने एक ट्वीट किया है जिसमें जानकारी दी गई है कि “ईडी ने वज़ीरएक्स क्रिप्टो-करेंसी एक्सचेंज के निदेशक की तलाशी ली और वर्चुअल क्रिप्टो संपत्तियों की खरीद और हस्तांतरण के माध्यम से धोखाधड़ी के पैसे की लॉन्ड्रिंग में आरोपी इंस्टेंट लोन एपीपी कंपनियों की सहायता के लिए 64.67 करोड़ रुपये की बैंक संपत्ति को फ्रीज कर दिया।”
ED searches the Director of WazirX Crypto-Currency Exchange & freezes its Bank assets worth Rs 64.67 Crore for assisting accused Instant Loan APP Companies in laundering of fraud money via purchase & transfer of virtual crypto assets.
— ED (@dir_ed) August 5, 2022
वैसे तो ED अपना काम करने के लिए स्वतंत्र है लेकिन यहाँ पर वज़ीरएक्स या उनके निदेशकों के एकाउंट बंद करने का कारण समझ नहीं आया। यह बात अभी साफ नहीं है कि किसका एकाउंट बंद किया है? क्रिप्टो को कोई भी एक्सचेंज से खरीद कर इसका इस्तेमाल अगर गलत काम के लिए करे तो इसमें एक्सचेंज या उनके संस्थापकों का क्या कसूर है? क्रिप्टो विकेन्द्रीयकृत है और यहाँ से कोई भी क्रिप्टो ले सकता है अपना एकाउंट खोल कर और KYC करके। ED को यह जानकारी भी एक्सचेंज से ही मिली होगी या Loan APP से कि उन्होंने वज़ीरएक्स से क्रिप्टो ली है। इस विषय में अभी तक वज़ीरएक्स या इसके डायरेक्टर का कोई बयान सामने नहीं आया है। वज़ीरएक्स एक्सचेंज के उपभोक्ताओं का पैसा एक्सचेंज पर सुरक्षित है? अगर कोई भारतीय रुपए से कोई अपराध करता है तो इसके लिए बैंक,रिज़र्व बैंक या रिज़र्व बैंक के गवर्नर को तो दोषी नहीं मन जा सकता। वज़ीरएक्स एक्सचेंज पिछले एक हफ्ते से फिर सुर्खियों में हैं। इसके पीछे का कारण सरकार के कुछ मंत्री हैं।
आज कल सरकार के अपने मंत्री ही खुद सरकार से क्रिप्टो के विषय में प्रश्न पूछ रहे हैं और वह भी एक साल पुराने वज़ीरएक्स और ED द्वारा दिए गए नोटिस के बारे में। किस मंत्री ने पूछे हैं यह प्रश्न इस से पहले आपको बता दें कि मीडिया को अपना मसाला मिल गया है। बिना सोचे समझे और बिना जानकारी लिए मीडिया ने प्रमुखता से यह खबर छापना शुरू कर दी, कि वज़ीरएक्स एक्सचेंज को ED ने 2790 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिग केस में नोटिस दिया है और इसकी जाँच चल रही है। यह खबर एक साल पुरानी है लेकिन यह दौबारा इस लिए मीडिया की सुर्खियां बनी क्योंकि सरकार के एक मंत्री सुशिल कुमार मोदी जी ने इस बारे में राज्य सभा में वित्तमंत्रालय और वित्तीय मंत्री से इस विषय में प्रश्न पूछे थे।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) August 2, 2022
सुशिल कुमार मोदी जी ने अपनी ही सरकार से जो प्रश्न पूछे वह इस प्रकार से हैं
(क) क्या यह सच है कि कुछ क्रिप्टो विनिमय केन्द्रो ने US, जर्मनी, ब्राज़ील जैसे देशों के नागरिकों को केवाईसी, एएमएल अनुपालन के बिना लेनदेन करने की अनुमति दी है, इससे सम्बंधित ब्यौरा क्या है ?
(ख) इन क्रिप्टो विनिमय केंद्रों द्वारा वैश्विक पूंजीगत उद्यमों से कितनी राशि प्राप्त हुई है जिनका प्रकटीकरण नहीं हुआ है?
