2 फरवरी 2022 बुधवार (क्रिप्टो न्यूज़ हिंदी)

भारत सरकार ने बजट 2022-23 पेश करने के साथ ही क्रिप्टो पर 30% टैक्स लगा दिया और साथ ही एक प्रतिशत टीडीएस भी। क्योंकि सरकार ने अभी यह टैक्स लगाया है तो इस से सम्बंधित बहुत सी बातें साफ होना जरुरी है। भारत में क्रिप्टो पर टैक्स लगने के साथ ही दुनिया के सभी बड़े क्रिप्टो ट्विटर एकाउंट्स ने इस बात की प्रशंसा की और इसे क्रिप्टो क्षेत्र के लिए सरकार का एक अच्छा कदम बताया।

भारत में क्रिप्टो पर टैक्स का क्रिप्टो बाजार पर कोई फर्क नहीं पडा। क्रिप्टो बाजार वैसे ही चल रहा है यानी यहां कोई बडे उतार-चढ़ाव देखने को नहीं मिले। इस खबर का सबसे ज्यादा फायदा वज़ीरएक्स एक्सचेंज के टॉकन WRX को हुआ और यह एक डॉलर से ऊपर चला गया करीब 30% से ऊपर। बाकी क्रिप्टो बाजार में कोई जोश देखने को नहीं मिला।

आज बहुत से समाचार पत्र यह बात मुख्य रूप से प्रकाशित कर रहे थे कि वित्तीय मंत्री ने कहा है कि “क्रिप्टो पर टैक्स लगाना जरुरी इस लिए था क्योंकि क्रिप्टो में लेनदेन बहुत ज्यादा बढ़ गया है। साथ ही एक बात और साफ करना चाहेंगे कि क्रिप्टो पर टैक्स का मतलब यह नहीं है कि क्रिप्टो को लीगल कर दिया गया है। इस विषय पर सरकार फ्रेम वर्क बना रही है। क्रिप्टो को लेनदेन या किसी सेवा व उत्पाद को खरीदने बेचने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।”

इस बात को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि क्रिप्टो पर सरकार ने टैक्स तो लगा दिया है लेकिन इसे कोई कानूनी दर्जा नहीं मिला है। यह बात साफ है कि भारत सरकार क्रिप्टो पर प्रतिबन्ध लगाने कि बात अब नहीं करेगी और न ही क्रिप्टो लेनदेन पर कोई सजा होगी अगर इसे नियमों के अन्दर रह कर ख़रीदा और बेचा जाए। सरकार ने इसी साल रिजर्व बैंक की अपनी डिजिटल मुद्रा लाने की बात भी कही है।

सरकार ने क्रिप्टो टैक्स के लिए तीन सेक्शन बनाए हैं-:

1. सेक्शन 115BBH-> वित्तीय वर्ष 2022-23 में क्रिप्टो से होने वाली किसी भी कमाई पर, किसी भी तरह की डिजिटल सम्पति ट्रांजक्शन पर चाहे यह कॉइन या टोकन और चाहे यह NFT हो इन पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगेगा।

यहाँ पर अभी बहुत से प्रश्न हैं जिसका जवाब हमें खोजना पड़ेगा ? क्या 2022 से पहले के मुनाफे पर भी टैक्स देना होगा ? अगर हां तो एक्सचेंज पुरानी ट्रेड का डेटा देगी ? सरकार के पास क्या सिस्टम है यह जांचने का कि कौन क्रिप्टो में ट्रेड या निवेश कर रहा है ? DEX पर की गई ट्रेड का रिकॉर्ड कैसे मिलेगा ? वॉल्ट में रखी क्रिप्टो कैसे ट्रैक होगी।

2. सेक्शन 194S – 1 जुलाई 2022 से वर्चुअल डिजिटल सम्पति के हस्तांतरण के लिए कैश या वस्तु के रूप में भी भुगतान करने पर जिम्मेदार व्यक्ति को 1% टीडीएस देना होगा और इस राशि को सरकार के पास जमा करवाना होगा।

