11 मई 2021 मंगलवार
भारत में रिज़र्व बैंक ने क्रिप्टो लेनदेन करने के लिए बैंक का इस्तेमाल न करने देने के लिए सभी बैंको को मना किया था।एक लम्बी लड़ाई के बाद सर्वोच्च न्यायलय ने इस रोक को 2020 में खारिज़ कर दिया था और रिज़र्व बैंक को कहा की यह आपके अधिकार क्षेत्र में नहीं हैं और इस पर कानून बनाने का काम सरकार का है।इसके बाद क्रिप्टो समुदाय को लगा की अब सब पहले जैसा हो जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं क्योंकि बैंक आज भी क्रिप्टो का लेनदेन करने वालों का एकाउंट बंद कर रहे हैं और क्रिप्टो एक्सचेंजस को भी अपनी सेवाएं नहीं दे रहें या इन सेवाओं में बहुत अड़चने डाल रहें हैं।बैंको की सही सुविधाएं न मिलने से एक तरफ आम क्रिप्टो निवेशक का नुक्सान हो रहा है तो दूसरी तरफ क्रिप्टो एक्सचेंजस का व्यापार बहुत बुरे तरीके से प्रभावित हो रहा है।बैंक यह अपनी मर्ज़ी से तो कर नहीं रहें हैं क्योंकि वह पहले भी क्रिप्टो के लेनदेन के लिए अपनी सुविधाएं देते रहें हैं लेकिन रिज़र्व बैंक के आदेश के बाद यह समस्या शुरू हुई है जो आज भी चल रही है और यह सीधा सीधा सर्वोच्च नयायलय की अवमानना है।बड़ी बात यह है की बहुत लम्बे समय से यह समस्या चली आ रही है फिर भी अभी तक क्रिप्टो एक्सचेंजस इसके खिलाफ कोर्ट का रुख क्यों नहीं कर रही?शायद यह इतना आसान नहीं है और यह कहना है क्रिप्टो कानून यूट्यूब चैनल के सह संस्थापक काशिफ रज़ा का।
ट्विटर पर बहुत ही सक्रिय रहने वाले काशिफ रज़ा ने कल इस बारे में एक ट्वीट किया था जिसका हिंदी अनुवाद हम आपको यहाँ दे रहें है ताकि सभी यह समझ पाएं कि इसके पीछे का कारण क्या है ?
जरुरी थ्रेड
भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजस कोर्ट क्यों नहीं जा रही हैं ?
व्यक्तिगत तौर पर क्रिप्टो में लेनदेन करने वालों के बैंक एकाउंट बंद किए जा रहें हैं।पेमेंट गेटवे भी क्रिप्टो को लेनदेन के लिए अपनी सेवाएं नहीं दे रहें हैं।कोर्ट में जाना उतना आसान नहीं है।
सबूत
व्यक्तिगत तौर पर क्रिप्टो में लेनदेन करने वालों के एकाउंट बैंक बंद तो कर रहा है लेकिन यह लिखित में नहीं दे रहा है।
लिखित रूप में वे जो कारण देते हैं, वह उनके द्वारा आपको मौखिक रूप से बताए जाने से बहुत अलग है।क्या यह काफी चतुराई भरा नहीं है ?
पेमेंट गेटवे
सबसे बेहतर पेमेंट गेटवे ने अनौपचारिक रूप से एक्सचेंजों को अग्रिम रूप से कहा है कि वे आरबीआई के डर के कारण उनके साथ काम नहीं कर सकते।
जो लोग काम कर रहे थे, वे अब सेवाओं से हटने को मजबूर हैं, लेकिन लिखित में नहीं दे रहे हैं।
फिर कोई सबूत नहीं है।
RBI से लिखित पत्राचार:
इससे पहले कि कोई भी एक्सचेंज कोर्ट जाने का फैसला करे,उन्हें RBI से पत्राचार का आदान-प्रदान करना होगा और उन्हें स्थिति से अवगत कराना होगा।(RBI को इसकी जानकारी देनी होगी)
फिर वे आरबीआई के जवाब का इंतजार करेंगे। यह उत्तर आगे के रास्ते के लिए निर्णायक हो सकता है।
पर रुकिए !