(ग) क्या भारतीय क्रिप्टो प्लेटफार्म ने बिना किसी समझौते के विदेशी मुद्रा के वॉलेट इंफ़्रा क उपयोग किया है औरः
(घ) क्या कुछ विनिमय केंद्रों ने विदेशों में स्थित तृतीय पक्ष में विनिमय केंद्र का उपयोग करके एक क्रिप्टो को दूसरे क्रिप्टो में बदलने हेतु विदेशी उपभोक्ताओं के अनुरोध को कभी आसान बनाया है और उस पर कमीशन अर्जित किया है ?
इसके जवाब में वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी जी ने यह जवाब दिया
क से घ के सभी प्रश्नो के उत्तर
वर्तमान में भारत में क्रिप्टोकरेंसी अविनियमित है। सरकार ऐसी जानाकरी के विषय में कोई आंकड़े एकत्र नहीं करती है। हालांकि, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 फेमा के प्रावधानों के तहत प्रवर्तन निदेशालय वज़ीरएक्स के खिलाफ क्रिप्टो करेंसी से सम्बंधित दो मामलों की जाँच कर रहा है। इसमें से एक मामले में, अब तक की गई जाँच से पता चला है कि भारत में जानमाई लैब्स प्राइवेट लिमिटेड आधारित एक्सचेंज वज़ीरएक्स केमैन आइलैंड आधारित एक्सचेंज की बंद अवसंरचना का उपयोग कर रहा था। इसके आलावा यह पाया गया है कि इन 2 एक्सचेंज के बीच सभी क्रिप्टो लेनदेन ब्लॉकचेन पर भी दर्ज नहीं किए जा रहे थे। तदनुसार, फेमा के प्रावधानों के तहत वज़ीरएक्स के खिलाफ अज्ञात वॉलेट को 2790 करोड़ रुपए मूल्य की क्रिप्टो आस्तियों के बाहरी विप्रेषण की अनुमति देने के सम्बन्ध कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
इसके अलावा, दूसरे मामले में, यह देखा गया है कि भारतीय एक्सचेंज नामतः वज़ीरएक्स ने विदेशी उपभोगताओं के अनुरोध को अपने प्लेटफार्म पर एक क्रिप्टो को दूसरे में बदलने के साथ साथ तीसरे पक्ष एक्सचेंज नामतः FTX, बिनान्स आदि से अंतरण उपयोग करने की अनुमति दी है।
अब सबसे बड़ा प्रश्न तो यह है कि एक साल पुराने इस मुद्दे को श्री सुशिल मोदी आज क्यों उठा रहे हैं और इसके पीछे उनकी मंशा क्या हैं ? 11 जून 2021 को ED ने एक ट्वीट के जरिए यह जानकारी पहले ही दें दी थी।
ED has issued Show Cause Notice to WazirX Crypto-currency Exchange for contravention of FEMA, 1999 for transactions involving crypto-currencies worth Rs. 2790.74 Crore.
— ED (@dir_ed) June 11, 2021
राज्य सभा में सुशिल मोदी जी अपनी ही सरकार से यह प्रश्न बार बार क्यों कर रहे हैं ? इस से पहले भी मंत्री जी क्रिप्टो कमाई पर 50% टैक्स की वकालत कर चुके हैं। अब अगर मंत्री जी ने अपनी ही सरकार का जवाब ध्यान से पढ़ा हो तो उन्हें यह समझ आएगा कि उनकी सरकार ने ही अभी तक क्रिप्टो पर कोई दिशा निर्देश नहीं बनाए हैं। ऐसे में अगर कोई बिना किसी दिशा निर्देश के काम कर रहा है तो इसके लिए सरकार जिम्मेवार है जनता नहीं। यहाँ पर मंत्री जी को कुछ बातों को समझना चाहिए।
वज़ीरएक्स का अधिग्रहण बिनान्स ने किया था। इसके बाद दोनों एक्सचेंज के उपभोक्ताओं को ट्रेड और लेनदेन में आसानी हो इस लिए दोनों एक्सचेंज के मध्य कुछ क्रिप्टो का लेनदेन आसान बनाया गया। इसके अंतर्गत अगर किसी का अकाउंट दोनों एक्सचेंज पर है और एक मेल के साथ दोनों ही एक्सचेंज पर पूरी KYC है तो वह व्यक्ति अपनी क्रिप्टो को एक एक्सचेंज से दूसरी एक्सचेंज पर ले जा सकता था। अब अगर एक व्यक्ति अपने ही अकाउंट से अपने ही अकाउंट में क्रिप्टो ले जा रहा है तो यह फेमा