23 जुलाई 2021 शुक्रवार- नई दिल्ली (क्रिप्टो न्यूज़ हिन्दी)
पिछले काफी समय से बाजार में यह खबर आ रही है कि रिज़र्व बैंक रूपए को डिजिटल बना रहा है यानि भारत में रहने वाला कोई भी व्यक्ति इस डिजिटल रुपए से लेनदेन कर पाएगा।यह कितना बड़ा बदलाव है और यह कब तक होगा?रिज़र्व बैंक के अधिकारियों के ब्यान को सुने तो अभी इसमें काफी समय लग सकता है।अभी सरकार इस पर काम कर रही है और इसके हर एक पहलु को देख रही है।एक आसान भाषा में अगर हम CBDC सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी को समझे तो यह रुपए से अलग नहीं है,जैसे हम गूगल पे या paytm का इस्तेमाल करते हैं यह भी कुछ ऐसा ही होगा लेकिन सरकार का कहना है कि यह कम खर्चीला और सुविधाजनक होगा।सरकार को तो इस से फायदा हो सकता है लेकिन क्या आम जनता को इसका कोई फायदा होगा ?यह तभी पता चल सकता है जब यह प्रोजेक्ट बाजार में आ जाएगा।जिस प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिज़र्व बैंक के अधिकारियों ने इस योजना के बारे में बताया उसमे यह भी कहा गया कि इस से प्राइवेट क्रिप्टो को कोई फर्क नहीं पड़ेगा बल्कि CBDC आने के बाद लोगों में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो को जानने कि उत्सुकता और बढ़ेगी।लेकिन ऐसा है नहीं या सरकार के अधिकारी अपने आप को यह कह कर खुश कर रहे हैं।आज दुनिया क्रिप्टो को पहले से जानती है और बाद में CBDC को।
सरकार के सामने कई चुनौतियां
रिज़र्व बैंक और सरकार जो डिजिटल मुद्रा लाने वाली है इसके बारे में सरकार कि क्या योजना है यह अभी सही तरीके से किसी को भी नहीं पता।डिजिटल मुद्रा को बनाने के लिए सरकार अपनी खुद की ब्लॉकचेन का इस्तेमाल करेगी जिसका 100% नियंत्रण सरकार के पास ही होगा यानि यह केंद्रीकृत सिस्टम होगा।सरकार जब चाहे जितना CBDC बना सकती है और इसके पूरे लेनदेन का रिकॉर्ड सरकार के हाथ में ही होगा।इस मुद्रा का लेनदेन करने के लिए सरकार क्या सुविधा देगी यानि वॉलेट,वह भी अभी पता नहीं है।सरकार जो ब्लॉकचेन बनाने वाली है उस पर रिकॉर्ड कैसे सुरक्षित रहेंगे,CBDC की ब्लॉकचेन कैसे सुरक्षित रहेगी साइबर अटैक से और वॉल्ट में CBDC की सुरक्षा को सरकार कैसे निर्धारित करेगी यह कुछ बड़े पॉइंट है जिसे सरकार को देखना होगा ?कोई व्यक्ति कभी भी CBDC को आम रुपए में बदल सकता है और आम रुपए को CBDC में बदल सकता है ?अगर इसका जवाब हां है तो कोई CBDC लेना ही क्यों चाहेगा ?एक बयान में यह कहा गया है कि यह बड़े लेनदेन के लिए इस्तेमाल होगा यानि व्यापार के लिए तो क्या देश में दो मुद्राओं से लेनदेन होगा ?अगर हम इस प्रोजेक्ट को देखे तो अभी इसमें बहुत समय लगने वाला है क्योंकि यह एक जटिल प्रक्रिया है।चीन ने भी अपने डिजिटल युआन पर काम पूरा कर लिया है और इसका टैस्ट भी सफल रहा है लेकिन यह भी अभी पूरी तरह अमल में नहीं आया है।
बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो पर क्या पड़ेगा फर्क ?
CBDC को आप एक तरह से USDT कि तरह मान सकते हैं,फर्क यह है USDT क्रिप्टो के ट्रेड करने के लिए इस्तेमाल होता है और CBDC का क्रिप्टो से कोई लेना देना नहीं होगा।CBDC आम रुपए कि तरह ही होगा जिसकी कीमत रुपए कि तरह ही स्थिर होगी तो इसका क्रिप्टो पर कोई असर नहीं होने वाला।जैसे कि रिज़र्व बैंक के अधिकारियों का कहना है कि CBDC के बाद लोगों में निजी क्रिप्टो के बारे में और जानने कि जिज्ञासा होगी,यह शायद हो भी सकता है लेकिन फ़िलहाल तो बात यह है कि सरकार को यह योजना बनाने का आईडिया बिटकॉइन और ऐसी ही बाकि क्रिप्टो से आया है।CBDC को सरकारी मान्यता मिली होगी और हम अपने बैंक द्वारा इसका लेनदेन कर पाएंगे लेकिन यह हो सकता है कि सरकार इसके बाद क्रिप्टो को ले कर कुछ कदम उठाए,अब यह कदम क्रिप्टो के लिए सही होंगे या नहीं यह तो समय हो बता सकता है।
अभी बाजार में जो बातें हो रही है कि रिज़र्व बैंक या सरकार अपनी खुद कि क्रिप्टो करंसी ला रही है यह बात गलत है क्योंकि सरकार जो मुद्रा ला रही है यह केवल रुपए का डिजिटल रूप है और यह स्थिर मुद्रा है न कि बिटकॉइन या ईथर कि तरह ट्रेड करने लायक या वैल्यू को स्टोर करने लायक।CBDC के आने या न आने से क्रिप्टो बाजार में कोई फर्क नहीं पड़ेगा,यह पहले कि तरह ही चलता रहेगा अगर सरकार इसके विरुद्ध कोई कानून न बनाए।
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