11 जुलाई 2020 शनिवार

क्रिप्टो की दुनिया में आप ने कई तरह की ट्रेडिंग की होगी और अक्सर आप लेवरेज ट्रेडिंग या फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे में सुनते होंगे लेकिन तकनीकी ज्ञान न होने के कारण ज्यादा लोग शायद इसे कर नहीं पाते।हम इस अर्टिकाल में कोशिश करते हैं की आपको लेवरेज ट्रेडिंग की सारी जानकारी दे सकें साथ ही आपको क्या क्या सावधानियां रखनी है वह भी बताने की कोशिश करते हैं।
यह अर्टिकाल हम अपने एक खास फॉलोवर मनोज दूबे के अनुरोध पर बना रहे हैं जिन्होंने हमे ट्विटर पर इस बारे में पूछा था।

https://twitter.com/AmayVikram5/status/1281807811324698625?s=08

 

लेवरेज ट्रेडिंग साधारण ट्रेडिंग से थोड़ा अलग है और इसके कई तकनीकी शब्द भी आपको समझने जरुरी है।लेवरेज ट्रेडिंग करने से पहले आपको यह जान लेना जरूरी है कि इसमें बहुत तेज रफ्तार से पैसा बनता है और उतनी ही तेज रफ्तार से नुक्सान भी हो सकता है।शुरुआत में बहुत ही कम निवेश से करें।इसके लिए आप बाइनेंस एक्सचेंज का चुनाव कर सकते हैं क्योंकि यहां पर आप 1 डॉलर से भी लेवरेज ट्रेडिंग कर सकते हैं।

लेवरेज क्या है– लेवरेज को आसान शब्दों में कहें तो यह अपने ट्रेड पोजिशन को बढ़ाने के लिए लिया गया एक उधार है जिस से आप ट्रेडिंग कर सकते हैं।यह आपके पास जितना निवेश है उस से ज्यादा की ट्रेड करने की सुविधा आपको देता है।लेवरेज एक तरीके से वायदा कारोबार की तरह है जहां पर आप असल में कोई स्टॉक या उत्पाद नहीं खरीदते बल्कि उस स्टॉक या वस्तु के भविष्य की कीमत का अनुमान लगा कर निवेश करते हैं।जैसे आप सोने के फ्यूचर ट्रेड में सोना न खरीद कर उसका एक बांड खरीदते हैं।
क्रिप्टो लेवरेज ट्रेडिंग में आप बिटकॉइन,एथेरिम या किसी क्रिप्टो को असल में न खरीद कर एक्सचेंज का एक वायदा खरीदते हैं।जिसकी कीमत बिल्कुल असल कॉइन की कीमत के साथ ही बढ़ती और घटती है।

निवेश– क्रिप्टो लेवरेज ट्रेडिंग के लिए आपके पास USDT होना जरुरी है क्योंकि सारी दुनिया की एक्सचेंज USDT से ही लेवरेज ट्रेडिंग की सुविधा उपलब्ध करवाती हैं।आप के पास जितना निवेश है उसका 10 गुना से 100 गुना और कही कही 1000 गुना लेवरेज की सुविधा भी मिलती है लेकिन आपको शुरू में कम से कम ही लेवरेज ले कर चलना चाहिए।आपको सबसे पहले लेवरेज ट्रेडिंग के लिए एकाउंट बनाना होगा और फिर USDT को जमा करना होगा।

बाय लॉन्ग/सेल शार्ट
लेवरेज या फ्यूचर ट्रेडिंग के दो मुख्य शब्द है लॉन्ग और शार्ट।अगर आपको लगता है कि किसी क्रिप्टो की कीमत ऊपर जा सकती है तो आप उस क्रिप्टो को खरीदेंगे ताकि कीमत ऊपर जाने पर आपको फायदा हो तो खरीदने को कहते हैं लॉन्ग और अगर आपको लगता है की कीमत नीचे जा सकती है तो आप सैल करेंगे यानि शार्ट करेंगे और जैसे जैसे कीमत नीचे आएगी आपको फायदा होगा।एक बार लॉन्ग या शार्ट करने के बाद आपकी पोजिशन आ जाएगी।

