05 अप्रैल 2020 मंगलवार

क्रिप्टो की दुनिया का अगर सबसे बड़ा फ्रॉड,स्केम किसी ने किया तो वह है वन कॉइन को शुरू करने वाली बुल्गारिया की रुज़ा इग्नातोव !!! जिसने 4 बिलियन डॉलर लगभग 3,02,96,00,00,000 रुपए का धोखा दिया है दुनिया के क्रिप्टो निवेशकों को।रुज़ा को बीबीसी ‘द मिसिंग क्रिप्टोक्वीन’ और द टाइम्स ‘स्कैम क्वीन’ के नाम से भी बुलाते हैं।


30 मई 1980 को बुल्गारिया में जन्मी रुज़ा ने 2005 में यूरोपियन प्राइवेट लॉ में पी एच डी की डिग्री यूनिवर्सिटी ऑफ कॉन्स्टेंस ली।2012 में जर्मनी में भी रुज़ा अपने पिता प्लामेन इग्नातोवा के साथ एक कंपनी के बैंक करप्ट होने के सिलसिले में सजा काट चुकी हैं।
2014 में रुज़ा ने दो कंपनिया पंजीकृत की जिसमे से एक का नाम वन कॉइन लिमिटेड जो दुबई में पंजीकृत थी और दूसरी वन लाइफ लिमिटेड जो की बेलीज़ सेंट्रल अमेरिका में पंजीकृत थी और दोनों ही कंपनियों को रुज़ा ने सेबेस्टियन ग्रीनवुड की मदद से शुरू किया।सेबेस्टियन ग्रीनवुड का नाम याद रखिए क्योंकि वन कॉइन का फर्जी जाल दुनिया भर में फैलने का मास्टर माइंड यही है।

वन कॉइन के फर्ज़ी व्यापार को दुनिया भर में यह कह कर फैलाया गया की यह क्रिप्टो और ट्रेडिंग की शिक्षा देने वाली एक कंपनी है।इसे मल्टी लेवल मार्केटिंग के द्वारा पूरी दुनिया में फैलाया गया जहां पर 100 यूरो से ले कर 1 लाख 18 हज़ार यूरो तक की सदस्यता दी जाती थी।इस सदस्य में शिक्षा जैसा कुछ नहीं था बल्कि यह ज्यादा पैसा लगाने पर या लगवाने पर ज्यादा पैसे देने की एक योजना थी।इस पैसे के बदले आपको कुछ टोकन मिलते थे जिन्हें माइनिंग में डाल दिया जाता था और इनकी वेबसाइट पर एक मीटर चलता था जो जीरो से 100 तक जाता था और 100 नंबर पूरा होने पर आपके टोकन दो गुने हो जाते थे।कंपनी का कहना था की उनकी माइनिंग दो जगह बुल्गारिया और एक जगह हांगकांग में होती है लेकिन ऐसा कुछ था नहीं।वन कॉइन ने दो बार अपने ब्लॉकचेन को बदला और लोगों को दो गुना टोकन दिए हलाकि न तो कभी वन कॉइन की ब्लॉकचेन का पता चला और न ही एक्सप्लोरर का।वन कॉइन ने अपनी वेबसाइट को भी बदला जहां इन्होंने वन कॉइन की जगह वेबसाइट का नाम वन लाइफ कर दिया और माना जाता है की इसी समय दूसरी कंपनी को पंजीकृत किया गया होगा।वन कॉइन की कीमत यूरो में ही बढ़ती थी लेकिन यह पूरी तरह से रुजा के हाथों में था।


लोगों का निवेश करवाने वाले इसी बढ़ती कीमत की तुलना बिटकॉइन के साथ करके कहते थे की जल्द ही वन कॉइन बिटकॉइन से ज्यादा महंगा हो जायेगा,रुज़ा का कहना था की वन कॉइन “बिटकॉइन किलर” है और जल्द ही वन कॉइन बिटकॉइन को खत्म कर देगा।
वन कॉइन सिर्फ हवा बेचने का काम करती थी और इसके शिक्षा पैकेज का सदस्य से कोई लेना देना नहीं था।वन कॉइन के कार्य पर कई देशों संदेह था जैसे की अमेरिका,योरोप,चीन, फ़िनलैंड,भारत,स्वीडन,नॉर्वे और भी कई देश।

