18 मार्च 2021 गुरुवार

पिछले कुछ समय से भारत में क्रिप्टो पर अधिनियम को ले कर बहुत ज्यादा चर्चा हो रही है।सरकार कई बार पार्लियामेंट में इस विषय पर बात कर चुकी है।विपक्ष इस बारे में कई बार सवाल पूछ चूका है और सरकार इसका जवाब भी दे चुकी है।इस बीच मीडिया भी अपने अपने सूत्रों से मिली खबरों के आधार पर कई कहानियां सुना चुकी है।क्रिप्टो के विषय पर जब से सरकार ने यह कहा है की वह जल्द ही इस पर अधिनियम लाने वाले हैं,तब से मीडिया इस विषय पर सरकार से कई बार सवाल पूछ चुकी है और वित्तीय मंत्री व राज्य वित्तीय मंत्री इस विषय पर कई बार जवाब भी दे चुके हैं।क्रिप्टो के विषय पर एक आंतरिक कमेटी काम कर रही है और रिज़र्व बैंक भी इस विषय पर काम कर रहा है लेकिन अंतिम निर्णय सरकार को लेना है।

इस विषय पर बात करते हुए राज्य वित्तीय मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर जी का कहना है की क्रिप्टो की कीमत में बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव होते हैं इस लिए हमें इस विषय पर निर्णय लेते हुए देश के नागरिकों के निवेश की सुरक्षा के साथ साथ देश की सुरक्षा का भी ख्याल रखना है।

ऊपर लिखी दोनों बातों से यह तो साफ़ है की सरकार देश के नागरिकों और देश की चिंता करती है, लेकिन इस विषय पर थोड़ा और विचार करने की जरुरत है।सबसे पहले हम कीमत की ही बात कर लेते हैं।क्रिप्टो बाजार शेयर बाजार से अलग नहीं है,यह जरूर है की इन दोनों में कुछ असामान्यताएं हैं लेकिन 90% यह एक जैसा ही क्षेत्र है।शेयर बाजार में भी स्टॉक की कीमत की कोई गेरेंटी नहीं है की यह ऊपर जाएग या नीचे।लोग शेयर बाजार में कच्चे तेल को भी ट्रेड करते हैं लेकिन पिछले वर्ष लॉकडाउन के कारण इसकी कीमत ज़ीरो से भी नीचे चली गयी थी। बिटकॉइन की बात करें तो यह ज़ीरो तक की कीमत पर कभी जा ही नहीं सकता।किसी भी शेयर की कीमत में भारी उतार चढ़ाव के कारण ही लोग शेयर में निवेश करते है और वह निवेश से पहले कंपनी और ट्रडिंग चार्ट का भी विश्लेषण कर लेते हैं।यही काम क्रिप्टो में होता है।क्योंकि क्रिप्टो विश्व स्तर पर ट्रेड करती है और शेयर देश तक ही सीमित है इस लिए क्रिप्टो में बड़े बदलाव होना आम बात है।इस लिए अगर हम क्रिप्टो को रोकने के लिए यह कहते हैं की इसकी कीमत बहुत ज्यादा ऊपर नीचे होती है तो यह सही नहीं होगा।

अगर हम पिछले साल की बात करें तो कोरोना के कारण पूरे विश्व में हर क्षेत्र में गिरावट आई है लेकिन क्रिप्टो की दुनिया को देखें तो यहाँ इस समय सबसे ज्यादा तेज़ी देखी गई।मार्च 2020 में जब कोरोना ने भारत में कदम रखा और भारत में लॉक डाउन हुआ तो बिटकॉइन की कीमत 4000 डॉलर और ईथर की कीमत 90 डॉलर थी।इसके साथ बाकि बड़ी क्रिप्टो की कीमत भी बहुत नीचे थी।आज एक साल बाद बिटकॉइन 60000 डॉलर और ईथर 1800 डॉलर के करीब है यानि बिटकॉइन 15 गुणा और ईथर 20 गुणा बढ़ा है।इस से निवेशक को जितना फायदा हुआ है इस कोरोना के समय इतना शायद ही किसी और व्यापार में हुआ होगा।इस दौरान कभी भी इतनी बड़ी गिरावट नहीं आई की निवेशक को बड़ा नुकसान हुआ हो।

देश की सुरक्षा ??
सरकार के मंत्रियों का यह कहना की क्रिप्टो पर अधिनियम बनाते समय यह देखना होगा की इस से देश की सुरक्षा को कोई खतरा तो नहीं है?यह प्रश्न थोड़ा सोचने पर मजबूत करता है।क्रिप्टो की दुनिया बहुत ही पढ़े लिखे लोगों की दुनिया है जो तकनीक के क्षेत्र में बहुत ज्यादा कुशल होते हैं।अगर हम भारत की बात करें तो बड़ी बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज को चलाने वाले सभी सीईओ बहुत ही ज्यादा शिक्षित और तकनीकी तौर पर इस विषय में अपना नाम रखते हैं।किसी भी क्रिप्टो प्रोजेक्ट को बनाने के लिए जिन डेवेलपर्स की जरुरत होती है वह भी बहुत शिक्षित होते हैं।क्रिप्टो एक्सचेंज पर ट्रेड करें के लिए भी आपको कुछ हद तक पढ़ा लिखा होना जरुरी है।भारत में ब्लॉकचेन के जो प्रोजेक्ट बन रहे हैं या बन चुके हैं वह सभी आज दुनिया भर में नाम कमा रहे हैं।विश्व के कई बड़े क्रिप्टो प्रोजेक्ट को भारतीय डेवेलपर ने बनाया है और उस पर काम कर रहे हैं।ऐसे में यह कहना की इस से देश को खतरा है, तो यह सीधे तौर पर इन सभी शिक्षित लोगों पर सवाल खड़ा करता है?

