18 जनवरी 2022 मंगलवार (क्रिप्टो न्यूज़ हिन्दी)

आज क्रिप्टो में काम करने वाले अधिकतम लोग अपनी क्रिप्टो को एक्सचेंज पर रखते हैं अगर वह ट्रेडर्स हैं। होल्डर्स वॉलेट का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि उन्हें अपनी क्रिप्टो को जल्दी बेचना नहीं होता। क्रिप्टो एक्सचेंज हर वह संभव प्रयास करती है जिस से उनकी एक्सचेंज पर रखा पब्लिक का फंड सुरक्षित रहे। सारी सुरक्षा के बाद भी समय-समय पर दुनिया की छोटी बड़ी एक्सचेंज की हैकिंग की खबर आती रहती है। क्रिप्टो एक्सचेंज इंश्योरेंस के द्वारा डेपोसिटर्स का पैसा सुरक्षित करने की कोशिश करती है लेकिन सभी एक्सचेंज ऐसा नहीं करती।

क्रिप्टो एक्सचेंजस का इतिहास देखें तो कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज के हैक इतने बड़े रहे हैं कि लोग उन्हें आज तक नहीं भूले। Mt. Gox आज तक का सबसे बड़ा क्रिप्टो और बिटकॉइन हैक माना जाता है। इस एक्सचेंज से करीब 8 लाख बिटकॉइन हैक हुआ था। KuCoin एक्सचेंज से 2020 में $281m कीमत की क्रिप्टो हैक हुई थी। UpBit जैसी बड़ी एक्सचेंज से भी 2019 में करीब 45 मिलियन डॉलर की क्रिप्टो को हैक किया गया था मात्र एक ट्रांजक्शन में। दुनिया में सबसे बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज बिनान्स भी हैकर्स से नहीं बच पाई और 2019 में करीब 7000 बिटकॉइन इस एक्सचेंज से हैक किए गए।

अगर बहुत पुरानी बात न भी करें तो 8 जनवरी 2022 यानि एक हफ्ता पहले ही LCX एक्सचेंज से हैकर्स ने 6.8 मिलियन डॉलर के ERC20 टोकन हैक कर लिए थे। आज की बात करें तो क्रिप्टो डॉट कॉम एक्सचेंज से करीब 4600 ईथेरियम यानि करीब 15 मिलियन डॉलर ट्रांसफर हुआ है। यह खबर अभी एक्सचेंज ने नहीं दी है लेकिन फाउंडर्स का एक ट्वीट इस बारे में पब्लिश किया गया है।

क्रिप्टो एक्सचेंजस कभी भी खुद पहले यह नहीं बताती कि उनकी एक्सचेंज हैक हुई है। इस बात का पता तब चलता है जब ब्लॉकचेन सुरक्षा करने वाली कम्पनी ब्लॉकचेन पर कुछ बड़ी और शंका पैदा करने वाली ट्रांजक्शन के बारे में जानकारी देती हैं। इसके बाद क्रिप्टो एक्सचेंज पब्लिक को ट्वीट या अपनी वेबसाइट के माध्यम से यह जानकारी देती हैं। इसके बाद एक्सचेंज यह कहती हैं कि उनकी इन्वेस्टिगेशन एजेंसी इस बारे में जानकारी ले रही हैं और जानकारी मिलने के बाद बताया जाएगा।

एक्सचेंज कभी भी पहले यह जानकारी क्यों नहीं देती ? पहली बात यह है कि हैकिंग कि खबर से एक्सचेंज कि साख ख़राब होती है और उनकी एक्सचेंज पर ट्रेडर्स और निवेशकों का विश्वास कम होता है। दूसरा और बड़ा कारण यह है कि एक्सचेंज हैकिंग की खबर से क्रिप्टो बाजार में डर पैदा होता है और क्रिप्टो की कीमतों में गिरावट आती है।

अक्सर क्रिप्टो प्रोजेक्ट्स और क्रिप्टो एक्सचेंजस हैक होती रहती है लेकिन पता तभी चलता है जब यह हैकिंग कोई पकड़ लेता है। आज बिनान्स एक्सचेंज से कुछ संदेह पैदा करने वाली ट्रांजक्शन हुई हैं। हम यह नहीं कह रहे हैं कि यह कोई हैकिंग है लेकिन इस से इंकार भी नहीं किया जा सकता। BSCSCAN पर आप नीचे दिए गए ट्रांजक्शन हैश को देखें।

https://bscscan.com/tx/0xd02e444d0ef7ff063e3c2cecceba67eae832acf3f9cf817733af9139145f479b

यह कोई सामान्य ट्रांजक्शन नहीं लगती। अब यह हैक है या नहीं यह तो थोड़े दिन में पता चल जाएगा लेकिन एक्सचेंज अक्सर ऐसी बातो को तब तक छुपाती हैं जब तक इसकी जानकारी किसी और को न हो जाए। आज ही crosswise.finance एक्सचेंज जो एक हफ्ता पहले ही शुरू हुई है इनके स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट की एक कोडिंग के कारण $879K हैक कर लिया गया। इस बारे में अभी तक crosswise.finance ने तो कोई जानकारी नहीं दी है लेकिन ब्लॉकचेन सुरक्षा करने वाली कंपनी PackShield ने एक ट्वीट के द्वारा यह सारी जानकारी दी है।

इसके बाद अगर एक्सचेंज यह कहे कि पब्लिक का पैसा सुरक्षित है तो यह सही नहीं होगा। एक्सचेंज पर किसकी क्रिप्टो रखी होती है ? क्रिप्टो चाहे पब्लिक की हो या एक्सचेंज की, हैक होना सुरक्षा की खामी दिखाता है जिसे एक्सचेंजस को ठीक करना चाहिए। अगर एक्सचेंज इस बारे में नहीं सोचेंगी तो इसका नुकसान एक्सचेंज को तो होगा ही लेकिन ज्यादा नुकसान क्रिप्टो को होगा। समय समय पर क्रिप्टो एक्सचेंज को अपनी सुरक्षा का ऑडिट करवाना चाहिए। नुकसान होने के बाद लोगों को पैसा देने से बेहतर है कि ऑडिट पर पैसा खर्चा किया जाए।

क्रिप्टो समुदाय को भी ब्लॉकचेन पर होने वाली ट्रांजक्शन पर नज़र रखनी चाहिए। अगर कोई भी संदेह पैदा करने वाली ट्रांजक्शन दिखे तो तुरंत उस प्लेटफार्म को खबर करनी चाहिए जहां से यह ट्रांजक्शन हुई है ताकि समय रहते एड्रेस को ब्लॉक किया जा सके। हम सब मिल कर एक बेहतर क्रिप्टो कि दुनिया बना सकते हैं।

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