19 जनवरी 2021 मंगलवार

क्रिप्टो बाजार में आपने अक्सर सुना होगा की बिटकॉइन डोमिनेंस नीचे जा रहा है और ऑल्ट कॉइन की कीमत में तेज़ी आने वाली है।इस आर्टिकल में आपको समझाने की कोशिश करते हैं की बिटकॉइन डोमिनेंस होता क्या है?

क्रिप्टो की शुरुआत में सिर्फ बिटकॉइन ही बाजार में था और शुरू की क्रिप्टो एक्सचेंज में बिटकॉइन का लेनदेन स्थानीय मुद्रा यानि की डॉलर से ही किया जाता था।धीरे धीरे बाजार में कुछ और क्रिप्टो कॉइन आने लगे और एथेरियम ने स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट के द्वारा टोकन को बनाना और आसान बना दिया।अब बाजार में सिर्फ बिटकॉइन की ही एक मात्र सत्ता नहीं रह गयी बल्कि ऑल्ट कॉइन का बाजार भी बहुत ज्यादा बढ़ गया।लोग बिटकॉइन से निकल कर पैसे को ऑल्ट में भी ले जाने लगे।

क्रिप्टो बाजार में आज लोगों का जितना भी निवेश है,वह दो हिस्सों में हैं।एक हिस्सा बिटकॉइन बाजार में और बाकि ऑल्ट कॉइन बाजार में।कॉइन मार्किट में जितना भी पैसा है इसे “कॉइन मार्किट कैपिटल” कहते हैं।अब आप बिटकॉइन डोमिनेंस को आसान भाषा में समझिए।मान लेते हैं की कॉइन बाजार का कुल कैपिटल 100 मिलियन डॉलर है।इस 100 मिलियन डॉलर में 60% हिस्सा बिटकॉइन का है और बाकि 40% ऑल्ट कॉइन में है।इस हिसाब से बिटकॉइन का डोमिनेंस हुआ 60%।यह तरीका है बिटकॉइन के डोमिनेंस को निकालने का।

अब बात करते हैं की बिटकॉइन डोमिनेंस बढ़ने या घटने से हमें क्या पता चलता है बाजार के बारे में?बाजार में जीतना भी निवेश है वह या तो एक कॉइन से दूसरे कॉइन में जा रहा है या फिर बाजार में नया निवेश आ रहा है।अगर बाजार में नया निवेश आएगा तो कुल मार्किट कैपिटल बढ़ने लगेगा।अगर बिटकॉइन में निवेश ज्यादा आएगा तो बिटकॉइन का डोमिनेस बढ़ेगा और अगर बिटकॉइन से पैसा निकल कर बाजार से बहार जाएगा या ऑल्ट में जाएगा तो बिटकॉइन का डोमिनेंस निचे आएगा।ट्रेडर्स और निवेशक यह देखते हैं की अगर बिटकॉइन का डोमिनेंस बढ़ रहा है तो यह साफ है की बाजार का पैसा या ऑल्ट का पैसा बिटकॉइन में जा रहा है।अगर बिटकॉइन से पैसा निकल कर ऑल्ट में जा रहा है तो बिटकॉइन का डोमिनेस निचे आएगा और पैसा ऑल्ट में आएगा तो ऑल्ट कॉइन की कीमत ऊपर जाना शुरू होगी।

क्योंकि बिटकॉइन के डोमिनेंस का सीधा सम्बन्ध बिटकॉइन में निवेश आने या बिटकॉइन से निवेश निकल कर ऑल्ट में जाने से है इसलिए,जब भी बिटकॉइन का डोमिनेंस नीचे जाता है तो ऑल्ट कॉइन की कीमत में उछाल आता है।ट्रेडर्स और निवेशक इस एक आधार पर यह फैसला लेते हैं की उन्हें कब ऑल्ट बाजार में निवेश करना है?यह जरुरी नहीं है की डोमिनेंस नीचे जाए तो बाजार के सभी ऑल्ट ऊपर जाएंगे।अगर हम ऑल्ट बाजार की बात करें तो कुल ऑल्ट बाजार का एक बहुत बड़ा हिस्सा ईथर में होता है और ईथर बिटकॉइन के साथ साथ ऊपर या नीचेे जाता है।इस लिए ऑल्ट कॉइन जब ऊपर जाते हैं तो ईथर नीचे ही रहता है।यह जरुरी नहीं है की बिटकॉइन डोमिनेंस कम हो रहा है तो ऑल्ट ऊपर ही जाएंगे।कई बार बिटकॉइन से निवेशक पैसे को बहार निकालते हैं।इस कारण कॉइन मार्किट का कुल कैपिटल नीचे जाता है लेकिन यह पैसा क्योंकि ऑल्ट में नहीं आ रहा इस लिए ऑल्ट की कीमत पर कोई असर नहीं पडता।

बिटकॉइन डोमिनेस को देखते समय आपको यह भी देखना पढ़ता है कि कॉइन मार्किट कैपिटल तो नीचे नहीं जा रहा।अगर बिटकॉइन डोमिनेंस नीचे आ रहा है लेकिन कॉइन मार्किट कैपिटल में कोई बदलाव नहीं आ रहा या यह बढ़ रहा है तो आप ऑल्ट बाजार में तेज़ी देख सकते हैं।बिटकॉइन डोमिनेंस को आप कॉइनमार्किटकैप या ट्रेडिंगव्यू पर देख सकते हैं।इस समय बिटकॉइन डोमिनेंस 66% के करीब चल रहा है,अगर यह नीचे आता है और कॉइन मार्किट कैपिटल में कमी नहीं आती या कैपिटल भी बढ़ता है तो ऑल्ट बाजार में तेज़ी देखी जा सकती है।

यह है आसान तरीका बिटकॉइन डोमिनेंस को समझने का।हमें उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी।इस विषय में आप का कोई प्रश्न हो तो आप हमे कमेंट कर सकते हैं या ईमेल कर सकते हैं।

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