24 अगस्त 2020 सोमवार

भारतीय क्रिप्टो समुदाय के लिए सबसे बड़ी खबर यही हो सकती है की भारत सरकार क्रिप्टो को ले कर सकारात्मक कानून बनाए ताकि भारतीय क्रिप्टो समुदाय निश्चिन्त हो कर क्रिप्टो के क्षेत्र में काम कर सके।ऐसी जानकारी है कि भारत सरकार इस साल के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो बिल को लोक सभा में ला सकती है और इस विषय पर कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।अक्सर समाचार पत्रों में यह खबर मिलती है कि सरकार क्रिप्टो को बैन कर रही है या ऐसी कुछ योजना बना रही है लेकिन किसी के पास इस बात की सही जानकारी नहीं है और यह सब आंतरिक कमेटी की पुरानी रिपोर्ट का हवाला दे कर ही खबर प्रकाशित कर रहे हैं।2017 से 2020 के बीच में क्रिप्टो के क्षेत्र में भारत में बहुत से सकारात्मक बदलाव आए हैं और इसी आधार पर हम यह आर्टीकल प्रकाशित कर रहे हैं जहां विश्षज्ञ यह मानते हैं कि पुराने बिल और पेश किए जाने वाले बिल में काफी बदलाव संभव है।

सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि सरकार ने इस विषय पर जानकारी देने के लिए एक कमेटी बनाई थी जिसका काम सरकार को इस विषय पर यह बताना था कि क्रिप्टो क्या है,इसके फायदे और नुक्सान क्या हैं।इस कमेटी में क्रिप्टो जगत का कोई विशेषज्ञ नहीं था और वित्य क्षेत्र के विशेषज्ञों के लिए क्रिप्टो को समझना और समझाना आसान नहीं है क्योंकि क्रिप्टो बहुत तकनीकी और नया विषय है और इसके बारे में पूरी जानकारी एक क्रिप्टो विशेषज्ञ ही दे सकता है।यह कमेटी सिर्फ सिफारिशों को दे सकती है न की कानून बनाने के लिए बिल ड्राफ्ट करती है।जो सिफारिशें दी गई थी उस पर सरकार के अधिकारी,सरकारी कर्मचारी,वित्य विशेषज्ञ एक बिल बना कर लोक सभा में पेश करेंगे।क्रिप्टो के विषय में सिफारिशों के लिए जो कमेटी बनी है संभवता उसने भी अपनी रिपोर्ट में कुछ बदलाव किए होंगे और पिछले कुछ महीनों में कोरोना काल में क्रिप्टो की तरफ भारतीयों और दुनिया का आकर्षण साथ ही कुछ और ऐसी प्रगति को देखें तो बिल में कुछ सकारात्मक बदलाव जरूर हो सकते हैं।ऐसे ही पांच मुख्य बिंदु हम यहां रख रहे हैं-:

1. सर्वोच्च न्यायालय का फ़ैसला
क्रिप्टो के विषय में इस साल भारत में जो सबसे बड़ा बदलाव आया वह है सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिज़र्व बैंक द्वारा क्रिप्टो की खरीद बेच के लिए बैंक एकाउंट पर लगी रोक को हटाना। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस फ़ैसले को रिज़र्व बैंक के अधिकार क्षेत्र से बहार बताना और नागरिकों के मौलिक अधिकारों के विपरीत था रिज़र्व बैंक का यह कदम।किसी भी देश का वित्य संस्थान उस देश की सरकार का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है क्योंकि इसी से देश की अर्थव्यवस्था की मुद्रा का परिचालन किया जाता है।देश की शीर्ष अदालत द्वारा देश के सबसे बड़े वित्य संस्थान के विपक्ष में निर्णय आना एक बहुत बड़ा बदलाव है और कही न कही यह बात सरकार को क्रिप्टो बिल में सकारात्मक बदलाव करने पर विवश जरूर करेगी।