IAMAI, भारतीय उद्यम पूंजी और निजी इक्विटी एसोसिएशन (IVCA), भारतीय भुगतान परिषद।
इन संघों का गठन विभिन्न विनियमित गैर-बैंकिंग भुगतान उद्योग के खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व करने और मुद्दों को हल करने में मदद करने के लिए किया गया था।
RBI के साथ संवाद की उम्मीद अब भी है।
रिज़र्व बैंक किन कारणों से चिढ़ा हुआ है ?संभावित कारण।
क) आईपीएल में इश्तेहार -यहाँ पर कुछ इश्तेहार प्रकाशित किए गए जिसमें क्रिप्टो को वैकल्पित निवेश के तौर पर दिखाया गया।
ख) विज्ञापन के समाप्त होने के बाद निवेश से सम्बंधित जोखिम कि चेतावनी को पढ़ा नहीं गया।
ग) DOGE कॉइन का पंप और डंप व इसके चारों ओर मीडिया उन्माद।कुछ लोग इसे कुत्ता कॉइन भी कहते हैं।
एक्सचेंजस कहां पर सुधार कर सकती है ?
1) अनुपालन अधिकारी (compliance officer)को नियुक्त करना।अचंभित करने वाली बात है की कइयों ने यह अभी तक नहीं किया है।
2) उत्तराधिकारी सेवा,नामांकित सुविधाएँ। (Nominee features )
3) मीडिया जिन कॉइन के आवेश में आ जाता है उनकी जाँच करे।
4) उन इश्तेहारों को बंद करें जो फिक्स प्रतिशत में मुनाफे की बात करती हैं।
5) सेल्फ रेगुलेटरी कोड बनाएं।(क्रिप्टो के बारे में एक्सचेंज द्वारा बनाएं जाने वाले अपने नियम -जैसे -KYC ,फ़ोन नंबर,ईमेल वेरिफिकेशन इत्यादि)
6)सभी एक्सचेंज एक इकाई तरह काम करें।
समाप्त ।।
Where exchanges can improve?
1. Appoint compliance officer. Surprisingly couple of them does not have it yet!
2. Nominee features.
3. Check on Media frenzy coins!
4. Stops Ads that talk about % returns.
5. Draft Self Regulatory Code.
6. All exchanges work as a unitTHE END..
— Kashif Raza (@simplykashif) May 10, 2021
यहाँ पर काशिफ रज़ा ने बहुत सारी बातों का जिक्र किया है।मीडिया को रोकन बहुत मुश्किल है क्योंकि मीडिया हमेशा वह लिखती हैं जिस से उन्हें पाठक मिले,अक्सर यूट्यूब पर भी यही होता है।DOGE कॉइन को जितना ज्यादा यूट्यूब ने प्रमोट किया उतना शायद एलोन मस्क ने भी नहीं किया होगा।एलोन मस्क को भी नहीं रोका जा सकता क्योंकि यह उनकी निजी राय है और हो सकता है उन्हें DOGE में भविष्य दिखता हो या उन्हें यह मज़ाक करना अच्छा लगता हो। DOGE कॉइन को एक्सचेंजस कभी मना नहीं करेगी क्योंकि इसका मार्किट कैप 80 बिलियन तक जा चूका है और आज यह कॉइन बाजार में टॉप पांच कॉइन में है।एक्सचेंजस को इस से वॉल्यूम मिलता है और एक्सचेंज का पैसा भी बनता है।निवेशक DOGE खरीदना चाहता है ऐसे में एक्सचेंज इसे अपने पास से उपलब्ध नहीं करवाएगी तो खरीदार कही और से लेगा इस लिए एक्सचेंज अपने उपभोक्ता नहीं खोना चाहती और DOGE को लिस्ट रखने में ही उन्हें सही लगता है।इसकी देखा देखी SHIB कॉइन भी बाज़ार में आ गया है।किसी को भी यह क्रिप्टो बनाने और खरीदने से रोकना बहुत मुश्किल है।निवेशकों को जागरूक करना ही सबसे बेहतर विकल्प है।
RBI के साथ बात तो करनी ही पड़ेगी चाहे वह एक्सचेंजस करें या कोई और संस्था लेकिन क्रिप्टो को बचाना है तो यह तो करना पड़ेगा।बैंक की सुविधा के आभाव में क्रिप्टो जनता तक व्यापक तौर पर नहीं पहुंच पाएगी।यह लड़ाई तो क्रिप्टो समुदाय को लड़नी ही पड़ेगी और ट्वीटर पर ऐसी जानकारी प्रकाशित करने से जागरूगता बढ़ती है।हमे पूरा यकीन है की इस समस्या का समाधान भी जल्द निकल जाएगा।
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