इस सेक्शन पर भी अभी बहुत कुछ जानना जरुरी है। यह टीडीएस एक्सचेंज लेंगी और एक्सचेंज ही सरकार के खाते में जमा करवाएगी ? अगर कोई दो व्यक्ति आपस में क्रिप्टो का लेनदेन करते हैं तो भी 1 प्रतिशत टीडीएस देना होगा और अगर देना होगा तो वॉलेट से वॉलेट ट्रांजक्शन को कैसे ट्रैक करेंगे ? DEX में टीडीएस कैसे कटेगा? ऐसे और भी बहुत से प्रश्न हैं जिसका जवाब अभी जाँच का विषय है।

3. सेक्शन 56-> इन सभी टैक्स के इलावा उपहार के रूप में मिली हुई किसी भी तरह कि डिजिटल सम्पति पर अन्य कमाई दिखा कर टैक्स देना होगा और यह भी 30 प्रतिशत होगा।
इस प्रावधान के अनुसार एयरड्रॉप, गिवअवे या किसी और तरीके से मिली क्रिप्टो जिसे ख़रीदा नहीं गया है उस पर भी टैक्स देना होगा।

अभी इस बारे में सरकार और साफ तरीके से जानकरी देने कि कोशिश कर रही है और इसी लिए यह टैक्स थोड़े समय बाद देना है। सोचने वाली बात यह है कि मीडिया ने जिस पार्लियमनेट नोट के आधार पर यह कहा था कि क्रिप्टो पर प्रतिबन्ध लग रहा है और क्रिप्टो लेनदेन पर जेल हो सकती है उसका क्या हुआ ? सरकार ने पिछले दो साल में कई बार यह कहा है कि क्रिप्टो गैर कानूनी कामों के लिए इस्तेमाल होती है, आतंक में इसका इस्तेमाल होता है, देश कि सुरक्षा को क्रिप्टो से खतरा है, यह सब बातें 30 प्रतिशत टैक्स से खत्म हो गई क्या ?

क्या सरकार को लगता है कि एक क्षेत्र के ऊपर बिना कोई बिल या कानून लाए सीधा 30% का टैक्स न्याय है ? क्रिप्टो में हुए नुक्सान पर भी सरकार ने काफी सख्त रुख अपनाया है जो सही नहीं है। अगर एक साल आपको क्रिप्टो में नुक्सान हुआ और अगले साल मुनाफा हुआ तो आप को टैक्स देना ही होगा नुक्सान को आप एडजेस्ट नहीं कर सकते।

ऐसा लगता है कि सरकार ने यह टैक्स बहुत जल्दबाज़ी में बनाया है क्योंकि एक महीने पहले ही लोकसभा सत्र में सरकार ने क्रिप्टो के विषय में कुछ नहीं कहा और एक महीने बाद सीधा 30% का टैक्स लगा दिया। क्या यह हो सकता है सरकार ने यह सब एक सोची समझी रणनीति के अंतर्गत किया ? जो क्रिप्टो समुदाय पहले क्रिप्टो पर कानून को ले कर अपना हक मांग रहा था, सरकार ने अब उन्हें टैक्स कम करवाने कि दिशा में मोड़ दिया। आप सभी सोशल मीडिया पर टैक्स की बातें होंगी और सरकार अपना काम करती रहेगी। क्रिप्टो आंदोलन को सरकार ने टैक्स के नीचे दबा दिया।

सरकार ने क्रिप्टो टैक्स की योजना तो बना ली लेकिन इसे व्यवहारिक रूप से अमल में लाना काफी मुश्किल होगा। 30 प्रतिशत टैक्स देने कि बात सोच कर बहुत कम क्रिप्टो समुदाय अपने आप टैक्स देने आगे आएगा। सभी क्रिप्टो एक्सचेंज से निवेशक और ट्रेडर्स का डेटा लेना सरकार के लिए बहुत मुश्किल होगा। DEX से तो डेटा लेना या वॉलेट से डेटा लेना सरकार के लिए काफी मुसीबत पैदा करेगा।

अभी थोड़ा इंतजार करते हैं और देखते हैं समय के साथ साथ इस कानून में कितने बदलाव देखने को मिलेंगे ?
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