06-जनवरी-2023 शुक्रवार (क्रिप्टो न्यूज़ हिंदी)

भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजस पर पिछले एक साल से क्रिप्टो विड्राल बंद है। इसकी शुरूआत तब हुई जब भारत सरकार और कुछ सरकारी विभागों ने यह कहा कि “क्योंकि एक्सचेंजस से विड्राल के बाद लेन-देन का रिकॉर्ड नहीं देखा जा सकता इस लिए यह सही नहीं है”। इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि यह मनी लॉन्ड्रिंग माना जाता है सरकार की नज़र में इस लिए इसे रोका गया। रिकॉर्ड न होने के कारण सरकार इस पर टैक्स नहीं वसूल पाएगी इस लिए भी इस पर रोक जरूरी थी।

यहां पर प्रश्न यह है कि एक्सचेंजस और इनके सीईओ को यह कब पता चला की एक्सचेंजस से क्रिप्टो का विड्राल गैर कानूनी है और जब उन्हें पता चला तो उन्होंने क्या किया? यूट्यूबर वेबमास्टरमाईड का कहना है कि “आज भारतीय क्रिप्टो निवेशक अपनी क्रिप्टो को एक्सचेंजस से विड्राल नहीं कर सकते लेकिन क्रिप्टो को बेच कर रूपए को निकाल सकते हैं। समस्या यह है कि आज क्रिप्टो कॉइन और टॉकन 70% से 90% तक नीचे हैं तो ऐसे में अपनी क्रिप्टो को बेच कर रूपए में विड्राल कौन लेगा और अपना नुक्सान करेगा?”

आज एक्सचेंजस के सीईओ सोशल साइट्स पर आ कर यह कहते हैं कि रिजर्व बैंक के नियम अनुसार एक निर्धारित मात्रा से ज्यादा धन राशि को विदेश में भेजना गैर कानूनी है। क्या इन बुद्धिमान व्यक्तियों को यह कानून अभी पता चला?

सही बात यह है कि कुछ गैर-कानूनी लेन-देन की जांच करते हुए जब सरकारी विभाग को पता चला कि विदेशों में पैसा भेजने के लिए क्रिप्टो एक्सचेंजस का सहारा लिया गया है तब क्रिप्टो विड्राल पर प्रतिबंध लगा। सबसे बडी समस्या यह है कि क्रिप्टो एक्सचेंजस और सीईओ ने यह बात निवेशकों से काफी लम्बे समय तक छुपाई। जब सरकारी विभागों ने एक्सचेंजस को क्रिप्टो विड्राल देने से मना किया तो एक्सचेंजस को निवेशकों को थोडा समय देना चाहिए था अपनी क्रिप्टो विड्राल करने के लिए। कुछ लोगों ने गैर-कानूनी लेन-देन किया और इसकी सजा सभी भारतीय क्रिप्टो निवेशकों को भरना पडा। अगर एक्सचेंजस केवाईसी का सही तरह से पालन करते हैं तो सरकारी विभागों को सारी जानकारी देने में न तो देर लगती और न ही कोई समस्या होती।

क्रिप्टो विड्राल के बारे में जब भी एक्सचेंजस से पूछा जाता है तो इनके पास एक ही जवाब होता है “हम सरकार और विभागों से बात कर रहे हैं”! कब बात की, किस से बात की यह बताने का कष्ट कोई नहीं करता?

आज एक्सचेंजस निवेशकों को शांत रखने और अपने साथ जोडे रखने का एक और तरीका अपना रही है “प्रूफ ऑफ़ रिज़र्व”। आपकी क्रिप्टो एक्सचेंजस के पास सुरक्षित है यह दिखाने के लिए अपने कॉल्ड वॉल्ट और ऑडिट रिपोर्ट दिखाना। निवेशक इसका करेगा क्या जब वह अपनी क्रिप्टो निकाल ही नहीं सकता? अभी पता नहीं जिस कीमत पर क्रिप्टो को खरीदा था उस कीमत पर कब पहुंचेगी?तब तक एक्सचेंजस रहेंगी भी या एफटीएक्स जैसा हाल हो जाएगा। निवेशक विड्राल नहीं कर सकता लेकिन एक्सचेंजस के तो कॉल्ड वॉल्ट में है क्रिप्टो जिसे वह जब चाहें, जहां चाहें भेज सकते हैं। समस्या यह है कि एक्सचेंजस से यह सब पूछने की जगह निवेशकों को कुछ और दिखा कर यह संतुष्ट किया जा रहा है “आपका फंड सुरक्षित है”।

अगर एक्सचेंजस और इनके संस्थापक चाहते तो समय रहते निवेशकों को अपनी क्रिप्टो निकालने का मौका दे सकते थे लेकिन उन्होंने जानबूझकर ऐसा नहीं किया और अब निवेशक सिर्फ इंतजार कर सकते हैं और कुछ नहीं।

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