का उन्लंघन कैसे हुआ ? दोनों ही अकाउंट एक ही व्यक्ति के हैं और वह भारत में रहता है, वह अपने भारतीय बैंक अकाउंट से अपने वज़ीरएक्स के अकाउंट में पैसा डालता है और क्रिप्टो लेता है यानि रुपया भारत में ही है। क्रिप्टो लेने के बाद बाइनेन्स पर ले जाता है जहां पर उसकी भारतीय KYC है तो यह फेमा का उन्लंघन कैसे हुआ ? कुछ लोग दोनों एक्सचेंज के बीच ट्रेड करके पैसा बना रहे थे तो क्या इस लेनदेन को 2790 करोड़ का अनियमित लेनदेन बना दिया या यह कुछ और है? यह कहना भी गलत है कि इस लेनदेन का कोई रिकॉर्ड नहीं है क्योंकि अगर रिकॉर्ड नहीं हैं तो ED को यह कैसे पता चला कि यह लेनदेन हुआ है? एक्सचेंजस पर किसी भी लेनदेन का सारा रिकॉर्ड मौजूद रहता है।
एक बड़ी बात यह भी है कि अगर किसी ने हवाला या गलत तरीके से पैसे को बहार देश में भेजना होगा तो वह KYC एकाउंट का इस्तेमाल क्यों करेगा? वज़ीरएक्स या बाकि भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज पर अपने एकाउंट से पैसे जमा करवाने और निकलवाने की एक सीमा निर्धारित है। कोई अपने एकाउंट से अगर गलत काम के लिए पैसा भेजता है तो यहाँ पर सबसे पहले बैंक से प्रश्न पूछा जाना चाहिए जहां पर यह पैसा जमा हुआ? अगर हम क्रिप्टो लेनदेन की बात करें तो सरकार ने अभी तक इसके लिए कोई दिशा निर्देश नहीं बनाए हैं। सरकार यह नहीं कह रही कि क्रिप्टो में निवेश करो लेकिन वह यह भी नहीं कह रही कि क्रिप्टो में निवेश न करो या क्रिप्टो में निवेश गैरकानूनी है। सरकार तो क्रिप्टो पर आराम से टैक्स ले रही है और लेनदेन का रिकॉर्ड रखने के लिए टीडीएस भी लगा रही है। ऐसे में सरकार ने जब यह कहा कि सरकार ऐसी जानाकरी के विषय में कोई आंकड़े एकत्र नहीं करती है तो यह सरासर झूठ है क्योंकि सरकार ने यही रिकॉर्ड रखने के लिए 1 जुलाई 2022 से टीडीएस लगाना शुरू किया है। सुशील मोदी जी ने यह प्रश्न 2 अगस्त 2022 को पूछा जबकि सरकार क्रिप्टो लेनदेन का रिकॉर्ड रखने के लिए टीडीएस 1जुलाई से लगा चुकी थी।
यहाँ पर एक और भ्रमित करने वाली बात जो मंत्री जी ने कही वह यह कि क्या यह सच है कि कुछ क्रिप्टो विनिमय केन्द्रो ने US, जर्मनी, ब्राज़ील जैसे देशों के नागरिकों को केवाईसी, एएमएल अनुपालन के बिना लेनदेन करने की अनुमति दी है ? अमेरिका के नागरिकों के लिए जो नियम व कानून है उसे जानना जरूरी है। US के नागरिकों के लिए तो बाइनेंस ने भी अलग एक्सचेंज बनाई है। भारतीय वेबसाइट तो शायद वहां खुले भी न। वज़ीरएक्स के सह संस्थापक रह चुके निश्चल शेट्टी ने 11 जुलाई 2021 के दिन ट्वीट करके यह जानकारी दी थी कि “हम हमेशा अपने समर्थ से आगे जा कर अपने उपभोक्ताओं से KYC और AML का पूरी तरह से अनुपालन करते हैं। जरुरत पड़ने पर कानून और विभागों को इसकी पूरी जानकारी दी जाती हैं और सहयोग किया जाता है। निश्चल ने यह भी कहा था कि वह अपने हर प्लेटफार्म के हर उपभोक्ता की गतिविधियों और उनकी आधिकारिक पहचान करने में पूरी तरह सक्षम हैं और समय आने पर सरकारी विभागों को पूरा सहयोग किया जाएगा।”
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We go beyond our legal obligations by following Know Your Customer (KYC) and Anti Money Laundering (AML) processes and have always provided information to law enforcement authorities whenever required.