2.भारतीय ब्लॉकचेन तकनीक का बढ़ता प्रभाव
हाल ही में देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने ब्लॉकचेन तकनीक के विषय में अपने विचार रखे थे और भविष्य की इस तकनीक को सरकार द्वारा अपनाने के बारे में कहा था।तेलंगाना सरकार पहले से ही ब्लॉकचेन तकनीक पर कई बड़े प्रोजेक्ट कर रही है जिसमें उन्हें टी ब्लॉक,मैटिक नेटवर्क भी सहयोग कर रहे हैं।मैटिक नेटवर्क आज विश्व स्तर का ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट बन गया है जो कई समस्यों का समाधान दे रहा है और विश्व के कई बड़े प्रोजेक्ट भी मैटिक की ब्लॉकचेन की तरफ आकर्षित हो रहे हैं।हाल ही में मैटिक नेटवर्क ने जब अपने नेटवर्क को पब्लिक नोड्स पर लाने की घोषणा की तो विश्व विख्यात आई टी कंपनी इनफ़ोसिस मैटिक के साथ आई जो एक बड़ी उपलब्धि है।
पिछले कुछ समय में भारत के कुछ शहर जैसे हैदराबाद,बैंगलोर,इंदौर, पूना और गुरुग्राम ब्लॉकचेन के क्षेत्र में बहुत आगे आए हैं।सरकार आज अगर विकेंद्रियकृत ब्लॉकचेन की बात करती है तो यह क्रिप्टो के बिना मुश्किल है तो कही न कही यह पक्ष भी सरकार को क्रिप्टो के विषय में सकारात्मक बदलाव के लिए सोचने पर बल देगा।इसके साथ ही कोरोना काल में लगभग सभी क्षेत्रों में नौकरियों पर असर पड़ा है लेकिन ब्लॉकचेन, क्रिप्टो, और कोडिंग के क्षेत्र में नौकरीयां बढ़ी हैं।सरकार अगर क्रिप्टो पर सकारात्मक तौर पर कानून लाती है तो इस क्षेत्र में लाखों नौकरीयां और पैदा होगी।

3.बड़े उद्योग जगत का क्रिप्टो और ब्लॉकचेन की दुनिया में आना
रिज़र्व बैंक की रोक हटने के बाद अगर क्रिप्टो की दुनिया में कोई दूसरा सबसे बड़ा बदलाव आया है तो वह होगा देश के बड़े और जानेमाने व्यापारिक प्रतिष्ठानो का क्रिप्टो और ब्लॉकचेन की दुनिया में आना।इसकी शुरुआत महिंद्रा ग्रुप ने बहुत पहले ही कर दी थी,महिंद्रा ग्रुप भी तेलंगाना सरकार के साथ मिल कर कई बड़े ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है।पिछले महीने देश का सबसे पुराना और स्थापित उद्योगिक घराना टाटा समूह भी क्रिप्टो के क्षेत्र में आ गया है जहां पर वह बैंक और बाकि वित्य संस्थानों को क्रिप्टो की सेवाए प्रदान करना शुरू कर रहा है।इस विषय में टाटा समूह ने मुंबई स्टॉक एक्सचेंज को एक पत्र के माध्यम से जानकारी भी दी थी।क्योंकि वित्य सेवा देने वालों में शेयर ब्रोकर भी आते हैं इसी बात को नज़र में रखते हुए टाटा ग्रुप ने यह कदम उठाया है।टाटा ग्रुप के क़ानूनी सलाहकारो ने भी भारत सरकार के क्रिप्टो सम्बंधित फैसलों को देखा और समझा होगा और उसके बाद ही यह निर्णय लिया होगा।शायद समाचार एजेंसी के पास इतनी पुख्ता जानकारी न हो जितनी उद्योग जगत के पास वित्य के विषय में जानकारी होती है तो यह भी एक बड़ा संकेत है क्रिप्टो के विषय में सकारात्मक कानून आने के लिए।इसके अलावा देश की दिग्गज कंपनी रिलाइंस भी सबसे ज्यादा नोड्स के साथ ब्लॉकचेन लाने की बात कर चुकी है हालांकि यह साफ नहीं है की इसमें क्रिप्टो का क्या रोल होगा लेकिन टाटा समूह 100 प्रतिशत क्रिप्टो की ही सेवा ले कर आ रहा है।

