14 जुलाई 2023 शुक्रवार (क्रिप्टो न्यूज़ हिन्दी)
● रिप्पल और एसईसी का मामला 2020 में शुरू हुआ।
● एसईसी ने रिप्पल लैब्स और उसके सह-संस्थापक ब्रैड गारलिंगहाउस और क्रिस लार्सन पर आरोप लगाया कि उन्होंने एक्सआरपी की बिक्री करके संघीय प्रतिभूति कानूनों का उल्लंघन किया है।
●रिपल लैब्स ने इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि एक्सआरपी एक प्रतिभूति नहीं है, बल्कि एक डिजिटल पेमेंट प्रोटोकॉल है।
●13 जुलाई को कोर्ट ने फैसला रिप्पल के पक्ष में सुनाया।
रिप्पल और एसईसी केस एक कानूनी मामला है जो रिप्पल लैब्स और यूनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) के बीच चल रहा है। एसईसी ने रिप्पल लैब्स पर आरोप लगाया है कि उसने एक्सआरपी टोकन की बिक्री करके संघीय प्रतिभूति कानूनों का उल्लंघन किया है। रिपल लैब्स ने इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि एक्सआरपी एक प्रतिभूति नहीं है, बल्कि एक डिजिटल पेमेंट प्रोटोकॉल है।
यह मामला 2020 में शुरू हुआ जब एसईसी ने रिपल लैब्स और उसके सह-संस्थापक ब्रैड गारलिंगहाउस और क्रिस लार्सन पर आरोप लगाया कि उन्होंने एक्सआरपी की बिक्री करके संघीय प्रतिभूति कानूनों का उल्लंघन किया है। एसईसी ने आरोप लगाया कि एक्सआरपी एक प्रतिभूति है, क्योंकि इसे रिप्पल लैब्स द्वारा निवेशकों को मुनाफा कमाने के लिए बेचा गया था. रिप्पल लैब्स ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि एक्सआरपी एक प्रतिभूति नहीं है, बल्कि एक डिजिटल पेमेंट प्रोटोकॉल है।
13 जुलाई, 2023 को, यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ऑफ द साउथर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ न्यूयॉर्क के जज अनालिसा टोरेस ने रिप्पल लैब्स और उसके दो सह-संस्थापक ब्रैड गारलिंगहाउस और क्रिस लार्सन के खिलाफ सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) के मामले में एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया। जज ने फैसला सुनाया कि एक्सआरपी, रिप्पल लैब्स का मूल टोकन, एक प्रतिभूति नहीं है जब इसे डिजिटल एसेट एक्सचेंजों के माध्यम से प्रोग्रामेटिक रूप से बेचा जाता है। हालांकि, जज ने फैसला सुनाया कि एक्सआरपी एक प्रतिभूति है जब इसे इंस्टीट्यूशनल निवेशकों को बेचा जाता है।
यह फैसला क्रिप्टोकरेंसी उद्योग के लिए एक बड़ी जीत है, क्योंकि यह निर्धारित करता है कि एक्सआरपी को प्रतिभूतियों के रूप में विनियमित नहीं किया जाएगा जब इसे डिजिटल एसेट एक्सचेंजों के माध्यम से प्रोग्रामेटिक रूप से बेचा जाता है। यह फैसला अन्य क्रिप्टोकरेंसी कंपनियों के लिए भी एक राहत है, जो एसईसी से मुकदमों का सामना कर रही हैं।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह फैसला मामले का अंत नहीं है। एसईसी अभी भी मामले में आगे बढ़ सकता है और रिप्पल लैब्स और उसके सह-संस्थापकों पर आरोप लगा सकता है कि उन्होंने इंस्टीट्यूशनल निवेशकों को एक्सआरपी बेचकर संघीय प्रतिभूति कानूनों का उल्लंघन किया है.
यह फैंसला आने के बाद कल से क्रिप्टो बाजार लगातार ऊपर की तरफ भाग रहा है। एक्सआरपी 50% से अधिक की बढ़त बनाए हुए है और यह 0.90$ से भी ऊपर चला गया था। अगले वर्ष अमेरिका में चुनाव है और एसईसी की यह हार मुख्य भूमिका निभा सकती है। इस हार के बाद एसईसी क्रिप्टो पर और सख्त रूख अपना सकता है जैसे भारत में रिजर्व बैंक की हार के बाद हुआ था। फिलहाल क्रिप्टो बाज़ार के लिए अमेरिका में राहत की बात है। इस फैसले के बाद अमेरिकी क्रिप्टो एक्सचेंजस पर फिर एक्सआरपी की ट्रेडिंग शुरू हो गई है।
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सीजी बिनांस का कहना है की उन्होंने कभी इसे डिलिस्ट किया ही नहीं था।
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इस फैंसले के बाद कुछ ट्रेडर्स ने बडा मुनाफा कमाया है। देखना यह होगा कि अब एसईसी का अगला कदम क्या होगा?
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