कई लोगों के गिरोह ने पूरी दुनिया में फैलाया वन कॉइन का मायाजाल।
वन कॉइन की शुरुआत मुख्यता चार लोगों से होती है रुज़ा, उसका भाई कोंस्टेनटिन इग्नातोवा,सेबेस्टियन ग्रीनवुड और जुहा परिहाला।रुज़ा और इसका भाई वन कॉइन की संचालन देखते थे। सारी दुनिया में वन कॉइन का नेटवर्क फैलाने का काम किया वन कॉइन की पहली सदस्यता प्राप्त करने वाले सेबेस्टियन ग्रीनवुड और जुहा परिहाला ने।जानकारी यह मिली है की सेबेस्टियन ग्रीनवुड रुज़ा का वन कॉइन में पार्टनर था और नेटवर्क मार्केटिंग में जुहा और सेबेस्टियन ग्रीनवुड पार्टनर थे और इन दोनों ने मिल कर दुनिया के कोने कोने तक वन कॉइन को पंहुचाया और बेशुमार दौलत इकठ्ठी की।जुहा ने बैंकॉक में वन कॉइन दफ्तर भी बनाया था जो उसका निजी था और बाद में यह बंद हो गया।एक समय में जुहा नेटवर्क मार्केटिंग से सबसे ज्यादा पैसा कमाने वाला व्यक्ति बन गया था।

दुनिया के कई देशों में वन कॉइन पर कार्यवाही
वन कॉइन पर सबसे पहली सरकारी कार्यवाही 30 सितम्बर 2015 को बुल्गारिया सुपरविज़न कमीशन ने की जब क्रिप्टो से जुड़े खतरों के बारे में बताया गया और वन कॉइन का नाम इसमें आया।इसके बाद वन कॉइन ने अपने बैंक एकाउंट को विदेशो से चलाना शुरू किया जहां पर सदस्य बनने के बदले पैसा देना पड़ता था।

*मार्च 2016 में डायरेक्ट सेल्लिंग संस्था नॉर्वे ने वन कॉइन को पिरामिड स्कीम बता कर शिकायत दर्ज की।
*दिसम्बर 2016 में इटली सरकार ने वन कॉइन और इसके प्रोमोट करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की और 27 फरवरी 2017 को इसकी गतिविधियों पर रोक लगा दी।
*दिसंबर 2016 में हंगरी सेंट्रल बैंक ने वन कॉइन की गतिविधियों के बारे में चेतावनी जारी की,इसी वर्ष चीन में भी वन कॉइन के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया और इनसे 30.8 मिलियन डॉलर बरामद किए जो की हवाला का पैसा था, हलाकि रुजा ने इन्हें अपना सदस्य और किसी भी तरह का वन कॉइन से लेनदेन को अस्वीकार किया।
*मार्च 2017 में क्रोएशियन नैशनल बैंक ने वन कॉइन के वित्य खतरों के बारे में चेतावनी जारी की और कहा की वन कॉइन कार्य उनके द्वारा सुपरवाइज़ नहीं है और निवेशकों के पैसे डूबने का खतरा है।
*27 अप्रैल 2017 को जर्मनी फेडरल ने वनकॉइन लिमिटेड दुबई और वन लाइफ नेटवर्क बेलीज़ के खिलाफ एक केस किया जहां वन कॉइन को अपने निजी फण्ड से ट्रेडिंग का दोषी पाया गया।
*28 अप्रैल 2017 को बैंक ऑफ़ थाईलैंड ने चेतावनी जारी वन कॉइन के खिलाफ,उन्होंने कहा की वनकॉइन गैर कानूनी डिजिटल मुद्रा है और इसे ट्रेड में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।वनकॉइन को थाईलैंड में कई जगह इस्तेमाल किया जाता था।
*29 मई 2017 को इंटरनेशनल फाइनेंसियल सर्विसेस ऑफ़ बेलीज़ ने वनकॉइन लिमिटेड को बिना लाइसेंस लिए ट्रेडिंग करने का दोषी पाया।
*16 जून 2017 को रुजा ने यह कहा की उन्हें वियतनामी सरकार से ट्रेडिंग का लाइसेंस मिला है और वह पहली क्रिप्टो मुद्रा है एशिया में जिसे लाइसेंस मिला है।इसके चार दिन बाद ही वहां की सरकर ने यह सूचना जारी की कि वनकॉइन ने जो दस्तावेज पेश किए है वह फर्ज़ी है।
*10 जुलाई 2017 को भारत में रुजा और वनकॉइन को प्रोमोट करने वालों पर मुंबई में मुकदमा दर्ज हुआ।
*17 और 18 जनवरी 2018 को बुल्गारिया पुलिस ने वनकॉइन को दफ्तर पर छापा मारा जहां पर 50 लोगों से पूछताछ की गई और वनकॉइन के सर्वर और कागजात कंप्यूटर जप्त किए गए।
*3 मई 2018 को सेंट्रल बैंक ऑफ़ सामोआ ने वनकॉइन के सभी विदेशी लेनदेन को बैन कर दिया,बैंक ने मार्च में ही वनकॉइन को हाई रिस्क पिरामिड स्किम कहा था।
*21 नवम्बर 2019 न्यू यॉर्क फेडरल कोर्ट ने मार्क सकॉट को मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी पाया और वनकॉइन के लिए 400 मिलियन डॉलर को गैर कानूनी तरीके से देश से बहार भेजने का दोषी पाया।
*6 मार्च 2019 को रुजा के भाई कोंस्टेनटिन इग्नातोवा को फेडरल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन ने लॉस एंजेल्स हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया।रुजा और उसके भाई को वनकॉइन पिरामिड और फर्जी क्रिप्टो मुद्रा बना कर सारी दुनिया के निवेशकों का खरबो रुपया लूटने का इल्ज़ाम लगा कर कोर्ट में केस चलाया गया और कैलिफ़ोर्निया सेंट्रल डिस्ट्रिक कोर्ट में जज के सामने पेश करके पूछताछ शुरू की गई।


