23 मई 2022 सोमवार (क्रिप्टो न्यूज़ हिंदी)

भारत ने पिछले 3 वर्षो में क्रिप्टो और ब्लॉकचेन क्षेत्र ने जो उपलब्धि हासिल की है वह अभूतपूर्व है। अभूतपूर्व इस लिए कहेंगे क्योंकि यह एक मात्र ऐसा क्षेत्र है जिसे क्रिप्टो समुदाय ने अपनी मेहनत, लगन, और पूरी तरह से अपने दम पर सफलता की उच्चाईयों पर पहुंचाया है। ब्लॉकचेन, क्रिप्टो प्रोजेक्ट और क्रिप्टो एक्सचेंज का ज्ञान ऑनलाइन या विदेशों से हांसिल करने के बाद अपने दम पर प्रोजेक्ट को बनाया और अपने दम पर पूंजी निवेश का इंतजाम भी किया। आज बिनांस जैसी बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज वज़ीरएक्स से हाथ मिलती है भारत में अपने आप को स्थापित करने के लिए जो अपने आप में बड़ी बात है। coindcx जैसी एक्सचेंज जिस तरह से अपने प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए विदेशी फंड्स का इंतजाम कर रही है और बदले में भारत के क्रिप्टो समुदाय को क्रिप्टो ट्रेड के लिए विश्व स्तर की क्रिप्टो एक्सचेंज की सुविधाएं दे रही हैं वह काबिले तारीफ है।

PolygonMatic को बना कर संदीप नेहलेवाल ने ब्लॉकचेन में लेयर टू की दुनिया में जो मुकाम बनाया है उसकी सफलता को देख कर आज हर भारतीय गर्व से यह कह सकता है कि हम भारतीय क्रिप्टो समुदाय का हिस्सा है। पूरे विश्व में मैटिक ने यह दिखा दिया है कि भारत के युवाओं में वह हुनर है जो ब्लॉकचेन की दुनिया में भारत को सर्वश्रेष्ठ बनाने का दम रखता है। कोरोना के समय संदीप द्वारा शुरू किया कोरोना राहत अभियान जो कर रहा है वह सरकार की बड़ी बड़ी संस्थाए सरकारी मदद से भी नहीं कर पा रही हैं।

भारतीय क्रिप्टो क्षेत्र ने रोजगार के क्षेत्र में भी जो अवसर आज युवाओ को दिए हैं उसकी कल्पना करना भी थोड़े समय तक मुश्किल था। ऐसा नहीं है कि क्रिप्टो में सिर्फ कोडिंग करने या वेब डेवेलपर्स ने ही अपना भविष्य बनाया है बल्कि क्रिप्टो ने ट्रेडर्स और सोशल मीडिया चलाने वालो को भी आर्थिक स्तर पर मजबूत बनाया है। कोरोना के समय जहां दुनिया के सभी देश और वहां की कंपनियां अपने कर्मचारियों को निकल रही थी वहीं पर क्रिप्टो समुदाय लगातार नए कर्मचारियों की भर्ती कर रहा था।

इतने सफल क्षेत्र को अचानक सरकार की गलत नीतियों ने डूबा दिया और यह मौजूदा सरकार की सबसे बड़ी असफलता है जिसे यह सरकार और इसके मंत्री न तो मान रहे हैं और न ही समझ रहे हैं। जिस क्रिप्टो क्षेत्र को सरकार ने कभी एक पैसा का भी कभी सहयोग नहीं दिया और न ही कभी भी क्रिप्टो समुदाय की समस्याओं को कभी सुना, उसी क्रिप्टो समुदाय की कमाई पर सरकार की नज़र पड़ गई। पहले रिज़र्व बैंक ने क्रिप्टो क्षेत्र को खत्म करने का प्रयास किया और जब वज़ीरएक्स के निश्चल शेट्टी ने P2P के माध्यम से इसका विकल्प निकाल लिया और क्रिप्टो समुदय कोर्ट में भी रिज़र्व बैंक से जीत गया तो सरकार ने टैक्स लगा कर क्रिप्टो क्षेत्र को खत्म करने का प्रयास किया।