पोजिशन– अब आप ने लॉन्ग या शार्ट कर लिए तो आपकी ट्रेड की पोजिशन आ जाएगी और यहां पर आपको कुछ जानकारियां मिलेगी जैसे की –
साइज- आप ने लेवरेज के लिए जितने बिटकॉइन या एथेरिम या किसी और क्रिप्टो की लेवरेज ली है वह आपको पोजिशन में दिखाए।

एन्ट्री प्राइस– आप ने किस कीमत पर क्रिप्टो को ख़रीदा था वह आपको एन्ट्री प्राइस में पता चलेगा।

अनरिलीज़ड PNL(%ROE) इस जगह पर आपको आपकी लेवरेज का फायदा या नुक्सान दिखाएगा।लाल रंग के नंबर नुक्सान और हरे रंग के नंबर फायदे की सूचना देते हैं।यहां आपको पता चलता रहेगा की आपको कितने प्रतिशत फायदा या नुक्सान हो रहा है।

मार्क प्राइस– मार्क प्राइस वह कीमत है जो अभी उस क्रिप्टो की चल रही है जिसे आप ने लेवरेज किया हुआ है।आपकी खरीद और बेच की कीमत के बीच का फर्क ही आपका फायदा या नुक्सान है।

मार्जन– मार्जन में आपको आपके निवेश की राशि दिखाएगा की अपने कितना निवेश किया हुआ है।

लिक्विडेशन प्राइस- लेवरेज ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है लिक्विडेशन कीमत।इसकी गहराई से जानकारी होना जरुरी है।
आप जब भी लेवरेज ट्रेडिंग करते हैं लॉन्ग या शार्ट तो उसकी विपरीत दिशा में एक सीमा पर लिक्विडेशन निर्धारित होती है,यह लिक्विडेशन इस बात पर भी निर्धारित करती है की अपने कितनी लेवरेज ली है और आपके एकाउंट में कितना फण्ड है।यहां आपको ध्यान रखना है कि अगर आपके लॉन्ग या शार्ट की विपरीत दिशा में कीमत जाने लगे तो आपका सारा पैसा खत्म हो जाएगा यानि लिक्विडेट ही जाएगा उस कीमत पर पहुंच कर जो लिक्विडेशन कीमत प्राइस है।इस से बचने के लिए बाइनेंस के लेवरेज एकाउंट में आपको फण्ड डालना पड़ेगा।कुछ और लेवरेज के ट्रेडिंग प्लेटफार्म है जहां सिर्फ लेवरेज ट्रेडिंग की ही सुविधा होती है लेकिन वहां आप लिक्विडेशन को बढ़ा नहीं सकते यह सेवा बाइनेंस पर है।अगर आपको दिख रहा है कि आपका पैसा लिक्विडेट हो सकता है तो आप अपनी ट्रेड को क्लोज़ भी कर सकते हैं।
इन सभी पॉइंट को आप इस चित्र में देख सकते हैं।

आपको एडजेस्ट लेवरेज की सुविधा भी मिलती है जहां पर आप लेवरेज को बढ़ा कर लगी हुई पोजिशन को संतुलित कर सकते हैं।आप चाहे तो स्टॉप लॉस और टेक प्रॉफिट की सीमा निर्धारित करके भी अपने फायदे और नुक्सान को नियंत्रित कर सकते हैं।
जैसा हमने शुरू में ही बताया था कि लेवरेज में बहुत फायदा और नुक्सान भी उतना ही है लेकीन समझदारी से चला जाए तो आप एक अच्छा फायदा कमा सकते हैं।अगर आप किसी क्रिप्टो की कीमत के लिए 100% आश्वस्त हैं तो आप 50 गुना या 100 गुना लेवरेज पर भी ट्रेड कर सकते हैं लेकिन इसमें जोखिम बहुत ज्यादा रहता है।
यह रहा हमारा अर्टिकाल लेवरेज ट्रेडिंग के बारे में।हमे खुशी है कि हमारे फॉलोवर हमें इस बारे में बता रहे हैं कि वह किस विषय पर पढ़ना चाहते हैं।
हम कोशिश करेंगे बेहतर से बेहतर सेवा देने के लिए।

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