8 दिसंबर 2021 बुधवार (क्रिप्टो न्यूज़ हिंदी)

भारत में क्रिप्टो और इस पर आने वाले बिल को ले कर हर दिन नई बातें सामने आ रही हैं। क्रिप्टो पर बिल को ले कर सरकार इस समय बहुत गंभीर लग रही है। खुद प्रधानमंत्री क्रिप्टो के बारे में दो बार मीटिंग कर चुके हैं। इस बार सरकार इतनी गंभीर क्यों हैं इसके पीछे दो कारण हैं ? एक बात यह है की एक बहुत बड़े हैकर ने एक एक्सचेंज से बहुत बड़ी संख्या में बिटकॉइन हैक किए और इस भारतीय हैकर ने एक नेता और पुलिस कर्मचारियों पर यह बिटकॉइन लेने के आरोप लगाए। विपक्ष ने इस मुद्दे को बहुत उछाला था और खुद राहुल गाँधी ने इस बारे में ट्वीट किया था। सरकार किसी तरह से विपक्ष को कोई मौका नहीं देना चाहती और क्रिप्टो पर कड़े नियम ला कर यह संदेश देना चाहती है कि सरकार इस विषय पर काफी गंभीर है।

दूसरा कारण यह है कि इस समय चुनाव आने वाले हैं और सरकार यह जानती है कि इस समय क्रिप्टो समुदाय बहुत बड़ा है और सरकार इस वोट बैंक को नहीं छोड़ना चाहती। क्रिप्टो में निवेश और ट्रेडर करने वाले सभी लोग 18 वर्ष से ऊपर के हैं और सभी वोटिंग का अधिकार रखते हैं। सरकार एक अच्छा और संतुलित कानून ला कर इन्हें अपनी तरफ लाने का काम कर सकती है।

जब भी कहीं पर सरकार से क्रिप्टो बिल के बारे में कोई प्रश्न पूछा जाता है तो सरकार यह कहती है कि सरकार क्रिप्टो पर पूर्ण प्रतिबन्ध नहीं लगाने वाली है। सरकार क्रिप्टो को गलत हाथों में नहीं जाने देना चाहती यानि क्रिप्टो से आतंकवाद को फंडिंग या मनीलॉन्ड्रिंग पर रोक लगाना सरकार की प्राथमिकता है। लेकिन सरकार ने क्रिप्टो बिल लाने में बहुत ज्यादा देर की है और इसका नुक्सान सरकार को तो हुआ ही है साथ ही क्रिप्टो क्षेत्र और क्रिप्टो समुदाय को भी इसका नुक्सान हुआ है।

2017 में रिज़र्व बैंक ने क्रिप्टो क्षेत्र को अपने सेवाएं देने से मना कर दिए था। फिर इस पर कुछ केस दर्ज हुए और अप्रैल 2020 में सर्वोच्च न्यायपालिका ने रिज़र्व बैंक को निर्देश दिए और उनकी रोक को निरस्त कर दिया। सरकार के बहुत ही मुख्य विभाग की इस हार के बाद सरकार को क्रिप्टो के बारे में नियम और कानून बनाने चाहिए थे लेकिन यह नहीं हुआ। इसके बाद क्रिप्टो एक्सचेंज ने अपने कानून खुद बनाए और KYC के कठिन नियम और क्रिप्टो की सुरक्षा को सुनिश्चित किया। कोरोना ने दस्तक दी और देश में लॉकडाउन लगा और इस समय में जब लोगों के पास काम नहीं था और आर्थिक तौर पर लोग समस्या से जूझ रहे थे ऐसे में क्रिप्टो ने लोगों को बहुत बड़ा सहारा दिया।

सरकार के पास यह जानकारी ही कि देश के लोग क्रिप्टो में निवेश कर रहे हैं। यह खबर भी है कि सरकार क्रिप्टो पर टैक्स लगाने के लिए कानून बना रही है। भारत के क्रिप्टो प्रोजेक्ट और एक्सचेंज बहुत बड़े स्तर पर काम कर रही है और भारत ब्लॉकचेन निर्माण में कई देशो से बहुत आगे निकल गया है। कोरोना के समय में जहां लोगों को नौकरियों से बहार निकाला जा रहा था वहीं क्रिप्टो क्षेत्र लोगों को नौकरियां दे रहा था। क्रिप्टो के कई प्रोजेक्ट सरकार को कोरोना से लड़ने में सहयोग कर रहे थे। इस सब को देखने के बाद भी सरकार क्रिप्टो पर कानून नहीं ला पाई। सरकार का नुक्सान यह कि राजस्व विभाग ने बहुत बड़ा राजस्व खोया जो सरकार को बड़ी मदद दे सकता था। क्रिप्टो के नाम पर कुछ लोगों ने कानून न होने के कर लूट मचाई। सही समय पर क्रिप्टो के बहुत से प्रोजेक्ट में लोग इस कारण निवेश नहीं कर रहे क्योंकि इस पर अभी कोई कानून नहीं है।

उम्मीद यह है कि सरकार इस महीने क्रिप्टो के बारे में कुछ नियम बनाएगी। यह बहुत जरुरी है सरकार के लिए भी और निवेशक के लिए भी। नियम बनने पर निवेशक को यह पता रहेगा कि उसे कैसे निवेश करना है और कैसे टैक्स देना है? क्रिप्टो एक्सचेंज को यह पता चलेगा कि उन्हें कैसे अपनी सेवाएं देनी है और वह अगर कोई गलती करते हैं तो उन्हें क्या जुर्माना हो सकता है? निवेशक किसी धोखे की स्तिथि में कहां और किस से इस बारे में शिकायत कर सकते हैं , यह साफ होगा। कानून बनने पर नया निवेशक बाजार में आएगा और क्रिप्टो क्षेत्र और बेहतर तरीके से काम कर सकेगा।

भारत देश में रहने वाला हर नागरिक यही चाहता है कि वह कानून का पालन करते हुए अपना काम करे। अभी क्रिप्टो के बारे में कोई कानून न होने के कारण मीडिया हर दिन अलग अलग खबर दे कर लोगों के मन में डर का माहौल बना रही है। लोग डर के कारण अपनी क्रिप्टो को नीचे की कीमत पर बेच रहे हैं और क्रिप्टो बाजार अस्थिर हो रहा है। सरकार का सही कानून इस पर विराम लगा सकता है। देश का हर एक क्रिप्टो निवेशक और समुदाय इस समय सरकार द्वारा एक संतुलित और अच्छे क्रिप्टो कानून की उम्मीद रखता है और हमें उम्मीद है सरकार इस बार सही कानून बनाएगी।
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