4.दुनिया के क्रिप्टो प्रोजेक्ट का भारत की तरफ ध्यान,बाइनेंस का IMAI की सदस्यता लेना
भारतीय क्रिप्टो प्रोजेक्ट ने दुनिया का ध्यान अपनी और आकर्षित किया है।बाइनेंस जैसे बड़े क्रिप्टो ब्रांड ने भारत की नम्बर एक क्रिप्टो एक्सचेंज वज़ीरएक्स का अधिग्रहण किया जो एक बहुत बड़ी बात है।यह पहली बार हुआ की किसी विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंज ने किसी भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज का अधिग्रहण किया हो।इसके बाद बाइनेंस ने वज़ीरएक्स के साथ मिल कर लाखों डॉलर का पैकेज घोषित किया भारत में क्रिप्टो और ब्लॉकचेन के विकास के लिए।इसका फायदा यह है कि किसी भी व्यक्ति या ग्रुप के पास अगर कोई क्रिप्टो या ब्लॉकचेन का प्रोजेक्ट है या कोई योजना है और उन्हें निवेश की जरुरत है तो यह फण्ड उनकी योजना को पूरा करने में सहयोग करेगा और इसके लिए उन्हें बैंक से लोन की जरुरत नहीं पड़ेगी।पिछले महीने बाइनेंस ने IMAI इंटेर्टनेट एंड मोबाईल असोशिएशन ऑफ़ इंडिया की सदस्यता भी ली है।इस विषय पर जो बयान जारी किए गए थे उसमें दोनों ही पक्षो का मुख्य उद्देश्य भारत में क्रिप्टो के ऊपर सकारात्मक कानून बनाने के लिए सरकार और सरकारी संस्थाओं को सहयोग करना शामिल है।IMAI वही संस्था है जो रिज़र्व बैंक के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में केस लड़ी थी और जीती भी थी जबकि कुछ और पार्टीया धन की कमी के कारण पीछे हट गई थी।अब बाइनेंस के साथ आने से IMAI की वित्य ताकत भी बढ़ी है और भविष्य में किसी भी तरीके से क्रिप्टो की क़ानूनी लड़ाई में यह मददगार साबित होगी।हम पहले ही बता चुके हैं कि मैटिक की तरफ दुनिया का ध्यान आकर्षित हुआ है और सरकार का क्रिप्टो के पक्ष में कानून लाना एक बड़े विदेशी निवेश को आकर्षित कर सकता है।

5.कोरोना काल में भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज के सकारात्मक परिणाम
पूरे विश्व की आर्थिक हालात को कोरोना ने बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है और लगभग हर क्षेत्र इस से प्रभावित हुआ लेकिन क्रिप्टो पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा बल्कि इस क्षेत्र में प्रगति ही हुई है।मार्च के महीने में कोरोना ने भारत में दस्तक दी और जैसे जैसे कोरोना विश्व में बढ़ा वैसे वैसे क्रिप्टो बाज़ार मजबूत होता गया।मार्च में बिटकॉइन की कीमत जहां 4000 डॉलर थी वही अब यह 12000 डॉलर है,एथेरिम जहां 85 डॉलर था वही अब 400 डॉलर है तो यह दिखाता है कि इतनी बड़ी समस्या आने पर भी क्रिप्टो में निवेश सुरक्षिक्त है जबकि तेल की कीमतें शून्य से भी नीचे चली गई थी।इस दौरान भारतीय लोगों को क्रिप्टो ने सहारा दिया और यह बात भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज के आंकड़े दिखाते हैं।वज़ीरएक्स और कॉइनडीसीएक्स इस विषय पर जो आंकड़े दिखाते हैं वह उत्साहवर्धक हैं।
इन दोनों ही एक्सचेंज पर नए एकाउंट के साथ ही वॉल्यूम के मामले में भी बड़ा उछाल आया है।भारत की हर एक एक्सचेंज KYC के कानून का भी सख्ती से पालन करती है।रिज़र्व बैंक की रोक हटने के बाद सीधा बैंक खाते से एक्सचेंज पर पैसा भेजा जा सकता है और क्रिप्टो खरीदी जा सकती है साथ ही क्रिप्टो बेच कर बैंक खाते में पैसा लिया जा सकता है जिस कारण क्रिप्टो की काला बाज़ारी बंद हुई है।
लोगों को जागरूक करने के उदेश्य से वज़ीरएक्स ने एक अभियान शुरू किया है #wazirxwarriors जहां लोगों को क्रिप्टो के विषय में शिक्षित किया जा रहा है तो यह भी एक सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है भारत सरकार के ऊपर क्रिप्टो को लीगल करने के लिए।

इसके अलावा कुछ समय पहले एक वेबिनार में सुभाष चंद्र गर्ग जो की क्रिप्टो के विषय में ज्ञान रखते हैं और रिज़र्व बैंक में उच्चपद पर रह चुके हैं उनका भी कहना है कि सरकार क्रिप्टो को ट्रेड की वस्तु के तौर पर मान्यता दे सकती है लेकिन मुद्रा की तरह इससे लेनदेन की इजाज़त नहीं मिल सकती।इसी वेबिनार में वज़ीरएक्स के संस्थापक निश्चल शेटी ने कहा था कि क्रिप्टो समुदाय का उदेश्य क्रिप्टो को रुपये की जगह देना नहीं है बल्कि वह यह चाहते हैं कि सरकार इस विषय पर दिशा निर्देश जारी करें की कैसे क़ानूनी तरीके से भारतीय जनता क्रिप्टो का लेनदेन और ट्रेड कर सकती है।

भारत सरकार क्या बिल ले कर आएगी और क्रिप्टो का क्या होगा यह तो समय ही बताएगा लेकिन ऊपर लिखित तथ्यों को देख कर आपको क्या लगता है यह हमें जरूर बताइए?

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