टीम वज़ीरएक्स

क्रिप्टो एक्सचेंज किसी भी उपभोगता को अपनी एक्सचेंज पर एकाउंट बनाने से ले कर पैसा जमा करने और निकालने की सेवा देने से पहले बहुत ही कठिन KYC के नियम को अपनाते हैं।इस KYC में ट्रेडर की हर वह जानकारी होती है जो जरुरी है बल्कि कई एक्सचेंज  तो एक कदम आगे जा कर लाइव वीडियो देने की भी गुजरिश करती है।इतने कड़े नियम के बाद शायद ही कोई गलत तरीके से एक्सचेंज या क्रिप्टो का इस्तेमाल कर पाए।अगर हम गलत इस्तेमाल की बात करते हैं तो वह किसी भी चीज़ का हो सकता है।एक चाकू से आप किसी को मार भी सकते हैं और इस से सब्ज़ी भी काट सकते हैं।आप एक कार से यात्रा भी कर सकते हैं और किसी इंसान के ऊपर इसे चढ़ा कर उसे परलोक की यात्रा भी करा सकते हैं।क्या ऐसे में इनको बंद किया जाना चाहिए? बिटकॉइन और क्रिप्टो तो अभी आए हैं लेकिन पैसों से हवाला का काम कई दशकों से चल रहा है।क्रिप्टो से किसी देश को खतरा नहीं हो सकता वरना अमेरिका,योरोप,कनाडा और भी कई देश क्रिप्टो को कभी मान्यता नहीं देते।

सुमित गुप्ता (COINDCX)

कोरोना काल में क्रिप्टो का सहारा
देश की सुरक्षा के साथ साथ सरकार और मंत्री मंडल को देश की अर्थव्यवस्था और व्यापारिक क्षेत्र को भी देखना चाहिए।कोरोना के समय में जब लोगों की नौकरियां जा रही थी,लोग बेरोजगार हो रहे थे और मध्यमवर्गीय परिवार के पास जीविका चलाने का संकट आ गया था तब क्रिप्टो ने लाखों लोगों को सहारा दिया है।यह बात जज़्बाती हो कर नहीं कही जा रही बल्कि एक्सचेंज के आंकड़े यह दिखते हैं की पिछले एक साल में क्रिप्टो एक्सचेंज पर नए एकाउंट और ट्रेड वॉल्यूम में बहुत ज्यादा वृद्धि हुई है।हज़ारो यूट्यूब चैनल,क्रिप्टो वेबसाइट इस से अपनी जीविका चला रहीं है।क्रिप्टो क्षेत्र ने कोरोना के समय में हज़ारों पढ़े लिखे लोगों को रोजगार दिया है व नई नौकरियां दी है।ब्लॉकचेन की दुनिया में भारत विश्व के कई बड़े देशों से आगे है।आज अगर सरकार क्रिप्टो के विषय में सकारात्मक अधिनियम बना ले तो यहाँ के लाखों बेरोजगारों को तुरंत नौकरियां मिलेगी।कोरोना काल में क्रिप्टो एक्सचेंज ने बहुत ही बेहतर सेवाएं दी हैं,पैसा अपने अकॉउंट में लेने और सीधा बैंक एकाउंट में पैसा देने की सुविधा ने एक साल तक क्रिप्टो में काम कर रहे लोगों को लॉकडाउन होने के बाद भी कभी पैसे की समस्या नहीं आने दी।शायद ही कोई क्षेत्र था कोरोना काल में जिसने इस दौरान इतनी तरक्की की है और लोगों को रोजगार दिया है।

इस सब बातों को देखें तो सरकार को एक सही निर्णय लेना चाहिए क्रिप्टो के बारे में।क्रिप्टो,दुनिया के लेनदेन के तरीके को बदल रहा है और ऐसे में देश को पीछे नहीं रहना चाहिए। सरकार को देश में बढ़ रहे इस क्षेत्र का सहयोग करना चाहिए जिस से सरकारी खजाने में बड़ी मात्रा में राजस्व भी आ सके और देश के लोग क्रिप्टो के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें।हमें अपने देश के मंत्रियों से उम्मीद है की वह सब बातों को ध्यान में रख कर ही इस विषय पर सकारात्मक निर्णय लेंगे और एक सही नियम बनाएंगे।
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