एफबीआई ने वनकॉइन को पूरी तरह से एक फर्ज़ी और निवेशकों को धोखा देने वाली एक पिरामिड स्कीम करार दिया।वनकॉइन रुजा उसके भाई सेबेस्टियन ग्रीनवुड द्वारा चलाया गया एक षड्यंत्र था जिसमें जल्द पैसा बनाने के चक्कर में पूरी दुनिया के लोग फस गए।वनकॉइन की कीमत को डिमांड और सप्लाई पर आधारित बताया गया और इसकी कीमत को 0.50 यूरो से 29.95 यूरो तक पंहुचा दिया गया, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है क्योंकि न तो वनकॉइन की कोई ब्लॉकचेन है न ही यह माईन होता है,यह पूरी तरह से केन्द्रीय नियंत्रण में रुजा और उसके सहयोगियों द्वारा चलाया जाता है।एफबीआई रुजा और उसके भाई के कुछ ईमेल को भी पकड़ा है जहां पर यह दोनों की वनकॉइन से बहार निकलने की योजना का खुलासा हुआ है,इस सूची में सबसे ऊपर सारा पैसा ले कर भागने और इसका इंज़ाम किसी और पर लगाने की योजना थी।वनकॉइन की कीमत को दोनों बहन भाई अपनी मर्ज़ी से बढ़ाते थे।
कुछ समय बाद वनकॉइन को वनकॉइन शेयर में बदलने के लिए सदस्यों को कहा गया जहां पर एक वनकॉइन के बदले में 100 वनकॉइन शेयर दिए गए और इन्हें जल्द ही अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट करने की बात कही गई साथ ही डीलशेकर नाम से एक प्लेटफार्म बनाया गया जहां पर वनकॉइन को दे कर खरीदारी की जा सकती थी लेकिन यहां पर भी बहुत फर्जीवाड़ा हुआ।यहां जो सेवाएं दी जा रही थी उनकी कीमत आम कीमत से बहुत ज्यादा थी और किसी भी सेवा के बदले 100% वनकॉइन नहीं लिया जा रहा,पड़ताल में यह पता चला की यह योजना वनकॉइन को वापिस अपने हाथ में लाने के लिए है ताकि बाजार से वनकॉइन को कंपनी में वापिस लाया जा सके और इसमें कई लोगों ने रुजा और इसके भाई का साथ दिया।इग्नातोवा ने कई बार अमेरिका की यात्रा की और वनकॉइन के व्यापार को अमेरिका में बढ़ाने की कोशिश की।इग्नातोवा वेबिनार और यूट्यूब के माध्यम से प्रचार करता था।इग्नातोवा ने लॉसवेगास में वनकॉइन के कई सदस्यों से मीटिंग की और वनकॉइन की योजनाओं के बारे में बताया,इस मीटिंग में कई भारतीय भी मौजूद थे जिसकी जानकारी डिपार्टमेंट के पास है।
24 नवम्बर 2019 को बीबीसी से एक रिपोर्ट जारी की जिसका टाईटल था ‘क्रिप्टो क्वीन’ और इस रिपोर्ट में बताया गया है की रुजा फ्रैंकफर्ट में अपनी पहचान बदल कर रह रही है।कुछ रिपोर्ट में यह भी कहा जाता है की रुजा ने प्लास्टिक सर्जरी करवा ली है और और अब उसे पहचानना मुश्किल है।क्रिप्टो मीडिया की एक रिपोटर ने यह खुलासा भी किया है की रुजा रूस के एक शक्तिशाली व्यक्ति की सुरक्षा में है।रुजा ने पैसा दे कर फोर्ब्स मैगज़ीन के कवर पेज पर अपनी फोटो गवाई और इसे वनकॉइन के सदस्यों को भरी कीमत पर खरीदवाया इस तरह की खबरें भी है बाजार में।

