9 जून 2022 मुंबई (क्रिप्टो न्यूज़ हिन्दी)

1अप्रैल 2022 से भारत सरकार ने क्रिप्टो कमाई पर 30% का टैक्स तो लगा ही दिया था, अब 1 जुलाई से 1% टीडीएस भी लगने जा रहा है। छोटी बडी सभी तरह की क्रिप्टो कमाई पर, एयरड्रौप, गिफ्ट, एनएफटी और ट्रेड पर 30% टैक्स के बाद लोगों ने ट्रेडिंग और क्रिप्टो निवेश बहुत कम कर दिया है। यह एक बडा कारण है कि भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज पर ट्रेड वॉल्यूम में बडी गिरावट आई है। क्रिप्टो एक्सचेंजस की सबसे ज्यादा कमाई ट्रेड करने पर मिलने वाली फीस से होती है और जब ट्रेड वॉल्यूम ही नहीं होगा तो एक्सचेंजस को चलाना बहुत मुश्किल हो जाएगा।

एक क्रिप्टो एक्सचेंज को चलाने के लिए बडी मात्रा में तकनीकी तौर पर खर्च तो आता ही है साथ ही इसके लिए बडी मात्रा में मानव शक्ति की भी जरूरत होती है। एक एक्सचेंज में 10 से 50 लोग मिल कर काम करते हैं और एक्सचेंज पर 24 घंटे ट्रेडिंग होती है। सारी कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए लगातार काम करना पडता है। इसके साथ ही बाजार में बडे उतार-चढ़ाव के समय में गतिविधियों को और बेहतर करने के लिए तकनीकी तौर पर एक्सचेंजस को लगातार बदलाव और सुधार करने पडते हैं। एक्सचेंज पर निवेशकों का बहुत ज्यादा निवेश रखा होता है जिसे सुरक्षित रखने के लिए लगातार ऑडिट और सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए बडा खर्च करना पडता है। ऐसे में अगर एक्सचेंज पर ट्रेड वॉल्यूम नहीं आएगा तो एक्सचेंजस को चलाना बहुत मुश्किल हो जाएगा।

एक्सचेंज की दूसरी बडी कमाई होती है नई क्रिप्टो को लिस्ट करने से। जब से सरकार का टैक्स फरमान आया है तब से एक्सचेंजस पर नई लिस्टिंग में भी बडी गिरावट आई है। आमतौर पर नई लिस्टिंग के समय एक्सचेंजस कई तरह की ट्रेड प्रतियोगिता, एयरड्रौप और भी कई एक्टीविस्ट करती थी। अब अगर हम पिछले महीने का रिकॉर्ड देखें तो एक्सचेंजस पर नई लिस्टिंग में भी बडी गिरावट आई है। वज़ीरएक्स एक्सचेंज लिस्टिंग तो कर रहा है लेकिन सबसे बडा ट्रेडर् कौन प्रतियोगिता को स्थगित कर चुका है और इसके साथ ही कई क्विज़ भी किए जाते थे वह भी अब बंद कर दिए गए हैं।

1 जुलाई से 1% टीडीएस भी शुरू होने वाला है और एक्सचेंजस को इसके लिए तैयार होने में बहुत कम समय रह गया है। इस टैक्स के कारण ट्रेडिंग वॉल्यूम और नीचे गिरेगा। दूसरी समस्या बैंक पैदा कर रहे हैं जो रूपए को एक्सचेंज पर जमा करने की सुविधाएं नहीं दे रहे हैं।

इन सबसे बचने के लिए निवेशक या तो बाहर से क्रिप्टो का लेनदेन कर रहा है या ट्रेडर्स विदेश की एक्सचेंज पर जा रहे हैं। कर विभाग (Tax Department) ने कल गलती से टीडीएस 1% की जगह 0.1% लिख दिया था जिस से कुछ समय के लिए काफी असमंजस की स्थिति बन गई थी। बाद में विभाग ने एक ट्विट के द्वारा इन खबरों का खंडन किया।

क्रिप्टो बाज़ार में इस समय वैसे ही बहुत गिरावट देखी जा रही है। बिटकाॅइन अपनी अधिकतम कीमत से 60% नीचे आ चुका है और बाकी क्रिप्टो की हालत भी खराब है। 30% टैक्स के बाद अब बडी संख्या में क्रिप्टो निवेशक 1% के टीडीएस से डरा हुआ है। आने वाले समय में भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजस की हालत और ज्यादा खराब होने वाली है। इसका फायदा क्रिप्टो का काला बाजार चलाने वालों को या विदेशी एक्सचेंजस को होगा और हमेशा की तरह, आम निवेशक को नुक्सान होगा।
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