सरकार ने क्रिप्टो पर कानून बनाने के किये जिस कमेटी को बनाया है, आज तक यह नहीं पता चला की उनके सदस्य कौन है और उनका ब्लॉकचेन व क्रिप्टो क्षेत्र का क्या अनुभव है ? देश की वित्तीय मंत्री को तो क्रिप्टो सिर्फ आतंक और मनी लॉन्ड्रिंग के इस्तेमाल योग्य ही लगती है और अगर ऐसा है तो वह क्रिप्टो पर प्रतिबन्ध क्यों नहीं लगाती ? क्योंकि सरकार को टैक्स चाहिए और वह भी 30 प्रतिशत और इसके साथ ही एक प्रतिशत का टीडीएस भी। इसके पीछे का तर्क सरकार के मंत्री यह देते हैं कि क्रिप्टो वालो को 30 प्रतिशत टैक्स से कोई फर्क नहीं पड़ता। शायद मंत्री जी को लगता है कि क्रिप्टो वाले लूटपाट करके यह पैसा कमा रहे हैं। वित्तीय मंत्री का यह बयान कि एक प्रतिशत का टीडीएस टैक्स क्रिप्टो लेनदेन का रिकॉर्ड रखने के लिए लगाया गया है यह बताता है कि सरकार क्रिप्टो वालों को बेवकूफ समझती है। शेयर बाजार में लेनदेन के लिए जितना टैक्स है अगर उतना टैक्स क्रिप्टो पर लगा देंगी तो क्या रिकॉर्ड नहीं रखा जा सकेगा ?

वित्तीय मंत्री कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बोल चुकी हैं कि सरकार क्रिप्टो को ले कर कंफ्यूज नहीं है लेकिन सच यह है कि सरकार इस विषय पर पूरी तरह से सोच समझ कर टैक्स लगा रही है ताकि बैन किए बिना ही इस क्षेत्र को खत्म कर सके। सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसी की कमाई बंद हो, किसी का भविष्य बर्बाद हो या किसी का परिवार ही खत्म हो जाए बस सरकार को टैक्स चाहिए क्योंकि देश चलाना है भले ही यह जनता की लाशों पर पैर रख कर ही करना पड़े। भारत में बने और भारतीयों द्वारा ही संचालित कई क्रिप्टो प्रोजेक्ट्स भारत से बाहर पंजीकृत हैं। यह प्रोजेक्ट स्वयं तो पैसा बना ही रहे हैं बल्कि उन देशों को भी फायदा दे रहे हैं जहां यह प्रोजेक्ट्स पंजीकृत हैं लेकिन हमारी सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता। दुनिया वेब3 की बात कर रही है और भारतीय इस मौके को सरकार की गलत नीतियों के कारण हाथ से जाता देख रहें हैं। भारत में सरकार की इन्हीं गलत नीतियों के कारण क्रिप्टो का काला बाजार पनपने की बडी संभावना है।

क्रिप्टो और ब्लॉकचेन की दुनिया में जिस देश का नाम रोशन करने वालों को राष्ट्रीय सम्मान मिलाना चाहिए वही लोग आज अपना ही देश छोड़ने को मजबूर है। इस सबके बाद भी सरकार के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया है और ऐसी उम्मीद भी नहीं है। कल यही भारतीय क्रिप्टो दिमाग दूसरे देशो में जा कर अपने प्रोजेक्ट चलाएंगे जहां पर उन्हें इज्जत भी मिलेगी और सुविधाएं भी। देश कई साल पीछे चला जाएगा और देश का युवा बेरोजगार होगा लेकिन सरकार को इस से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। सरकार IIT IMA और बड़े बड़े शिक्षा संस्थान खोल रही है ताकि वह ज्यादा से ज्यादा पढ़े लिखे बेरोजगार पैदा करे। सरकार की गलत नीतियों, नासमझी और अड़ियल कार्यप्रणाली के कारण क्रिप्टो क्षेत्र का भारत से सफाया जल्द ही होता दिख रहा है और अगले चुनाव में सरकार का भी।

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