हवाला और बिटकॉइन में लिया गया पैसा
वनकॉइन की सदस्यता लेने के लिए यूरो में पैसा देना पड़ता था और यूरो को आम व्यक्ति के लिए लेना आसान नहीं था इस लिए हवाला के द्वारा पैसा विदेशों में भेजा जाता था।भारतीय सदस्य दुबई और हांगकांग हवाला से पैसा भेजते थे और यूरो ले कर सदस्यता देते थे।आम लोगों से यूरो को दिलाने के बदले भी मोटी रकम वसूली जाती थी।इसके लिए पेपाल, नेटलर और परफेक्ट मनी का भी सहारा लिया जाता था।क्योंकि वनकॉइन को दुबई में भी पंजीकृत किया गया था तो यहां के बैंको में हवाला के द्वारा बहुत सा पैसा जमा किया हुआ है। भारत में दिल्ली के रोहिणी से एक व्यक्ति का नाम सामने आ रहा है जो लोगों को भारतीय रुपये ले कर यूरो देने का काम करता था।रुजा ने बहुत सोचे समझे तरीके से वनकॉइन का षड्यंत्र रचा,शायद वह बिटकॉइन की ताकत को जानती थी इसी लिए जल्द ही वह बिटकॉइन के बदले में लोगों को वनकॉइन की सदस्यता देने लगी और बिटकॉइन से सदस्यता लेना बहुत महंगा भी था।बिटकॉइन ज़ेबपे पर आसानी से मिल जाता था और लोग इस से वनकॉइन की सदस्यता लेते थे।एक रिपोर्ट के मुताबिक रुजा ने बहुत अधिक मात्रा में पैसे को बिटकॉइन में बदल लिया है और अब आराम से बैठी है।रुजा का पासपोर्ट 10/09/2025 को खत्म हो रहा है और ऐसी भी संभावना है की उसने फर्ज़ी नाम से नया पासपोर्ट बनवा लिया हो।

वनकॉइन के फर्जीवाड़े में कई भारतीय नटवरलाल भी शामिल!!!
एक अनुमान के अनुसार भारत से निवेशकों का करीब 10 हज़ार करोड़ रुपया वनकॉइन की पोंजी स्कीम में लगा हुआ है।वनकॉइन को भारत में लाने वाला सबसे पहला व्यक्ति था दिल्ली से गणेश सागर और उसका सहयोगी बाली।गणेश सागर के सेबेस्टियन ग्रीनवुड से सीधे सम्बन्ध थे और इन्होंने मिल कर वनकॉइन को भारत में फैलाया।सेबेस्टियन ग्रीनवुड ने भारत कई बार दौरा किया और इन दोनों के साथ चंडीगढ़ के जे.डब्लू मैरिट में तीन दिन रुक कर मीटिंग की जहां पर अम्बाला के अजमेर सिंह ने सैकड़ो लोगों को वनकॉइन की सदस्यता दिलवाई।

अजमेर सिंह ने गणेश और बाली के साथ मिल कर सेबेस्टियन ग्रीनवुड की मुम्बई,सूरत,दिल्ली और अहमदाबाद में कई मीटिंग करवाई और लोगों का कई सौ करोड़ रुपए इस फर्जीवाड़े में लगवाए।इन लोगों ने कई विदेशी यात्राएं भी की और रुजा उसके भाई सेबेस्टियन ग्रीनवुड के साथ यह लीग सीधे संपर्क में थे।इन लोगों ने कई भारतीय फर्ज़ी कंपनिया बनाई और उनमें लोगों से पैसा ले कर वनकॉइन की सदस्यता दी।इन लोगों ने बहुत बड़ी मात्रा में हवाला का भी कारोबार किया और गैर कानूनी तरीके से दुबई पैसा भेजा।वनकॉइन के फर्जीवाड़े में उत्तरप्रदेश से भी बहुत लोगों ने पैसा लगाया और लगवाया था इन सबने भी कई विदेशी यात्राएं की,इसके साथ ही दिल्ली और चंडीगढ़ से भी कई लोगों के नाम संलिप्त हैं।


