13 दिसंबर 2021 (नई दिल्ली)
लोकसभा में अब किसी भी समय क्रिप्टो का बिल पेश किया जा सकता है। कुछ समाचार पत्रों ने यह खबर प्रकाशित की है कि क्रिप्टो पर अंतिम फ़ैसला प्रधानमंत्री लेंगे। इसका मतलब क्या हुआ ? क्या क्रिप्टो पर अभी तक बिल पूरी तरह से नहीं बना है और अगर बन चूका है तो अंतिम फैसले का क्या मतलब हुआ ? अब इस बात के कई अर्थ निकले जा सकते हैं। क्या यह हो सकता है कि प्रधानमंत्री यह निर्णय लेंगे कि क्रिप्टो पर बिल इस लोकसभा सत्र में लाना है या नहीं ?
मीडिया पिछले कुछ समय से बाजार को भ्रमित करने वाली खबरें प्रकाशित कर रही हैं। कुछ दिन पहले भी एक समाचार एजेंसी ने यह खबर प्रकाशित की थी कि क्रिप्टो में लेनदेन करने वालो को दो साल तक की जेल हो सकती है। क्योंकि समाचार प्रकाशित करने वालों से कभी कोई प्रश्न नहीं पूछता इस लिए यह कुछ भी प्रकाशित करते रहते हैं। अभी तक भारत देश में क्रिप्टो के ले कर कोई भी नियम या कानून नहीं है। अगर अभी कोई व्यक्ति अपने टैक्स को देने के बाद जो पूंजी है उसे क्रिप्टो में निवेश करता है तो यह कोई अपराध नहीं हुआ। सरकार समय समय पर यह बोलती रही है कि क्रिप्टो कि कीमत में बहुत बड़े उतार चढ़ाव होते हैं इस लिए यहाँ आर्थिक जोखिम है। यह बात तो निवेश करने वाला किसी दूसरे से कहीं बेहतर जानता है। अगर सरकार निवेशकों के प्रति इतनी ही गंभीर है तो क्रिप्टो के बारे में सही कानून बनाने में देर क्यों कर रही है? अभी तक तो जनता का बहुत नुकसान हो गया होगा।
क्रिप्टो या कहीं और निवेश करने वाले निवेशक को इस से जुड़े खतरे के बारे में पता होता है। इसमें कोई संदेह ही नहीं है कि सरकार का यह दायित्व है कि वह जनता को निवेश से सम्बंधित जोखिम के बारे में बताए ताकि निवेशक का नुकसान न हो। अब भारत का क्रिप्टो समुदाय इस इंतज़ार में है कि क्रिप्टो पर सरकार क्या नियम लेन वाली है? सरकार क्रिप्टो पर रोक लगाने से पहले यह भी देखेगी कि क्रिप्टो और ब्लॉकचेन का इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में क्या योगदान है और इसका भविष्य में क्या योगदान हो सकता है? सरकार को यह भी देखना पड़ेगा कि क्रिप्टो का इस्तेमाल ब्लॉकचेन तकनीक के लिए बहुत जरुरी है। एथेरियम जैसी ब्लॉकचेन का इस्तेमाल केवल क्रिप्टो में पैसा बनाने के लिए ही नहीं होता बल्कि इस से कई ऐसे स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट भी बनते हैं जो कई आम समस्याओं का समाधान देते हैं। ब्लॉकचेन का इस्तेमाल करने के लिए कॉइन या टोकन जरुरी है। अगर सरकार क्रिप्टो पर प्रतिबन्ध लगाने का सोचती है तो भारत में बहुत बड़े सत्र पर युवा बेरोजगार होगा।
कोरोना के समय में क्रिप्टो और ब्लॉकचेन ही ऐसा क्षेत्र रहा है जहां पर नौकरियां दी गई है। सरकार को तो ब्लॉकचेन और क्रिप्टो को सहयोग करना चाहिए। इसके लिए नियम बनाए जिस से क्रिप्टो का दुरूपयोग न हो और युवा यहाँ अपना भविष्य बना सके। आज छोटे छोटे बच्चों को कोडिंग सिखाने कि बात हो रही है और क्रिप्टो में कोडिंग का महत्व सारी दुनिया को पता है। अगर सरकार ने क्रिप्टो पर रोक लगाने का निर्णय लिया तो भारत में क्रिप्टो कि कीमत बहुत तेज़ नीचे आएगी क्योंकि यहाँ लेनदेन क्रिप्टो एक्सचेंज के द्वारा ही होता है। क्रिप्टो एक्सचेंज ऐसे में निवेशकों के साथ खेलेगी और कम कीमत पर अपनी क्रिप्टो बेचना निवेशकों कि मज़बूरी होगी। सरकार निवेशक के जिस नुकसान के लिए चिंतित है, रोक लगाने से वह नुकसान और बढ़ेगा।
