14 जुलाई 2021 बुधवार (क्रिप्टो न्यूज़ हिंदी)
शायद ही दुनिया में कोई देश ऐसा होगा जहां का क्रिप्टो समुदाय और सरकार क्रिप्टो को ले कर पिछले कई वर्षो से भ्रम की स्तिथि में होंगे।यहाँ पर सरकार और बैंक सर्वोच्च न्यायलय की बात तक नहीं सुनते क्रिप्टो के मुद्दे को ले कर।सबसे ताजा मामला है निजी बैंक में सबसे बड़ा नाम रखने वाले आईसीआईसीआई बैंक का।आईसीआईसीआई बैंक ने रेमिटेंस पेमेंट के लिए इस्तेमाल होने वाले फार्म में दो जगह रेमिटेंस का इस्तेमाल क्रिप्टो लेनदेन के लिए न करने की शर्त रखी है।बैंक ने रेमिटेंस के लिए इस्तेमाल होने वाले फार्म के नियम व शर्तो में लिखा है कि “ऊपर दी जा रही रेमिटेंस निवेश /बिटकॉइन खरीदने /क्रिप्टोकरंसी /वर्चुअल करंसी (जैसे कि एथेरियम,रिप्पल,लाइट कॉइन,डैश,पीरकॉइन,डोज कॉइन ,प्राइम कॉइन,चाइना कॉइन,वेन,बिटकॉइन और किसी भी तरह की क्रिप्टो या वर्चुअल करंसी के लिए नहीं है)।
इसी फार्म में एक और लाइन में लिखा है कि “इस रेमिटेंस के लिए इस्तेमाल किया गया फण्ड क्रिप्टो करंसी/बिटकॉइन/वर्चुअल करंसी को बदल कर नहीं किया गया है और अंत तक इसका इस्तेमला क्रिप्टो से या क्रिप्टो के लिए नहीं हो रहा है।
देखने वाली बात यह है कि क्या आईसीआईसीआई बैंक रिज़र्व बैंक के दिशा निर्देश पर काम नहीं करता या रिज़र्व बैंक के आदेश आईसीआईसीआई बैंक पर लागू नहीं होते ?जब सर्वोच्च नयायलय ने यह कह दिया है कि रिज़र्व बैंक क्रिप्टो पर किसी भी तरह कि पाबन्दी नहीं लगा सकता और यह काम सरकार का है,और रिज़र्व बैंक भी कुछ समय पहले बैंको को यह आदेश दी चूका है कि बैंक किसी भी ग्राहक को क्रिप्टो लेनदेन के लिए अपनी सेवा देने से मन नहीं कर सकते तो आईसीआईसीआई बैंक किस अधिकार से यह कर रहा है ?क्या इस कदम के पीछे बैंको को रेमिटेंस से होने वाली मोटी कमाई अपने हाथ से जाने कि चिंता है ?
भारत एक ऐसा देश है जहां पर दुनिया में सबसे अधिक रेमिटेंस का इस्तेमाल होता है पैसे को दूसरे देश से भेजने में।अगर हम नीचे दिए गए चार्ट में देखें तो 2016 में भारत में रेमिटेंस का इस्तेमाल करके कुल 62 बिलियन डॉलर भेजा गया है,यह 2017 में बढ़ कर 69 बिलियन डॉलर ,2018 में 78 बिलियन डॉलर ,2019 में 84 बिलियन डॉलर हो गया था।2020 में कोरोना के कारण इसमें थोड़ी गिरावट जरूर देखी गयी थी लेकिन फिर भी यह 83 बिलियन डॉलर से अधिक था (आंकड़े विकिपीडिया से हैं )।
रेमिटेंस के सेवा का इस्तेमाल करने के लिए मोटी फीस देनी पड़ती है और यह इस बात पर भी निर्भर है की हम यह सेवा किस से ले रहे हैं?दूसरी बड़ी समस्या यह है की रेमिटेंस से पैसा भेजने में 2 से 5 कार्य दिवस का समय लग जाता है।यह दो बड़ी समस्या है रेमिटेंस की सेवा बैंक द्वारा लेने पर।क्रिप्टो से यह काम बहुत ही कम फीस में और कुछ मिनट में ही हो जाता है। ऐसे में बैंको को यह चिंता सताने लगी है की कहीं क्रिप्टो उनसे यह कमाई न छीन ले।वैसे आप जो ऊपर चार्ट में आंकड़े देख रहे हैं यह सारा पैसा बैंक द्वारा ही ट्रांसफर किया गया है इसमें कही भी क्रिप्टो का इस्तेमाल नहीं है।देखने और सोचने वाली बात यह है की बिटकॉइन या ईथर जैसे क्रिप्टो माध्यम जिसकी कीमत में बड़े उतार चढ़ाव होते हैं इस से कौन पैसा भेजेगा ?अगर ऐसा हो भी रहा है तो यह नाम मात्र ही होगा लेकिन बैंक शायद कुछ ज्यादा ही परेशान हो रहे हैं।
क्रिप्टो बहुत सी समस्याओं का समाधान है और आईसीआईसीआई बैंक जो कर रहा है इस से उन लोगों को भी क्रिप्टो का पता चलेगा जिन्हें अभी तक इसका पता नहीं था।क्रिप्टो का इस्तेमाल करने वालों के बैंक एकाउंट बंद करने में भी आईसीआईसीआई बैंक सबसे आगे रहता है,लेकिन इन्हें यह समझना होगा की क्रिप्टो का इस्तेमाल करके बैंक को फायदा ज्यादा और नुक्सान कम है।हो सकता है समय के साथ साथ बैंक प्रणाली को यह समझ आ जाए कि “क्रिप्टो समाधान है समस्या नहीं”।
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