23 अप्रैल 2017 को मुंबई पुलिस ने आम सदस्य बन कर नवी मुंबई में वनकॉइन की एक मीटिंग को अटेंड किया जहां से 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 9 बैंक खातों से 24.57 करोड़ रुपए बरामद किया गया।75 करोड़ रुपए पहले ही बहार भेज दिए गए थे।मई में दो लोगों और और गिरफ्तार किया गया और 24 करोड़ रुपए बैंक खातों में और पकडे गए।इसके लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है जो इस सारे केस की खोजबीन कर रही है इसमें भी एक नाम नागपुर से सामने आ रहा है।पुलिस का कहना है की इस मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री का वीडियो चलाया गया और डिजिटल इंडिया की बात कह कर लोगों को वनकॉइन में निवेश के लिए कहा गया।कई लोगों ने स्टेज पर खड़े हो कर कहा की उन्होंने लाखों करोड़ों कमाया है।पुलिस का कहना है की वनकॉइन के पास किसी भी तरह की रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया या सेबी की कोई इज़ाज़त नहीं है लोगों से पैसा इकठ्ठा करने की और न ही वनकॉइन का भारत में कोई पंजीकरण है।ऐसे बहुत से लोगों की जानकारी है जिसने गणेश और बलि के साथ मिल कर वनकॉइन में लोगों का पैसा लगवाया और इसके बाद भी कई क्रिप्टो पोंजी सकीमो को भारत में प्रमोट किया और अरबो की सम्पति बनाई और यह सभी कंपनिया बंद हो चुकी है साथ ही इनमे से किसी भी कंपनी के पास भारत में पैसा लगवाने की सरकारी आज्ञा नहीं थी और न ही पंजीकरण।

मिली जानकारी के अनुसार उतराखंड सरकारी विभाग भी इस बारे में इन्वेस्टीगेशन कर रहा है और कुछ लोगों से पूछताछ की गई है।गणेश सागर और बाली भारत छोड़ कर भाग चुके हैं लेकीन इन सभी लोगों की जानकारी विभाग के पास है जो एक ट्रेवल एजेंट से मिली है जहां से यह अपनी विदेश यात्राओं के लिए वीसा और टिकट बुक करवाते थे,इन सभी की पासपोर्ट की जानकारी मिली है और इनकी विदेश यात्राओं की जानकारी निकाली जा रही है।गणेश सागर का बग्स कॉइन में भी नाम लिया जाता है और कहा जाता है की यह उसी का कॉइन है।जानकारी के अनुसार बाली दुबई में है।

इग्नातोव को वनकॉइन का दोषी पाया गया तो 90 साल की कैद हो सकती है।अप्रैल में इस पर सुनवाई होनी थी लेकिन कोरोना के कारण इस केस को जुलाई तक आगे बढ़ा दिया है।सेबेस्टियन ग्रीनवुड भी इस समय इग्नातोवा के साथ पुलिस की गिरफ्त में है और उस पर पांच मामले चल रहे है ।

https://www.justice.gov/usao-sdny/pr/manhattan-us-attorney-announces-charges-against-leaders-onecoin-multibillion-dollar

इस बारे में यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमेरिका अटोर्नी ने अपने ईमेल और फ़ोन नंबर भी जारी किए है जहां पर आप अपने साथ वनकॉइन के हुए फर्जीवाड़े की जानकारी दे सकते हैं [email protected]
इसके अलावा अगर आप चाहें तो वनकॉइन में आपके साथ हुए धोखे की जानकारी आप [email protected] पर भी ईमेल कर सकते हैं।
*इस लेख में ली गई जानकारी विकिपीडीया, यूनाइटेड स्टेट अटॉर्नी ऑफिस,भारतीय न्यूज़ पेपर, निज़ी पड़ताल से ली गई है।
*इस जानकारी के लिए कई क्रिप्टो न्यूज़ पोर्टल से भी जानकारी इकठ्ठा की गई है।