इस बार रोक लगाने के बाद फिर इस फैसले को वापिस लेना इस से ज्यादा नुकसान देगा। क्रिप्टो समुदाय इसके लिए फिर कोर्ट जाएगा और यह बात सरकार भी जानती है कि फिर जीत क्रिप्टो समुदाय की ही होगी। सरकार के जो तर्क है उसमे कुछ दम नहीं है। क्रिप्टो से आतंक को फंडिंग का कोई प्रमाण नहीं है बल्कि बार बार इस बारे में बोल कर आतंकियों को यह राय देना है कि क्रिप्टो उनके लिए फायदेमंद है। क्रिप्टो की कीमत में बड़े उतार चढ़ाव है तो बाकि निवेश भी ऐसे ही हैं जैसे कि शेयर बाजार। क्रिप्टो में काले धन का निवेश भी सही तर्क नहीं है क्योंकि काला धन है तभी तो निवेश होगा तो सरकार पहले काले धन पर रोक लगाए, निवेश अपने आप रुक जाएगा। यह सभी तर्क कोर्ट में नहीं चलेंगे और कोर्ट का समय बर्बाद होगा।
कल सुबह प्रधानमंत्री जी का ट्विटर एकाउंट हैक कर लिया गया। करीब कुछ मिनट में इस समस्या को सही भी कर दिया गया लेकिन इस समय में प्रधानमंत्री जी के एकाउंट से एक ट्वीट किया गया जिसमे लिखा था भारत आधिकारिक तौर पर बिटकॉइन को लीगल टेंडर का दर्जा दे रहा है। सरकार ने आधिकारिक रूप से 500 बिटकॉइन लिए हैं और इन्हें सभी भारत वासियों में बनता जाएगा। यह ट्वीट किसने किया यह अभी तक नहीं पता चला है।
3.18 पर सुबह @PMOIndia ने ट्विटर पर इस बात की पुष्टि की है।
— CryptoNewsHindi🇮🇳₿ (@cryptonewshindi) December 12, 2021
यह हैक और ट्वीट ऐसे समय पर किया गया जब भारत सरकार क्रिप्टो पर बिल लेन के करीब है। क्या यह किसी की सोची समझी साजिश है क्रिप्टो को बदनाम करने की ? यहाँ क्रिप्टो से बड़ी कमी ट्विटर के सिस्टम की है क्योंकि एकाउंट हैक से क्रिप्टो या बिटकॉइन का कोई लेनादेना नहीं है। अगर किसी देश के प्रधानमंत्री का ट्विटर एकाउंट सुरक्षित नहीं है तो ट्विटर पर आम लोगों की जानकारी कैसे सुरक्षित रह सकती है। ? सभी का ध्यान इस तरफ है कि बिटकॉइन या क्रिप्टो हैकर्स ने एकाउंट हैक किया और ट्वीट किया लेकिन कोई भी इस बारे में ट्विटर को दोषी नहीं कह रहा और न ट्विटर पर प्रश्न उठा रहा है। सोशल मीडिया में ब्लॉकचेन का इस्तेमाल हो सकता है और प्राइवेट की से एकाउंट को सुरक्षित किया जा सकता है।
हमारे देश के प्रधानमंत्री जी बहुत सुलझे हुए इंसान है। पिछले कुछ वर्षो में देश में काफी बड़े और अच्छे निर्णय लिए हैं। क्रिप्टो पर अगर अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री जे लेने वाले हैं तो वह बहुत सोच विचार के बाद ही किसी नतीजे पर पहुँचेगे। अब हमें देखना यह है कि प्रधानमंत्री जी कितनी दूरदृष्टि के साथ क्रिप्टो पर कोई फ़ैसला लेते है ?
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