— Nischal (Shardeum) ⚡️ (@NischalShetty) June 11, 2021
इस खबर के बाद मीडिया ने बिना किसी जाँच पड़ताल के खबरें प्रकाशित करना शुरू कर दिया कि वज़ीरएक्स को ED ने नोटिस भेजा और एक्सचेंज के मालिक अपने पूरे परिवार के साथ विदेश भाग गए हैं। मीडिया की रिपोर्टिंग से आहत हो कर निश्चल ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा “झूठी खबरें एक बड़ी समस्या हैं, अगर कोई इस विषय के किसी भी समाधान पर दौबारा लिख रहा कि खबरें कैसे काम करती हैं तो मदद करने में ख़ुशी होगी। मेरे पास वास्तव में इसका कोई सही समाधान नहीं है लेकिन मुझे यकीन है कि समय के साथ कुछ ऐसा होगा जो इसे हल करेगा। आज बहुत कम प्रकाशकों के पास बहुत ज्यादा ताकत ने समाचारों को बर्बाद कर दिया है।”
Fake news is a big problem
If someone is working on any solutions to rewrite how news works, happy to help.
I don’t really have the perfect solution but I’m sure over time there will be something that will solve this
Too much power in too few publishers today has ruined news
— Nischal (Shardeum) ⚡️ (@NischalShetty) August 4, 2022
निश्चल की यह बात बिल्कुल सही है। न केवल मीडिया बल्कि सोशल मीडिया पर भी कुछ विशेष लोगों का प्रभाव कुछ ज्यादा ही बढ़ गया हैं जिसके कारण वह अपनी ताकत का दुरूपयोग कर रहे हैं। किसी भी खबर को सबसे पहले दिखने की होड़ ने इन सोशल मीडिया वालों को पागल कर दिया है। बिना गहराई से किसी भी बारे में तुरंत सबसे पहले ट्वीट करना या वीडियो बनाने के नुकसान शायद इन्हें अभी समझ ही नहीं आ रहे हैं। मीडिया की छापी गई खबरों को अपने ट्वीट में लिखते हुए यह कभी इस विषय की गहराई में जाने के बारे में सोचते तक नहीं।
Finance Ministry confirmed that .@WazirXIndia is being investigated for FEMA violations.
ED is said to be looking into money laundering claims of Rs 2,790 crore (over $350 million).
Exchange co-founders reportedly moved to Dubai with their families back in April. 🤷♂️
— RK Gupta (EarnWithRK) (@earnwithrk) August 3, 2022
वज़ीरएक्स और ED की इस खबर का सबसे सही विश्लेषण Coincrunch के संस्थापक नैमिष संघवी ने किया है जिसे आपको जरूर पढ़ना चाहिए।
Which is exactly what we talk about in today's newsletter.
1. The history of WazirX <> Binance
2. What is FEMA and how it was violated.
3. Does WazirX really not have any data to prove their innocence?Read now to learn more. And do subscribe: https://t.co/7r0F7hjkQ7
— Naimish Sanghvi (@ThatNaimish) August 3, 2022
यहाँ पर ED अपना काम तो कर रही है लेकिन उम्मीद यह करनी चाहिए कि वह निष्पक्ष हो कर अपना काम करे। वज़ीरएक्स और निश्चल भारतीय क्रिप्टो के लिए बहुत मजबूत स्तम्भ हैं। अगर किसी ने कोई गलती कि है तो उसे सजा मिलनी चाहिए। बदले कि भावना या किसी के निर्देश में अगर देश कि संस्थाए काम करेंगी तो यह सही नहीं है। इसी लिए हम हमेशा से कहते हैं कि सरकार क्रिप्टो के बारे में सही दिशा निर्देश ली कर आए ताकि क्रिप्टो में काम करने वालों को यह पता चले कि उन्हें किस दिशा निर्देश के अन्दर रह कर काम करना है ?
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