23 मई 2020 शनिवार 
आप ने क्रिप्टो की दुनिया में अक्सर बिटकॉइन फोर्क,एथेरिम फोर्क या कुछ और फोर्क की बात सुनी होगी और अक्सर आपके दिमाग में यह बात भी आई होगी की फोर्क होने पर एक कॉइन फ्री कैसे मिलता है और कभी किसी फोर्क से कॉइन फ्री नहीं मिलता।आपके दोस्तों ने बताया होगा की उन्होंने बिटकॉइन ख़रीदा था और उन्हें बिटकॉइन कैश कॉइन फ्री मिला।आपके बहुत से प्रश्नों का जवाब आज आपको यहां मिल जाएगा।
फोर्क का हिंदी में मतलब होता है कांटा,यह कांटा वह है जो ट्रैन की लाइन का होता है या खाने के समय भी हम एक कांटे का इस्तेमाल करते है जिसके आगे तीन या चार कांटे होते है।
क्रिप्टो की दुनिया में ब्लॉकचेन की बेहतरी के लिए जब कोई बदलाव किए जाते हैं तो उसे फोर्क का नाम दिया जाता है।एक ब्लॉकचेन की कार्य प्रणाली को चलाने के लिए नोड्स यानि वह कंप्यूटर जो नेटवर्क को सुरक्षा देते हैं और वलिडेटर यानि जो क्रिप्टो लेनदेन की प्रविष्टियों को पूरा करते हैं इनका एक समूह होता है जिन्हें माइनर के नाम से भी जानते हैं।समय समय पर ब्लॉकचेन की कमियों में सुधार के लिए समूह द्वारा कुछ राय या सुझाव दिए जाते है,अगर इन सुझावों को अमल में लाना हो तो ब्लॉकचेन की कोडिंग में बदलाव करने होते हैं इसे ही फोर्क कहा जाता है।

फोर्क दो तरह के होते हैं-हार्ड फोर्क और सॉफ्ट फोर्क।
हार्ड फोर्क या चेन स्प्लिट
ब्लॉकचेन एक तकनीक है और समय समय पर इसमें सुधार करने जरुरी होते हैं।जब एक ब्लॉकचेन में सुधार करने की जरूरत होती है तो इसकी कोडिंग में बदलाव किए जाते हैं यह एक कंप्यूटर प्रोग्राम है,जब इन कोड में बदलाव किया जाता है तो उन सभी माइनर्स या वलिडेटर को जो नए कोड के साथ काम करना चाहते अपने नोड्स को अपडेट करना पड़ता है।इसका निर्णय बहुमत से होता है,अगर सभी माइनर्स बदलावों के प्रस्तावों को मान लेते हैं तो वही चेन नए कोड और नए नोड के साथ चलती है लेकिन अगर इस बदलाव पर एक मत नहीं होता तो ब्लॉकचेन दो हिस्सों में बट जाती है जिसमें जो माइनर्स या वलिडेटर पहले की ब्लॉकचेन पर काम करना चाहते हैं तो उनको अपने नोड्स में कोई बदलाव नहीं करना पड़ता लेकिन जो लोग नए बदलावों के साथ काम करना चाहते हैं उन्हें नए नोड्स को अपडेट करना पड़ता है और कोडिंग एक निर्धारित ब्लॉक के बाद मुख्य ब्लॉकचेन से अलग ब्लॉक बनाना शुरू कर देती है और मुख्य ब्लॉकचेन से एक नई ब्लॉकचेन शाखा निकल जाती है(चित्र में देखें)।

जब ब्लॉकचेन के दो हिस्से हो जाते हैं तो पुरानी ब्लॉकचेन से निकलने वाले कॉइन को होल्ड रखने वालों को नई ब्लॉकचेन का कॉइन उतनी ही संख्या में मुफ्त मिलता है जितना उन्होंने उस समय होल्ड किया हुआ था जब ब्लॉकचेन दो हिस्सों में विभाजित हुई थी।उदहारण के तौर पर बिटकॉइन और बिटकॉइन कैश का फोर्क जहां बिटकॉइन की ब्लॉकचेन से अलग होने के बाद बिटकॉइन कैश की ब्लॉकचेन बनी और बिटकॉइन होल्डर को बिटकॉइन कैश मिला।हार्ड फोर्क होने के बाद दो कॉइन को इस लिए बनाया जाता है क्योंकि नए कॉइन के अंदर कार्य करने की प्रक्रिया नए बदलावो के साथ होती है।हार्ड फोर्क उन्ही क्रिप्टो का होता है जिनकी अपनी ब्लॉकचेन है जैसे बिटकॉइन और एथेरिम।नई ब्लॉकचेन के पिछले ब्लॉक का रिकॉर्ड पुरानी ब्लॉकचेन में ही रहता है।

सॉफ्ट फोर्क
हार्ड फोर्क की ही तरह सॉफ्ट फोर्क भी ब्लॉकचेन में जरुरी बदलावों के लिए किए जाते हैं।सॉफ्ट फोर्क होने पर ब्लॉकचेन के सभी वलिडेटर या माइनर्स बदलाव के लिए दी गई सिफारिशों पर रजामंद होते हैं और अपने सभी नोड्स को अपडेट करने के बाद उसी ब्लॉकचेन पर काम करते हैं लेकिन नए बदलावों के साथ।सॉफ्ट फोर्क में ब्लॉकचेन के दो हिस्से नहीं होते इसी लिए नया कॉइन नहीं बनता।
सॉफ्ट फोर्क समय समय पर ब्लॉकचेन के होते रहते हैं इसकी कार्य प्रणाली को बेहतर करने के लिए।उदहारण के तौर पर एथेरिम का सॉफ्ट फोर्क जहां एथेरिम के ब्लॉक टाइम को 18 सैकिंड से कम कर के 12 सैकिंड किया गया और एथेरिम रिवार्ड 2 एथेरिम किया गया।

क्यों होता है फोर्क ?
फोर्क करने के कई कारण होते हैं।जब ब्लॉकचेन में कुछ कमी या खामी देखी जाती है तो उसे सुधारने के लिए फोर्क किए जाते हैं ताकि ब्लॉकचेन सही तरीके से काम करती रहे।हैकर से बचने के लिए सॉफ्ट फोर्क होते रहते हैं इसके अलावा ब्लॉक की गति बढ़ाने के लिए फोर्क होते हैं।नई तकनीक के हिसाब से भी ब्लॉकचेन में बदलाव करते रहने पड़ते हैं ताकि क्रिप्टो इस्तेमाल करने वाले लोगों को बेहतर सेवा मिल सकें।

इस विषय पर कोई प्रश्न कॉमेंट करके पूछा जा सकता है।