
Trump Traiff और FED Meeting 2025: अमेरिका की अर्थव्यवस्था में नया मोड़?
फेड मीटिंग के दौरान ट्रंप के बड़े ऐलान
Trump Traiff And FED Meeting 2025 की ताज़ा फेडरल रिज़र्व मीटिंग में ब्याज दरें 4.25% से 4.50% के बीच रखी गईं। यह फैसला अपेक्षित था, लेकिन असली सरप्राइज तब आया जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक के बाद एक टैरिफ और पॉलिसी स्टेटमेंट्स जारी किए।
ट्रंप की घोषणाएं – फेड के फैसले के ठीक साथ:
- ब्राज़ील पर 40% टैरिफ लगाया गया।
- सेमी-फिनिश्ड कॉपर प्रोडक्ट्स पर 50% टैरिफ।
- कॉपर-डेरिवेटिव प्रोडक्ट्स पर भी 50% टैरिफ।
- चाइना के साथ “बहुत क्लियर डील” की बात।
- BRICS को अमेरिकी डॉलर पर हमला बताया।
- भारत से चल रही बातचीत का जिक्र।

Source: The Kobeissi Letter
क्या यह सिर्फ इत्तेफाक है?
यह सभी घोषणाएं उसी समय आईं जब फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल प्रेस कॉन्फ्रेंस में थे। उन्होंने साफ किया कि सितंबर में क्या होगा, इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि “टैरिफ्स के प्रभाव को देखने के बाद ही” अगला कदम तय किया जाएगा।
भारत और ग्लोबल मार्केट पर असर
भारत से बातचीत की घोषणा ऐसे समय में आई है जब अमेरिका पहले ही चीन और ब्राज़ील पर भारी टैरिफ लगा चुका है। इससे यह संकेत मिलता है कि भारत को एक रणनीतिक ट्रेड पार्टनर के रूप में देखा जा रहा है।
Trump Traiff And FED Meeting संभावित प्रभाव:
- भारत की कॉपर और मेटल इंडस्ट्री को अवसर मिल सकता है।
- चीन-अमेरिका डील की चर्चा से ग्लोबल मार्केट में अस्थिरता बढ़ सकती है।
- BRICS देशों पर ट्रंप की टिप्पणी से मल्टीपोलर करेंसी सिस्टम पर बहस तेज हो सकती है।
क्या कहता है यह घटनाक्रम?
- संयोग या रणनीति?
सभी घोषणाओं का समय एक ही है – जब फेडरल रिज़र्व दरें स्थिर रख रहा था। - डॉलर को बचाने की कोशिश?
ट्रंप की BRICS पर टिप्पणी यह दर्शाती है कि अमेरिकी पॉलिसी मेकर्स ब्रिक्स मुद्रा को खतरे के रूप में देख रहे हैं। - चुनावी रणनीति?
यह सारे ऐलान घरेलू चुनावों को ध्यान में रखते हुए किए गए हो सकते हैं, खासकर चीन और भारत के साथ रिश्तों को लेकर।
निष्कर्ष
Trump Traiff And FED Meeting एक साथ होना सिर्फ इत्तेफाक नहीं लगता। यह अमेरिकी आर्थिक और राजनीतिक नीति में सिंक्रोनाइज़्ड मूवमेंट का संकेत देता है। भारत और ग्लोबल मार्केट को इसके असर के लिए तैयार रहना होगा।