25 जुलाई 2021 (क्रिप्टो न्यूज़ हिंदी)
अगर हम बाजार की खबरों पर यकीन करें तो बिटकॉइन माइनिंग को ले कर चीन की सरकार कड़े कदम उठा रही है।चीन की सरकार ने दलील दी है कि उनके देश में बिजली का संकट है और बिटकॉइन माइनिंग के करण बहुत ज्यादा बिजली का उपयोग उनके देश को नुक्सान पहुँचता है।वैसे तो इस बात पर यकीन करना मुश्किल है क्योंकि 58% से अधिक बिटकॉइन माइनिंग चीन में ही होती है और इसमें ज्यादातर चीन के ही बड़े पूल हैं जो यह माइनिंग करते हैं तो चीन अपने ही देश का नुक्सान क्यों करेगा?चीन बिटकॉइन और क्रिप्टो कि ताकत को किसी भी देश से ज्यादा बेहतर तरीके से समझता है तो यह चीन कि कोई साजिश है?चीनी सरकार के इस आदेश के बाद से चीन में बिटकॉइन कि माइनिंग करने वाले अपनी मशीनों को किसी दूसरे देश में ले जा रहे हैं और मलेशिया का नाम यहाँ पर सबसे ऊपर आ रहा है।क्या भारत में बिटकाॅइन माइनिंग हो सकती है और क्या संभावना है यहां पर बिटकाॅइन माइनिंग के सफल होने की?
भारत बिटकॉइन माइनिंग में बन सकता है नंबर एक।
भारत में वह सभी जरुरी संभावनाएं और जरुरतें पूरा करने की ताकत है जो किसी देश को बिटकॉइन माइनिंग में नंबर एक बना सकता है।बिटकॉइन की माइनिंग के लिए जो दो सबसे ज्यादा जरुरी आवश्यकताएं हैं,वह है वातावरण का ठंडा होना और बिजली का सस्ता होना।
बिजली की जरुरत -चीन जिस बात का बहाना बना कर बिटकॉइन माइनिंग को हटाना चाहता है उसकी भारत में कोई कमी नहीं है।बिजली के लिए भारत के पास पर्याप्त संभावनाएं हैं।यहाँ पर हम सोलर बिजली का इस्तेमाल भी कर सकते हैं और पानी से बनने वाली बिजली का भी। अगर हम बाज़ार में इस समय देखें तो बिटकॉइन को पर्यावरण के लिए सही नहीं माना जा रहा है और यह कहा जा रहा है की बिटकॉइन ग्लोबल वार्मिंग का मुख्य सहयोगी है।भारत ने पिछले कुछ सालों में सोलर पावर के तौर पर अपने आप को आदर्श देश घोषित किया है।भारत के कुछ राज्य और कई हवाई अड्डे ऐसे हैं जो सोलर का इस्तेमाल बड़े स्तर पर कर रहे हैं।इन राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और भी कई राज्य हैं।
अगर हम राजस्थान की बात करे तो यहाँ पर वर्ष के बारह महीने सूरज से ऊर्जा ली जा सकती है।बिटकॉइन माइनिंग के लिए पानी की कोई जरुरत नहीं है इस लिए भी यह राज्य सही है साथ ही यहाँ पर बड़ा भूभाग ऐसा है जो खेती या उद्योग के लिए सही नहीं है इस लिए इस तरह की ज़मीन का इस्तेमाल बिटकॉइन माइनिंग लगाने के लिए किया जा सकता है।यहाँ पर सोलर से ग्रीन ऊर्जा द्वारा बिटकॉइन की माइनिंग की जा सकती है जो सस्ती होने के साथ साथ यह वातावरण के लिए भी अनुकूल है।यहाँ पर गर्मी एक बड़ी समस्या हो सकती है लेकिन बिजली अगर बहुत कम कीमत पर उपलब्ध है तो मशीनों को ठंडा वातावरण देना कोई बड़ी समस्या नहीं होगी।यह तरीका अपना कर बिटकॉइन माइनिंग के बड़े हिस्से पर भारत अपना कब्ज़ा कर सकता है।
वातावरण
अगर हम बिजली के साथ साथ वातावरण भी सही चाहते हैं तो भारत के तीन राज्य कश्मीर,हिमाचल और उत्तराखंड इस के लिए आदर्श हो सकते हैं।इन तीनों ही राज्यों में बिजली की कोई कमी नहीं है क्योंकि यहाँ पर बहुत से बांध हैं जहा पर बहुत ज्यादा बिजली बनाई जाती है और यही कारण है की यहाँ पर बिजली बहुत ही सस्ती है।इसके साथ साथ यहाँ का तापमान भी वर्ष के ज्यादातर समय बहुत कम रहता है जो बिटकॉइन की माइनिंग के लिए एक जरुरी जरुरत है।हिमाचल सरकार तो उद्योग लगाने के लिए सस्ती बिजली के साथ साथ सब्सिडी भी देती है जिस कारण बिटकॉइन माइनिंग करने वाले यहाँ पर आकर्षित हो सकते हैं।हिमाचल भी बडे स्तर पर सोलर उर्जा का इस्तेमाल करता है तो बिटकाॅइन माइनिंग के लिए भी इसका उपयोग हो सकता है।
अगर भारत सरकार सही समय पर सही निर्णय ले तो चीन को चित करने में भारत को समय नहीं लगेगा।भारत में बिटकॉइन माइनिंग के लिए अगर सुविधाएं दी जाएं तो यहाँ पर विश्व भर से निवेशक यहाँ पर निवेश लगाने के लिए तैयार हो जाएंगे।इस से भारत में तकनीकी ज्ञान रखने वाले लोगों को बड़ी तादाद में रोजगार भी मिलेगा।सबसे बड़ी बात यह हैं की भारत का नाम विषय के नक़्शे पर उभर कर सामने आएगा और रातों रात भारत बिटकॉइन और क्रिप्टो के लिए स्वर्ग बन जाएगा।यह एक सपना है जिसे अगर सरकार चाहे तो पूरा कर सकती है।इस बारे में सरकार को सही मार्गदर्शन देने के लिए भारतीय क्रिप्टो समुदाय से हर संभव मदद मिल सकती है।पोलीगोन मैटिक जैसी टीम भारत सरकार को इस बारे में वह हर संभव मदद कर सकती है जिसकी सरकार को जरुरत होगी।निकट भविष्य में हम यह उम्मीद कर सकते हैं कि बिटकॉइन माइनिंग से चीन का वर्चस्व हटा कर भारत इस दिशा में काम करे और नंबर एक बिटकॉइन माइनिंग करने वाला देश बन कर उभरे।
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